एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर शिक्षा मानव संसाधन का विकास करने का महत्वपूर्ण अस्त्र है। शिक्षा के बल पर ही हम आधुनिक प्रौद्योगिकी, कोरोना महामारी से लड़ने व अनेक प्राकृतिक विपत्तियों से मुकाबला करने में सक्षम हुए हैं। किसी भी देश को विक सित देश की श्रेणी में पहुंचाने में शिक्षा का महत्वपूर्ण रोल होता है, बशर्ते कि उसे एक सही दिशा दी जाए। एक जमाना था जब शिक्षा निस्वार्थ रूप से प्रदान की जाती थी, उस समय ट्यूशन व कोचिंग क्लासेस का नामोनिशान नहीं था। क्लास में 100 फीसदी उपस्थिति दर्ज होती थी, परंतु समय का चक्र ऐसा चला कि कोचिंग क्लासेस की बाढ़ आ गई।
एक-एक शहर में सैकड़ो कोचिंग सेंटर खुलते चले गए, स्कूलों कालेजों में उपस्थिति कम होती गई। आज स्थिति ऐसी है कि शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोचिंग केंद्र एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है,यहीं से कुछ अव्यवस्थाओं का दौर शुरू हुआ जिसका परिणाम बच्चों की आत्महत्या, मनमानी फीस, टार्चर, पेपर लीक सहित अनेक अनियमितताओं का दौर शुरू हो गया जिसका परिणाम दिनांक 18 जनवरी 2024 को देर शाम जारी कोचिंग केन्द्रों के पंजीकरण एवं विनियमन हेतु दिशा निर्देश 2024 जारी हुआ, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देश में कोचिंग प्रणाली को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने कोचिंग संस्थाओं के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देशों में कई अहम बातें कही गई हैं, जिनमें कोचिंग सेंटर में 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामां कन नहीं करना, संस्थाओं द्वारा भ्रामक वादे नहीं करना और रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं देना शामिल है। वैसे शिक्षा क्षेत्र में केंद्र व राज्यों द्वारा अनेक नियम अद्दिनियम पहले से ही जारी किए गए हैं जैसे राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों में छात्रों के तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए 27 सितंबर 2023 को दिशा निर्देश जारी किए थे। वहीं, राज्य की विद्दानसभा में कोचिंग संस्थान (नियंत्रण औरविनियमन) विद्देयक, 2023 भी लाया जा चुका है। इससे पहले मणिपुर (2017), बिहार (2010), उत्तर प्रदेश (2002), गोवा (2001) और कर्नाटक (2001, 1995 और 1983) में कोचिंग को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। वैसे तो शिक्षा में सुद्दारो के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भी लागू कर दिया गया है, परंतु फिर भी अनेक अनियमितताएं रह गई थी इसलिए केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा उपरोक्त दिशा निर्देश जारी किए गए जिसे सख्ती से लागू किए जाने का पूरा अंदेशा है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सह योग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों को सख्ती से लागू होने पर कोचिंग केन्द्रों की नकेल कसना तय है।
साथियों बात अगर हम दिशा निर्देश 2024 में अनिवार्य पंजीकरण की करें तो,दिशा निर्देशों में सबसे पहले कोचिंग केंद्रों के पंजीकरण को लेकर निर्देश हैं। इनमें से कुछ अहम हैं, जैसे-कोई व्यक्ति कोचिंग केंद्र के पंजीकरण कराने के बाद ही कोचिंग प्रदान करेगा या कोचिंग केंद्र स्थापित, संचालित या प्रबंधित करेगा या उसका रख-रखाव करेगा। तीन महीने की अवधि के भीतर पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
पंजीकरण की समाप्ति की तारीख से दो महीने पहले पंजीकृत कोचिंग केंद्र को पंजीकरण प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा। सरकार कोचिंग केंद्र के पंजीकरण को सुविद्दा जनक बनाने के लिए एक वेब पोर्टल बनाएगी। सरकार ने अपने दिशानिर्देशों में किसी भी कोचिंग केंद्र के पंजीकरण को लेकर खास शर्तें रखी हैं। जैसे-कोई भी कोचिंग केंद्र स्नातक से कम योग्यता प्राप्त ट्यूटर्स को नियुक्त नहीं करेगा।
अभिभावकों या छात्रों को कोचिंग केंद्र में नामांकन कराने के लिए भ्रामक वादे या रैंक अथवा अच्छे अंकी की गारंटी नहीं देगा। 16 वर्ष से कम आयु के छात्र का नामांकन नहीं करेगा या छात्र का नामांकन माध्यमिक स्कूल परीक्षा के बाद ही किया जाना चाहिए। कोचिंग की गुणवता, सुविधाओं और छात्रों के नतीजों से जुड़े किसी भी दावे से संबंधित कोई भी भ्रामक विज्ञापन नहीं किया जाएगा।
ऐसे किसी भी ट्यूटर या व्यक्ति की सेवाएं नहीं लेगा, जिसे किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। कोचिंग केंद्र के पास ट्यूटर्स की योग्यता, पाठ्यक्रम पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं (यदि हो) और फीस, कोचिंग करने वाले छात्रों की संख्या और अंततः उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने में सफल छात्रों की संख्या आदि का अपडेटेड विवरण देने वाली एक वेबसाइट होगी।
