(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। शहर राय बरेली के इन्दिरा नगर निवासी एवं सेवानिवृत्त ज्वाइन्ट कमि श्नर राज्य कर दीपक कुमार ने देश के प्रधानमंत्री, उ0प्र0 के मुख्यमन्त्री, अध्यक्ष राजस्व परिषद उ0प्र0 एवं कमिश्नर लखनऊ मण्डल को शिका यती पत्र भेजकर रायबरेली जनपद में सेवारत उपजिलाधिकारीध्अतिरिक्त मजिस्ट्रेट द्वितीय आशुतोष राय द्वारा किये जा रहे मनमाने फैसलों पर उंगली उठाते हुए जांच की मांग की है। शिकायती प्रार्थना-पत्र में एक व्यक्तिगत मुकदमे का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि विभिन्न ग्राम सभाओं में स्थित भूूमि के विवादों में भू माफियाओं के दबाव में फैसले लिये जाते हैं।
जिलाधिकारी सहित विभिन्न उच्चाधिकारियों को भेजे गये प्रार्थना-पत्र में लिखा गया है कि वाद संख्या टी- 2012105803154 सीमा बनाम कमलेश रस्तोगी आदि न्यायालय श्रीमान् उपजिला धिकारी/अतिरिक्त मजिस्ट्रेट द्वितीय रायबरेली के यहाँ विचा राधीन था, उक्त वाद में बहस हेतु दिनांक 07.08.2024 की तिथि नियत थी।
दिनांक 07.08.2024 को मेरी पत्नी श्रीमती सीमा श्रीवास्तव की तरफ से एक प्रार्थना-पत्र उपजिलाधिकारी /अतिरिक्त मजिस्ट्रेट श्री आशुतोष राय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके साथ अपर आयुक्त लखनऊ मण्डल, लखनऊ के कार्यालय द्वारा जारी प्रश्नोत्तर (छाया प्रति संलग्न) को संलग्न कर यह प्रार्थना की गयी थी कि वाद की सुनवाई हेतु अपर आयुक्त लखनऊ मण्डल लखनऊ के यहाँ दिनांक 23.09.2024 की तिथि नियत होने के कारण वाद की सुनवाई स्थगित किये जाने का अनुरोध किया गया था। श्री आशुतोष राय द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र का कोई संज्ञान न लेकर तथा प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र का निराकरण किये बगैर विपक्षी अधिवक्ता की बहस को सुना गया।
अपीलान्ट को बहस हेतु दिनांक 09.08.2024 की तिथि नियत की गयी थी, दिनांक 09.08.2024 को अद्दि वक्ता महोदय, के बाहर होने के कारण दिनांक 20.08.2024 को अधिवक्ता महोदय, के माध्यम से लिखित बहस दाखिल की गयी है दिनांक 30.08.2024 को विपक्षीगणों द्वारा खुलेआम यह कहा जाने लगा कि उपरोक्त वाद में दिनांक 22ध्23.08.2024 की तारीख में आदेश होगा और मेरे पक्ष में होगा। तत्पश्चात श्रीमती सीमा श्रीवास्तव द्वारा एक प्रार्थना-पत्र आपके कार्यालय में दिया गया, किन्तु कोई कार्यवाही न होने के कारण दिनांक 31.08.2024 को भारत के प्रधानमन्त्री एवं उ0प्र0 के मुख्यमन्त्री के शिका यती पोर्टल पर दर्ज करायी गयी एवं राजस्व परिषद लख नऊ को रजिस्ट्री की गयी। मुख्यमन्त्री एवं प्रधानमन्त्री पोर्टल के आईजीआरएस की जांच आपके यहाँ प्राप्त होने पर उक्त शिकायत की जांच लेखपाल रवि कुमार को दी गयी, लेखपाल रवि कुमार द्वारा मुझे फोन करने पर मेरे द्वारा बयान दिया गया, मेरे द्वारा दिये गये बयान में यह स्पष्ट किया गया था कि उक्त शिकायत आशुतोष राय उपजिलाधिकारी/अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के विरूद्ध है, आप के द्वारा जांच किये जाने का कोई औचित्य नहीं है, दिनांक 02.09.2024 को दोपहर 2ः00 बजे आदेश की जान कारी होने पर अधिवक्ता के माध्यम से नकल आदेश जारी करने हेतु प्रार्थना-पत्र दिया गया। नकल दिनांक 04.09.2024 को प्राप्त होने पर ज्ञात हुआ कि आदेश दिनांक 24.08.2024 को बारकोड से प्रिन्ट हुआ है, जबकि आशुतोष राय उपजिलाधिकारी/अति रिक्त मजिस्ट्रेट द्वारा दिनांक 22.08.2024 में हस्ताक्षर किये गये हैं और 22.08.2024 को खुली अदालत में आदेश सुनाया जाना अंकित किया गया है, जो पूर्णतया गलत है, उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि आशुतोष राय उपजिलाद्दि कारी/अतिरिक्त मजिस्ट्रेट द्वारा मनमाने ढंग से बैक डेटिंग करते हुए त्रुटिपूर्ण आदेश पारित किये जा रहे हैं, श्री राय द्वारा पारित समस्त आदेशों की जांच करायी जाय तो स्पष्ट हो जायेगा कि एक अधिवक्ता विशेष के पक्ष में जानबूझकर गलत एवं मनमाने ढंग से आदेश पारित किये जा रहे हैं, उप जिलाधिकारी श्री राय द्वारा कई ग्राम सभाओं की भूमियों के भी आदेश मनमाने ढंग से पारित किये गये हैं।
दीपक कुमार ने शिका यती अधिकारी से एक श्रेंणी ऊपर के अधिकारी से जांच कराये जाने की मांग करते हुए स्वयं को भी जांच कार्य वाही में शामिल किये जाने की मांग भारत देश के प्रधान मन्त्री, उ0प्र0 के सीएम सहित उच्चाधिकारियों से की है।
अतिरिक्त मजिस्ट्रेट आशुतोष राय के फैसलों की जांच करायी जाय – दीपक कुमार
Read Time6 Minute, 33 Second