अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव के बीच 17 अप्रैल 2024 रामनवमी पर देश को राममय बनाने की संभावना

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया- वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां में 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का महापर्व देखा और करोड़ों भक्त गानों का रुझान आध्या त्मिक आस्था के प्रति पूरी दुनियां ने देखा जो राममय में सराबोर हो गए राजनीतिक विशेषज्ञों को आभास जरूर हुआ होगा कि यह ट्रेंड वोटो में तब्दील होकर कहां जाएगा।
मेरा ऐसा अंदेशा है कि लोकसभा चुनाव अप्रैल के दूसरे सप्ताह से शुरू हो सकते हैं, जो करीब 7-8 चरणों में हो सकते हैं इस अंदेशे का आधार यह है कि सोशल मीडिया में तीन दिनों पूर्व चुनाव आयोग का एक पत्र वायरल हुआ जिस में 16 अप्रैल 2024 को लोक सभा चुनाव शुरू होने की बात कही गई थी बाद में चुनाव आयोग ने इस तारीख का को लेकर वस्तु स्थिति बताई, जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे लेकिन मेरा मानना है कि करीब करीब तय होने का अंदेशा है कि लोकसभा चुनाव 2024 अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकते हैं और अप्रैल 2024 में ही 17 तारीख को रामनवमी है जो प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार रामनवमी आ रही है जिसका सूर्य अभि षेक करने का उत्सव मनाने की फिर रणनीति बनाकर तैयारी है जिसका क्रियान्वयन भव्य तरीके से होगा ऐसा मुझे अंदेशा है 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी को पूरे देश में जोरदार ढंग से मनाने का अंदेशा है जिसका पूरा-पूरा लाभ 2024 लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को मिलना निश्चित है और लक्ष्य अबकी बार 400 पार का संभव होने की पूरी पूरी उम्मीद है इसका सटीक उदाहरण इंडिया गठबंधन के दो सीएम द्वारा एकला चलो विचार और अब दिनांक 25 जनवरी 2024 को बिहार सीएम के संकेत और दिल्ली में बिहार नेताओं की मीटिंग से बात समझ में आ रही है इसलिए 400 प्लस मे दो स्तंभ लग जाएंगे बाकी का काम प्रभु श्री राम द्वारा करने की आस्था लगाई जा रही है इसलिए ही 17 अप्रैल 2024 को फिर प्राण प्रतिष्ठा से कहीं अधिक जोरदार माहौल बन सकता है जिसकी लहर में 400 प्लस पर सटीक निशाना को रेखांकित किया जा सकता है। चूंकि रामनवमी 17 अप्रैल 2024 लोकसभा चुनाव के बीच में ही आ रही है इसलिए राम भक्तों का पार्टी को वोट देने में उमड़ेगा इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जान कारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, राम नवमी 17 अप्रैल 2024 बनाम लोकसभा चुनाव अप्रैल 2024।
साथियों बात अगर हम देश को राममय के कार्यक्रम की करें तो, देश को राममय करने का कार्यक्रम यहीं रूकने वाला नही है। राम मंदिर आंदोलन और इसके निर्माण के लिए धन संग्रह अभियान से जुड़े लोगों की सूची तैयार की गई है। जिनको 45 दिनों तक दर्शन करवाने का कार्य क्रम भी मंदिर ट्रस्ट ने तैयार किया है। रोजाना 25 हजार राम भक्तों को अयोध्या दर्शन के लिए प्रांत वाइज बुलाया जाएगा। जिनके रहने व खाने की व्यवस्था भी मंदिर ट्रस्ट ही करेगा। यह बड़ा कार्यक्रम होगा। मंदिर में रामलला को प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त पर श्रद्धालुओं को अयेाध्या आने से रोकने की जरूरत क्यों आ पड़ी? इसके जवाब में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं,अयोध्या अभी करोड़ों की भीड़ की व्यवस्था करने की स्थिति में नही हैं। जनवरी 2024 में अयोध्या में कठोर जाड़ा पड़ता है। प्राण प्रतिष्ठा के दिन करोड़ों रामभक्त अयोध्या आना चाहेंगे। जिससे लाॅ एंड आर्डर को लेकर गंभीर संकट पैदा हो सकता हैं।
