(वाई पी सिंह) लालगंज, रायबरेली कव्यालोक साहित्यिक एवम सामाजिक संस्था लालगंज नगर की एक सक्रिय संस्था है जिसकी साहित्यिक सक्रियता से जनपद ही नहीं प्रदेश व देश का साहित्य प्रेमी समाज परिचित है। प्रति वर्ष राष्ट्रीय नवगीतकर डा. शिवबहादुर सिंह भदौरिया की जयंती समारोह व पुण्य तिथि पर साहित्यिक अनुष्ठान साहित्य समाज का पवित्र पर्व है।
स्मृतिशेष डा. शिवबहादुर सिंह भदौरिया के सुपुत्र डा. विनय भदौरिया वर्तमान में नवगीत की परम्परा को पूरी लगन व निष्ठा के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। पेशे से अधिवक्ता डा. विनय भदौरिया अपने व्यस्ततम जीवन शैली से समय निकाल कर साहित्य की हर विधा में साधना कर रहे हैं। अक्सर उनके आवास पर देश के ख्याति प्राप्त साहित्यकारों का जमावड़ा लगा रहता है। इसी क्रम में आज बैसवारे की पवित्र धरा के धूल पुर गांव में जन्में बाबा कानपुरी का वर्तमान में पूरे देश के श्रेष्ठ रचनाकारों में सम्मिलित नाम हैं। कार्यक्षेत्र कानपुर होने के कारण उपनाम कानपुरी के नाम से विख्यात श्री बाबा साहित्य की लगभग हर विधा के सफल रचनाकार हैं। वर्तमान में नोएडा में निवास कर रहे श्री बाबा टेलीफोन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। जो वर्तमान में साहित्य सेवा में लगे हुए हैं। गोष्ठी में श्री बाबा को अंग वस्त्र व प्रतीक चिह्न प्रदान कर काव्यालोक परिवार की ओर से सम्मानित किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ डा. विनय भदौरिया की सरस्वती वन्दना से हुआ। तत्पश्चात प्रधानाचार्य राम प्रताप सिंह ने आए हुए अतिथियों का अपने स्वागत भाषण के माध्यम से स्वागत किया। आए हुए अतिथियों का आभार संस्था के महामंत्री अवनेंद्र सिंह ने प्रकट किया।
इस मौके पर सुरेश आचार्य, उदय बाजपेई, डा. अविनाश सिंह व अजय प्रताप सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
बाबा कानपुरी का लालगंज में काव्यालोक परिवार ने किया सम्मान
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