साथियों बात अगर हम कोचिंग केंद्रों में पाठ्यक्रम के बारे में आचार संहिता की करें तो, दिशा-निर्देशों के साथ कोचिंग केंद्रों के लिए कुछ आचार संहिताएं भी तय की हैं। इनमें अहम हैं जैसे- प्रत्येक कक्षा या बैच में नामांकित छात्रों की संख्या को विवरण पुस्तिका में स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए और वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान कक्षा या बैच में ऐसे नामांकन में वृद्धि नहीं की जाएगी इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के विकल्पों के अलावा छात्रों को अन्य करियर विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान की जाए। छात्रों और अभिभावकों को इस बात से अवगत कराया जाएगा किकोचिंग केंद्र में प्रवेश मेडिकल, इंजीनि यरिंग प्रबंधन, कानून आदि संस्थानों में प्रवेश या प्रतियोगी परीक्षा में किसी भी तरह से सफलता की गारंटी नहीं है। कोचिंग केंद्र को मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के सहयोग से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में समय समय पर विशेष सत्र आयोजित करने चाहिए।कोचिंग केंद्र अपने द्वारा आयोजित की गई मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा। जारी किए गए दिशा-निर्देशों में सरकार ने कोचिंग संस्थाओं में दी जा रही शिक्षा के तौर तरीकों को भी ध्यान में रखा है। इसके लिए कई प्रावधान रखे गए हैं, जैसे-कोचिंग केंद्र निर्धारित समय में कक्षाएं पूरी करने का प्रयास करेगा। स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के उनके संस्थानों के समय के दौरान कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। पाठ्यक्रम या कक्षा समय सारिणी को इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए कि छात्रों को आराम करने और पढ़ाई के लिए पुनः तैयार होने का समय मिले और उन पर अति रिक्त दबाव न बने। कोचिंग केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों और शिक्षकों को साप्ताहिक अवकाश मिले। साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन कोई मूल्यांकन परीक्षा या अन्य कोई परीक्षा नहीं होगी। कोचिंग केंद्र इस तरह से कोचिंग कक्षाएं संचालित करेंगे कि यह किसी भी छात्र के लिए अत्यधिक न हो और यह एक दिन में पांच घंटे से अधिक न हो और कोचिंग का समय न तो सुबह बहुत जल्दी हो और न ही शाम को बहुत देर तक हो।
साथियों बात अगर हम फीस को लेकर दिशा निर्देशों की करें तो, दिशानिर्देशों में सरकार ने कोचिंग संस्थाओं में छात्रों से ली जा रही शुल्क पर भी जोर दिया है। इसके लिए कई प्रावधान रखे गए हैं, जैसे- (1) विभिन्न पाठ्य क्रमों के लिए ली जाने वाली ट्यूशन फीस उचित और तर्कसंगत होगी और इसकी रसीदें उपलब्ध कराई जानी चाहिए। (2) कोचिंग केंद्र नामांकित छात्रों को नोट्स और अन्य सामग्री बिना किसी अलग फीस के प्रदान करेंगे। (3) यदि छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा भुगतान कर दिया है और वह निर्धारित अवधि के बीच में पाठ्यक्रम छोड़ देता है, तो छात्र को शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से आनुपातिक आधार पर 10 दिनों के भीतर शेष राशि वापस कर दी जाएगी। यदि छात्र कोचिंग केंद्र के छात्रावास में रह रहा है, तो छात्रावास की फीस और मेस फीस आदि भी वापस की जाएगी। (4) किसी भी परिस्थिति में, वह फीस जिसके आधार पर किसी विशेष पाठ्यक्रम और अवधि के लिए नामांकन किया गया है, उसे पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान नहीं बढ़ाया जाएगा। साथियों बात अगर हम कोचिंग क्लास की समय सीमा की करें तो, 5 घंटे से अधिक नहीं होगी पढ़ाई, किसी भी परिस्थिति में स्कूलों या संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के वर्किंग घंटों के दौरान कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकतीं, जिससे उनकी नियमित उपस्थिति प्रभावित हो सकती है। दिशा निर्देशों में पाठ्यक्रम को एक दिन में 5 घंटे से अधिक नहीं (सुबह बहुत जल्दी या शाम को बहुत देर से नहीं), छात्रों और शिक्षकों को साप्ता हिक अवकाश दिया जाता है और साप्ताहिक अवकाश के बाद वाले दिन कोई मूल्यांकन परीक्षण नहीं दिया जाता है। त्योहारों के दौरान, कोचिंग सेंटर छात्रों को अपने परिवार के साथ जुड़ने और भावना त्मक बढ़ावा पाने में सक्षम बनाने के लिए छुट्टियों को अनुकूलित करेंगे।
साथियों बात अगर हम दिशा निर्देशों की अवहेलना पर दंड की करें तो,पंजीकरण या सामान्य शर्तों के किसी भी नियम और शर्तों के उल्लं घन के मामले में कोचिंग को पहली बार 25, हजार रुपये तो दूसरी बार 1, लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। बार – बार उल्लंघन या अपराध करने पर पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। कोचिंग केंद्र द्वारा पंजीकृत करने से मना करने या उसके नवीनीकरण या पंजीकरण रद्द करने के आदेश को 30 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष उठाया जा सकता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कोचिंग केंद्रों की नकेल कसने सख्त दिशा निर्देश 2024 जारी।
कोचिंग केंद्रों के पंजी करण एवं विनिय मन हेतु दिशा निर्देश 2024 जारी-16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों की कोचिंग पर बंदिश। केंद्रीय शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के सखघ््ती से लागू होने पर कोचिंग केन्द्रों की नकेल कसना तय है।
कोचिंग केंद्रों के पंजीकरण एवं विनियमन हेतु दिशा निर्देश 2024 जारी-16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों की कोचिंग पर बंदिश
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