जिसे संभालना मुश्किल होगा। ऐसे में गांव गांव में इस उत्सव को आनंदोत्सव के रूप में मनाने की योजना बनाई गई। क्या आम चुनाव के पहले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भव्य मंदिर में दर्शन शुरू होने का असर 2024 के चुनाव पर पड़ेगा? इसके जवाब में मंदिर ट्रस्ट का साफ कहना है कि राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है। यह द्दार्मिक होने के साथ-साथ राष्ट्रीय मुद्दा बना है। प्रभुराम राष्ट्रीय महापुरुष हैं। देश में रामराज्य की स्थापना परम लक्ष्य है। राम मंदिर अब राष्ट्र का मंदिर बन गया है। यही सवाल जब बीजेपी के अयोध्या महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव से किया तो वो इस सवाल का सीधा जवाब न देकर कहते हैं राम मंदिर बीजेपी के पांच प्रमुख संकल्पों में से एक है। काॅमन सिविल कोड, राम मंदिर, कश्मीर में धारा 370 की समाप्ति जैसे विषय राष्ट्र वादी हैं। इनका चुनावी राज नीति से लेना देना नहीं है। जो रामभक्त है उन्हें मालूम है कि राम मंदिर की लड़ाई किसने लड़ी। लेकिन राम मंदिर बीजेपी का सदैवसांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जुड़ा मुद्दा रहा है। कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं रहा। लेकिन राम मंदिर के नाम पर हमें जो स्वतः लाभ मिलता रहा है आगे भी मिलेगा।
साथियों बात अगर कर हम 19 जनवरी 2024 को चुनाव आयोग का पत्र मीडिया में वायरल होने की करें तो सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव की तारीख वाला एक लेटर खूब वायरल हो रहा है। इस लेटर के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
विभिन्न संबंधित अधि कारियों कोसंबोधित करते हुए लेटर में ऐसा संकेत दिया गया है कि 2024 का लोक सभा चुनाव 16 अप्रैल से शुरू होगा। वायरल नोटिफिकेशन में संबंधित अधिकरियों को इसी तारीख को ध्यान में रख कर बाकी चीजें प्लान करने का सुझाव दिया गया है। अब चुनाव आयोग ने भी इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी की है। वायरल लेटर पर चुनाव आयोग ने एक प्रेस रिलीज जारी कर साफ किया कि लोक सभा चुनाव से पहले चुनाव संबंधीगतिविधियों की योजना बनाने और उसे समय पर पूरा करने की जरूरत है। चुनाव आयोग के योजना कार इस संबंध में योजनाएं बना रहे हैं। चुनाव आयोग ने दोहराया कि वायरल लेटर में दी गई तारीख बस एक सुझाव है, और यह जरूरी नहीं है कि इसी तारीख से चुनाव हों चुनाव आयोग ने दोहराया कि वायरल लेटर में दी गई तारीख बस एक सुझाव है, और यह जरूरी नहीं है कि इसी तारीख से चुनाव होंगे। तारीख 16 अप्रैल 2024 है? इसलिए साफ किया जाता है कि इस तारीख का जिक्र सिर्फ अधिकारियों के लिए चुनाव आयोग की चुनाव योजना के मुताबिक इलेक्शन प्लान बनाने के लिए किया गया है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे लेटर में कहा गया है कि भारत के चुनाव आयोग ने चुनाव संदर्भ के उद्देश्य से और चुनाव योजना में प्रारंभ और समाप्ति तिथियों की गणना के लिए अस्थायी रूप से मतदान दिवस 16 अप्रैल, 2024 दिया था। लोक सभा चुनाव कुछ ही महीनों में होंगे।
बता दें कि देश में लोक सभा चुनाव 2024 अब कुछ इसी दिनों में घोषित होने वाला है। इसको लेकर देश में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की सरगर्मियां बढ़ी हुई है। चुनाव आयोग ने पिछले लोक सभा चुनाव में कुल सात चरणों में मतदान कराए थे। वोटिंग 11 अप्रैल से शुरू हुई और 19 मई तक चली। बाद में 23 मई को रिजल्ट आया।
साथियों बात अगर हम सत्ताधारी पार्टी द्वारा चुनावी अभियान शुरू करने की करें तो, पार्टी ने गुरुवार को पीएम की मौजूदगी में 2024 के अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए कैंपेन थीम लॉन्च किया। पार्टी अध्यक्ष ने पार्टी का कैंपेन थीम गीत सपने नहीं हकीकत बुनते हैं, तभी तो सब मोदी को चुनते हैं जारी किया।
