(बीके सिंह) सीतापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) द्वारा नाबालिक को बहला-फुसला कर भगा ले जाने व दुराचार के मामले में अभियुक्तों अभियुक्तगण अमरनाथ, रामकिशुन व राजू रैदास प्रत्येक को धारा-376 भा0द0सं0 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रूपए के अर्थदण्ड से तथा धारा-366 भा0दं0सं0 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से एवं धारा- 5 (एल)/6 लैगिंग अपराधांे से बालकों का संरक्षण अधिनियम में पन्द्रह वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया। थाना सदरपुर के वादी की 16 वर्षीया पुत्री 25 मार्च 2013 को गायब हो गयी थी। गुमशुदगी थाने में लिखाया था, तलाश के दौरान ग्राम सरैया महीपति सिंह के लोगों ने बताया कि होली के दो दिन पहले गांव का राजू रैदास व उसका छोटा बहनोई अमरनाथ जो ग्राम अहमदपुर थाना मानपुर जिला सीतापुर का रहने वाला है मंण्डली में नाचता है। होली से पहले अपने गांव में मण्डली नौटंकी की थी। दोनो ने मोटर साइकिल पर एक गोरी पतली लड़की 15-16 साल उम्र की देवकलिया की तरफ जाते हुये लोगों ने देखा था। सूचना पर 04 मई 2013 को मैं तथा मेरा लड़का जगदीस प्रसाद वर्मा व गांव के उमाशंकर वर्मा के साथ बाजार मानपुर गए। समय करीब 1 बजे दिन में अहमदपुर की तरफ से एक बिना नंबर की बुलौरो गाड़ी जिसमें पीड़िता लड़की व अमरनाथ जो मेरे गांव में नाचा था व अमरनाथ का भाई रामकिशुर उर्फ सुल्ताना जो नाच के समय मेरे गांव आए थे, इन लोगों को हम लोग पहले से जानते पहचानते थे तथा उसके साथ सरैया महिपति सिंह का राजू भी बैठा था। हम लोगों ने गाड़ी रोकने का प्रयास किया तो गाड़ी लेकर भाग गए। तब मानपुर बाजार के लोगों ने बताया कि एक माह पहले से यह लड़की अमरनाथ के साथ रह रही है। जिससे शादी करके लाना बताता है। मेरी नाबालिक लड़की को अमरनाथ व उसका भाई राम किशुन व राजू बहला-फुसलाकर भगा ले गए है। पुलिस ने मु0अ0 सं0-67/2013 अंतर्गत धारा 363, 366, 376 भा0द0सं0 व धारा 3/4 पाक्सो एक्ट विचारण के लिए न्यायालय प्रेषित किया गया। अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के साथ बचाव पक्ष ने भी अपनी दलील प्रस्तुत की। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा उक्त घटना के सम्बन्ध में विचारण करते हुए आदेश पारित किया गया। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) द्वारा अभियुक्तगण अमरनाथ, रामकिशुन व राजू रैदास प्रत्येक को धारा-376 भा0द0सं0 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रूपए के अर्थदण्ड से तथा धारा-366 भा0दं0सं0 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रूपए के अर्थदण्ड से एवं धारा- 5 (एल)/6 लैगिंग अपराधांे से बालको का संरक्षण अधिनियम में पन्द्रह वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा करने में विफल रहने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारवास की सजा भुगतने तथा इस मुकदमें में अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि इस सजा में समायोजित की गई। अर्थदण्ड की अधिरोपित धनराशि से पन्द्रह हजार रूपए प्रश्नगत प्रकरण की पीड़िता को प्रतिकर के रूप में उसकी पहचान सुनिश्चित करने के पश्चात प्रदान करने का आदेश पारित किया गया। अभियोजन पक्ष की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मोनिका शुक्ला व मो0 इश्तियाक द्वारा की गई।
न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) द्वारा अभियुक्तों को सश्रम कारावास
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