हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार तड़के निधन हो गया।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार तड़के निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। इंदिरा गांधी चिकित्सा कॉलेज (आईजीएमसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनक राज ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने तड़के 3.40 बजे अंतिम सांस ली।
पांच बार सांसद और नौ बार विधायक रहे वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। पूर्व मुख्यमंत्री 11 जून को दो महीने में दूसरी बार कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। इससे पहले वह 12 अप्रैल को इस महामारी की चपेट में आए थे। उस समय उन्हें चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहली बार संक्रमण से उबरने के बाद वह चंडीगढ़ से 30 अप्रैल को यहां अपने निवास होली लॉज लौट आए थे। हालांकि घर पहुंचने के कुछ ही घंटों के बाद सांस लेने में तकलीफ और हृदय संबंधी शिकायतों के बाद उन्हें आईजीएमसी में भर्ती कराना पड़ा। तभी से वहां उनका इलाज हो रहा था। सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह भी राजनीति में हैं। प्रतिभा पूर्व सांसद हैं जबकि विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण से विधायक हैं। गत 23 जून को परिवार ने वीरभद्र सिंह का 87वां जन्मदिन घर पर उनके समर्थकों की मौजूदगी में केक काटकर साधारण तरीके से मनाया था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आठ अप्रैल 1983 से 26 दिसंबर 2017 तक छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह मार्च 1998 से मार्च 2003 तक विपक्ष के नेता भी रहे। उन्होंने केंद्र सरकार में पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री और उद्योग राज्यमंत्री का पद भी संभाला। सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री के रूप में भी काम किया।
दिसंबर 2017 में वह सोलन ज़िले के अर्की विधानसभा क्षेत्र से 13 वीं विधानसभा के लिए फिर से चुने गए थे। उन्होंने राज्य विधानसभा में जुब्बल-कोटखई, रोहरू और शिमला ग्रमीण क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया। वह कई दफे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। उनका जन्म 23 जून 1934 को हुआ था।