अभियान लोगों के बीच से निकलकर सामने आया है और भाजपा ने जनभावनाओं के बारे में मिले फीडबैक के अनु रूप इसे अपनाया है। इसके साथ ही पीएम ने नागरिकों से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के चुनावी घोष णापत्र के लिए अपने सुझाव और इनपुट देने का आग्रह किया है। इसके लिए लोगों से नमो एप पर।
साथियों बात अगर हम देश को राममय करने 17 अप्रैल 2024 रामनवमी के दिन विशाल कार्यक्रम और सूर्यभिषेक करने की करें तो, अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई महीनों से भंडारे चल रहे हैं।
अब खबर आ रही है कि इनमें से कई भंडारे 17 अप्रैल 2024 रामनवमी तक जारी रहेंगे। अयोध्घ्या में इस समय 500 से ज्घ्यादा छोटी-बड़ी रसोइयां चल रही हैं। यूं कहें कि पूरा अयोध्या ही श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए सीता की रसोई में बदला हुआ है। हर दिन लाखों श्रद्धालु इन भंडारों और रसोइयों में भोजन कर रहे हैं। कमाल की बात ये है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी ये सारे भंडारे और रसोइयां बंद नहीं होंगी, बल्कि इनमें से कई भंडारे रामनवमी तक चलेंगे। ताकि इस दौरान राम लला के दर्शन के लिए देश- विदेश से आने वाले श्रद्धालु आसानी से भोजन कर सकें।
जानकारी के मुताबिक अयोध्या में करीब 50 भंडारे रामनवमी तक जारी रहेंगे और इनमें रोजाना 2 लाख श्रद्धालु भोजन कर सकेंगे। इन भंडारों के लिए महीनों से कई ट्रकों के जरिए रसद देश भर से पहुंच रहे हैं। अयोध्घ्या में चल रह भंडारों का मेन्यू भी बहुत खास है। इन भंडारों में हर 2 से 3 घंटे में मेन्यू बदल जाता है। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे श्रद्धालुओं की भोजन की भिन्न -भिन्न आदतों को देखते हुए मेन्यू भी बहुत खास रखा गया है। इन भंडारों के मेन्यू में विभिन्न प्रदेशों के लोकप्रिय भोजन शामिल हैं। जैसे पंजाब के छोले भटूरे, छोले कुलचे, दक्षिण का इडली-डोसा, उत्त पम, दिल्ली का राजमा चावल, कढ़ी चावल, पूरी सब्जी से लेकर सादा भोजन तक इन भंडारों में मिल रहा है।
साथियों बात अगर हम 17 अप्रैल 2024 को प्रभु श्री राम सूर्य से सूर्यभिषेक करने की करें तो राम मंदिर स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करने के साथ अति उन्नत वैज्ञानिक युक्ति का भी परिचा यक है। यह वैशिष्ट्य प्रत्येक वर्ष राम जन्मोत्सव के अवसर पर परिभाषित होगा, जब सूर्य की रश्मियां तीन तल के राम मंदिर के भूतल पर पर स्थापित रामलला के ललाट पर उतर कर उनका अभिषेक करेंगी 40 महीने पूर्व राम मंदिर के भूमिपूजन के साथ ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सूर्यवंशी श्रीराम का सूर्याभिषेक कराने के लिए इस यह इच्छा व्यक्त की थी और इसे संभव बनाना वैज्ञानिकों के लिए चुनौती भी थी। संबंधित वैज्ञानिकों ने इस अभियान को चुनौती के रूप में लिया और अब वह इसे संभव करने की सुदृढ़ कार्ययो जना तैयार कर ली है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने विशेष दर्पण और लेंस-आधारित उपकरण तैयार किया है। इस उपकरण को आधिकारिक तौर पर ‘सूर्य तिलक तंत्र’ नाम दिया गया है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम आएंगे कि लोकसभा चुनाव अप्रैल 2024 बनाम रामनवमी 17 अप्रैल 2024। अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव के बीच 17 अप्रैल 2024 रामनवमी पर देश को राममय बनाने की संभावना।
देश को राममय करने 17 अप्रैल 2024 रामनवमी को रामलला का सूर्य भिषेक करने का उत्सव पूरे भारत में मनाने से लोकसभा चुनाव 2024 पर असर दिखने की संभावना।

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