प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान के साथ उन्हें रोजगार से लगाकर, बना रही है आत्मनिर्भर

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(धर्मेन्द्र सिंह) भारतीय संस्कृति में महिलाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। वे समाज के हर कार्य में हाथ बॅटाती रही हैं। प्राचीनकाल में महिलायें विदुषी, ज्ञानी और सामाजिक व्यवस्था की पोषक रही हैं। महिलाये केवल गृहिणी ही नहीं बल्कि वे राजसत्ता चलाने में भी निपुण रही हैं। आज हमारे देश में महिलायें उद्योग, व्यापार, शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, तकनीकी, फोर्स, खेल आदि विभिन्न क्षेत्रों में कुशलतापूर्वक कार्य करते हुए राष्ट्र की सेवा कर रही हैं। ग्रामीण स्तर पर विभिन्न कुटीर उद्योगों, गृह उद्योगों कृषि कार्यों आदि में उनका विशेष योगदान है। आज महिलायें हर क्षेत्र में कार्य करते हुए परिवार की आर्थिक बुनियाद मजबूत कर रहीं हैं, साथ ही राष्ट्र के विकास में सहभागी बन रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की महिलाओं की सशक्तीकरण व सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और रोजगार से लगाने की जो संकल्पना की थी वह पूरी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं के चतुर्दिक विकास के लिए अनेक योजनायें संचालित कर उन्हंे लाभान्वित कर रही है। प्रदेश सरकार की संचालित योजनाओं से करोड़ो बालिकायें, महिलायें लाभान्वित हुई और सरकार की योजनाओं की प्रशंसा कर रही है। महिलाओं के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित हैं।मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना-प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने व कन्या भू्रण हत्या को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ़ करने, बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा बालिकाओं के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करने हेतु उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने मार्च, 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की घोषणा की थी। यह योजना 01 अप्रैल, 2019 से लागू हो गयी। योजना के संचालन हेतु वेब पोर्टल यउोलण्नचण्हवअण्पदद्ध का विकास किया गया है। योजना के अन्तर्गत देय धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सीधे लाभार्थी पात्र के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जाती है। योजना के अन्तर्गत मुख्यतः ऐसे लाभार्थी पात्र होते हैं जिनका परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रू0 3.00 लाख तथा जिनके परिवार मंे अधिकतम दो बच्चे हों।
योजना के अन्तर्गत बालिकाओं को कुल 4 श्रेणियों में सहायता दी जाती है। जन्म के समय रु0 2000, एक वर्ष के टीकाकरण पूर्ण करने पर रु0 1000, कक्षा-1 में प्रवेश के समय रु0 2000, कक्षा-6 में प्रवेश के समय रु0 2000, कक्षा-9 में प्रवेश के समय रु0 3000 तथा दसवींध्बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या दो वर्षीय या अधिक के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर रु0 5000 एकमुश्त प्रदान किये जाते हैं। योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में कुल 3.67 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। इस वर्ष भी हजारों कन्याओं के खातों में मुख्यमंत्री जी ने धनराशि भेजी है।
महिला हेल्प लाइन 181- महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 181-महिला हेल्पलाईन के रूप में पहल की गयी है। 181 एक टोल फ्री नम्बर है, जो 24ग7 घण्टे कार्य करता है। महिला हेल्पलाईन पर कोई भी महिला एवं बालिका जो विषम परिस्थितियों से ग्रस्त हो अथवा उसको किसी भी अन्य प्रकार की समस्या या आवश्यकता की पूर्ति हेतु सलाह की आवश्यकता हो, टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर सहायता प्राप्त कर सकती है। वर्ष 2020-21 में योजना के अन्तर्गत 19189 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है। वर्तमान वर्ष में भी महिलाओं की सहायता की जा रही है।
वन स्टाप सेंटर योजना- भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित वन स्टाप सेंटर का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2016-17 में किया गया था। योजना का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समस्त आवश्यक सेवायें जैसे पीड़ित महिला को अल्प प्रवास (पांच दिवस), चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवायें विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10,226 महिलाओंध्बालिकाओं को सहायता उपलब्ध करायी गई है। जो सतत् संचालित है।
पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को रु0 500 प्रतिमाह की दर से चार तिमाही में पेंशन का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं जो उत्तर प्रदेश की स्थाई निवासी हो व उनकी पति की मृत्यु हो चुकी हो तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय रु0 2.00 लाख से अधिक न हो। पात्र लाभार्थियों को देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से उनके बैंक खाते में हस्तान्तरित की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 27.95 लाख लाभार्थियों की लाभान्वित किया गया है। उपरोक्त के अंतर्गत गत वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना विशेष पैकेज के रूप में पात्र लाभार्थियों को नियमित अनुदान के साथ ही रु0 500 की 02 किश्तों में रु0 1000 की अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गयी है।
बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ योजना- यह योजना भारत सरकार द्वारा शत्-प्रतिशत प्रायोजित योजना है। योजना का उद्देश्य गिरते हुए लिंगानुपात में सुधार करना, बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देना तथा बालिका के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करना है। यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के अंतर्गत आच्छादित जनपदों द्वारा कुल रु0 10.11 करोड़ व्यय किये गये हैं तथा कुल 1.96 लाख गतिविधियों के माध्यम से 73.60 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है।
महिला शक्ति केन्द्र- महिला शक्ति केन्द्र योजना महिलाओं को अपने अधिकार प्राप्त करने, जागरूकता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने हेतु सरकार से सम्पर्क करने के लिये इंटरफेस प्रदान करती है। इस योजना के अंर्तगत वर्तमान में प्रदेश में 64 जनपदों में महिला शक्ति केन्द्रों में स्टाफ का चयन करके संचालन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 37,406 गतिविधियों के माध्यम से 18.46 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है तथा 12.76 महिलाओं व बालिकाओं को महिला केंद्रित योजनाओं से जोड़ा गया है। रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष-महिलाओं व बालिकाओं के विरूद्ध होने वाले जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के प्रति प्रदेश सरकार अत्यंत संवेदनशील है। कोष के अंर्तगत जघन्य अपराध से पीडित महिलाओं व बालिकाओं को 1 लाख से 10 लाख रूपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है। साथ ही निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। योजना के अंर्तगत वर्ष 2020-21 में 721 अनुमोदित प्रकरणों के साथ कुल 4937 महिलाओं तथा बालिकाओं को आर्थिक सहायता दी गई है।
मिशन शक्ति अभियान-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस हेतु में मा0 मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘‘महिलाआंें तथा बच्चों की सुरक्षा, सशक्तिकरण व सम्मान‘‘ के उदद्ेश्यों के साथ ‘‘मिशन शक्ति‘‘ के रूप में वृहद अभियान की शुरूआत शरदीय नवरात्र के अवसर पर 17 अक्टूबर 2020 से की गई है। जिसका संचालन उ0प्र0 महिला कल्याण, पुलिस, सहित 27 विभागों तथा समाज-सेवी संस्थायें तथा शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जा रहा है।
महिलाओं तथा बच्चों से सम्बन्धित हिंसा की प्रमुख समस्याओं में घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, छेड़खानी, बलात्कार, यौन हमला, यौन शोषण, यौन दुर्व्यवहार, ऐसिड अटैक, साइबरक्राईम, कार्यस्थल सहित अन्य स्थानों पर मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न तथा शोषण, तस्करी, बाल-विवाह, भेदभाव, बालश्रम, आदि शामिल हैं। ‘‘मिशन शक्ति‘‘ के माध्यम से महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित इन सभी मुद्दों पर सरकार में शामिल प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों में कार्यरत् अधिकारियों व कार्मिकों सहित जनसामान्य को जागरूक करने हेतु भरसक प्रयास किया जा रहा है। साथ ही इसके माध्यम से प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों विशेषकर बालिकाओं व युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।युवाओं मुख्य रूप से बालिकाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने व उन्हें विभिन्न प्रशासनिक पदों तथा व्यवसायों में शामिल होने हेतु ‘‘प्रशासन की पाठशाला‘‘ का आयोजन भी किया गया और प्रदेश में ‘‘मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक मुद्दों‘‘ के प्रति भी समाज में जागरूकता की गई। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से समस्त थानों में ‘‘महिला हैल्प डैस्क‘‘, ‘‘पिंक बूथ‘‘, ‘‘पिंक टायलेट‘‘ तथा ‘‘पिंक स्कूटी‘‘ की शुरूआत भी की गई है।

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