(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। जनपद में 10 अगस्त से दो सितम्बर तक फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान चलेग। इसी क्रम में शुक्रवार को डलमऊ ब्लाक सभागार में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा स्वयंसेवी संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेश नल (पीसीआई) के सहयोग से 35 ग्रामप्रधानों का संवेदी करण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए खंड विकास अधि कारी सत्यदेव यादव ने ग्राम प्रधानों से अपील की कि आई डीए अभियान के तहत वह स्वयं तो फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें साथ ही अपने परिवार के सदस्यों और गाँव वासियों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
आप लोग अपने-अपने गाँव को फाइलेरिया मुक्त बनाने में सहयोग करें।
इस मौके पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अभिषेक यादव ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होती है। इससे जान तो नहीं जाती है लेकिन पीड़ित जीवन भर के लिए दिव्यांग हो जाता है। इससे बचने का उपाय है मच्छर से बचना और साल में एक बार आयोजित आईडीए अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना।
आईडीए अभि यान के तहत लगातार तीन साल तक साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अभियान के तहत तीन दवाएं अल्बेंडा जोल, डाईइथाइल कार्बा मजीन और आइवरमेक्टिन खिलायी जाएगी।
यह दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोडकर सभी को खानी है।
फाइलेरिया पीड़ितों को भी फाइलेरिया रोधी दवा का एवं करना है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ लोगों में चक्कर आना, पेट में दर्द, उल्टी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इससे पता चल गया कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी थे। फाइलेरियारोद्दी दवा सेवन के बाद फाइलेरिया के परजीवियों के मरने के परिणामस्वरूप यह प्रतिक्रिया होती है।
घबराने की जरूरत नहीं है। यह अपने आप कुछ देर में ठीक हो जाते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
बीसीपीएम सुधांशु त्रिपाठी ने उपस्थित सभी लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ दिलाई। इस मौके पर पीसी आई के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
आईडीए अभियान को लेकर प्रधानों को किया गया प्रशिक्षित
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