कदौरा ब्लाक जहां भृष्ट अधिकारी गरीबो की नरेगा मजदूरी भी नही छोड़ रहे, डीएम से शिकायत
(’मोनू शर्मा) कदौराध्जालौन 7सितंबर।केंद्र सरकार की प्रमुख प्रधानमंत्री आवास योजना में पारदर्शिता रखते हुए गरीबो को लाभ दिलाने के लिए सरकार हर सम्भव मदद कर रही है लेकिन ब्लाक में बैठे कुछ भृष्ट अधिकारी व कर्मचारी प्रधान व रोजगार सेवक मिलकर उक्त योजना में पलीता लगाकर गरीब पात्रो को रुलाने पर मजबूर किये है अब देखिए न कदौरा ब्लाक के मामले में एक ग्रामीण को प्रधानमंत्री आवास मिला तो उससे पहले 10 हजार रुपये रिश्वत बतौर ले लिए और उसकी नरेगा मजदूरी 18 हजार किसी फर्जी खाते में डलवाकर मजदूरी भी डकार ली गई जिसके लिए मजदूर दम्पत्ति दर बदर भटक रहा है जिसने जिलाधिकारी सहित जनसुनवाई में शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
गौरतलब हो कि विकास खण्ड कदौरा की ग्राम पंचायत पाली(अभिरवा) निवासी मजदूर गोरेलाल पुत्र रामरतन द्वारा जिलाधिकारी व जनसुनवाई में शिकायत कर बताया कि उसकी पत्नी सुमन के नाम प्रधानमंत्री आवास 2020-21 में मिला था जिसके बाबत प्रधान द्वारा पहले सुविधा शुल्क बतौर 10 हजार ले लिए और जिसे मजदूर द्वारा 1 माह पहले बनवाकर तैयार कर लिया तो उसे केवल 1 लाख 10 हजार रुपये ही किश्तों में दिए गए थे एव लाभार्थी को नरेगा से मिलने वाली 18 हजार रकम में एक फूटी कौड़ी भी नही दी गई जबकि उक्त पति पत्नी के जाबकार्ड की बजाय उक्त 18 हजार की मजदूरी फर्जी तौर पर किसी दूसरे के फर्जी खाते में डलवा दी गई और जॉब कार्ड मजदूर का ही लगा है व कार्य भी इसी के नाम दिखाया गया है।
जानकारी होने पर मजदूर गोरेलाल द्वारा कई बार बीडीओ सचिब प्रधान रोजगार सेवक से कहा तो उसे भगा दिया गया एव सचिब सिकन्दर सिंह ने कहा कि चुप रहो नही बुराई हो जाएगी।ज्यादा हो तो कुछ रुपये अपने खाते में डलवा लो।जबकि उक्त मजदूर दम्पत्ति के नाम जॉब कार्ड में काम तो शो कर रहा है लेकिन उसके नीचे मजदूर का खाता नम्बर न लगाकर दूसरे का खाता लगा दिया है जिससे 5 वर्षों से दूसरे खाते में ही पैसा जा रहा है।
मायूस मजदूर दम्पत्ति द्वारा प्रसाशन डीएम सीडीओ से जांच कार्यवाही की मांग की है।
बड़ी हैरत की बात है कि इतने सुबूत व भृस्टाचार के आधारित प्रमाण होने के बावजूद उच्चाधिकारी गौरतलब कार्यवाही करने लगे तो सुधार होने लगे अन्यथा सरकारी धन की लूट उनके ही नुमाइंदे करने में लगे है। प्रसाशन किसी भी गांव में नरेगा की जांच करे तो कुछ रोजगार सेवक से लेकर प्रधान सचिव बीडीओ तक पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है।