एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – नवरात्र घट स्थापना के प्रथम दिन 15 अक्टूबर 2023 को देर शाम एक सांसद ने उसको सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से मिले तथ्यों के आद्दार पर उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखकर, स्पीकर से मांग की कि जांच के लिए कमेटी बनाई जाए और उन्हें सदन से निलंबित किया जाए। स्पी कर को री-इमरजेंस आफ नेस्टी कैश फार क्वेरी इन पार्लियामेंट टाइटल से चिट्ठी लिखी है। इसमें विशेषाधि कारों के गंभीर उल्लंघन, सदन के अपमान और आईपीसी की धारा 120 ए के तहत आपरा धिक केस की बात कही थी। अपने लैटर के साथ एक एडवो केट की चिट्ठी भी लगाई थी। इसमें लिखा था, ऐसा प्रती त होता है कि उन्होंने मेह नत से रिसर्च की है, जिसके आद्दार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हाल तक उन्होंने संसद में कुल 61 में से करीब 50 प्रश्न पूछे। इनमें बिजनेस मेन और उनकी कंपनी के व्याव सायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी। लोकसभा सांसद ने एक आचार संहिता समिति को मामले की जांच सौंपी। संसदीय समिति ने सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वकील को 26 अक्तूबर को उस आरोपी संसद सदस्य के खिलाफ सवाल पूछने के बदले धन लेने की शिकायत पर मौखिक साक्ष्य के लिए बुलाया है। दरअसल, उस वकील द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर संसद सदस्य ने उसकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी इसके साथ ही उन्होंने उसे आरोपित संसद को भी मौखिक बयान के लिए बुलाया है। इसके लिए समिति ने उनको पत्र लिखा है। इस बीच उन सांसद महिला ने सांसद महोदय वकील और कई सोशल मीडिया मंचों तथा मीडिया प्रतिष्ठानों को उनके खिलाफ कोई भी क थित फर्जी और अपमान जनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्या यालय का दरवाजा खट खटाया है। परंतु इस पर 19 अक्टूबर 20 23 को देर रात एक शाब्दिक विस्फोटक जानकारी मीडिया में आई है कि मामले में सह लग्न एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन द्वारा सांसद से सवाल पूछनें के बदले में महंगी विलासिता वस्तुएं गिफ्ट बंगले का रिनोवेशन ट्रैवलिंग एलाउंस और आर्थिक मदद करना कबूल किया है, उन्होंने चार पृष्ठों के हलफनामे में यह बातें इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में आए पत्र में कही है, जिससे पूरी दुनियां सहित भारतीय नागरि क भी अत्यंत गहराई के सदमें में आकर स्तब्ध हैं कि एक जनता का प्रतिनिद्दि किस त रह जनता जनार्दन के विश्वा स को चंद कागजों और सुवि धाओं के लिए बेच देता है क्योंकि यह उसे बिजनेस मैन का हलफनामा उस संसद की मुश्किलें बड़ा सकता है और मतदाताओं के विश्वास पर विश्वास घात है। इसलिए आज हम मीडियम में उपलब्द्द जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, कैश फार क्वेरी मामले में बिजनेसमैन के चार पुष्ठि य हलफनामें के विस्फोटक खुलासे से मतदाताओं सहित लोकतंत्र पर कुठाराघात है, जनता जवाब जरूर देगी।
साथियों बात अगर हम इस मामले में संबंधित बिज नेसमैन द्वारा विस्फोटक खुला से की करें तो, सांसद महिला सदस्य को कैश फार क्वेरी विवाद में एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल उनपर आरोप है कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से रिश्वत ली थी। अब इस मामले में रियल एस्टेट अरब पति का बेटा सरकारी गवाह बन गया हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए महिला संसद सदस्य की संस दीय लागिन का इस्तेमाल किया था। उनका बयान महिला संसद सदस्य की तरफ से सत्ताधारी पार्टी के सांसद के खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई से पहले आया है। व्यवसायी ने स्वीकार किया कि उन्होंने उद्योगपति अडानी के बारे में सरकार से सवाल पूछने के लिए लोकसभा सदस्या के संसदीय लागिन क्रेडें शियल का इस्तेमाल किया। हालांकि, महिला संसद सद स्य ने कारोबारी के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में यह बयान दिया है। सर कार ने उनके कारोबार को बंद करने की धमकी दी है। स्पीकर ने इसे संसद की आचार समिति के पास भेज दिया। कारोबारी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये दोनों पत्र उनके संज्ञान में आए हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों चिट्ठियों के आधार पर कई मीडिया रिपोर्ट्स बनी हैं जिनमें उनका नाम प्रमुखता से आया है, ऐसे में वो इस प्रकरण को करीब से देख रहे हैं। उन्होंने एक एफेडेविट के माध्यम से कहा है कि उनकी जानकारी में इससे संबंधित जो भी तथ्य हैं उन्हें वो रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि वो 2017 में आयो जित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के समय से इस महिला संसद सदस्य को जानते हैं। मामले को संसद की एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया है।
अब बिजनेसमैन की ओर से दी गई जानकारी के मुता बिक, सांसद से जल्द नाम कमाना चाहती थीं। इस का रण उनके दोस्तों ने उन्हें पी एम पर निजी हमले की सलाह दी। पीएम के खिलाफ कोई भी इल्जाम नहीं था इसलिए उन्होंने किसी भी तरह से उनकी इमेज को डैमेज कर ने का फैसला किया। उनको लगा कि वो अडानी के जरिए पीएम पर अटैक कर सकती हैं क्योंकि दोनों गुजरात से आते हैं। बिजनेसमैन ने ये भी माना की संसद ने उनसे महंगे गिफ्ट लिए, बंगले का रेनो वेशन करवाया और ट्रैवल के बिल भरवाए। ग्रुप के सी ईओ ने इस बात का भी खुला सा किया कि उन्होंने अडानी के खिलाफ महिला संसद स दस्य को जानकारी दी, सवाल लिख कर दिए और वो सवाल उन्होंने संसद में पूछे। इसके अलावा महिला संसद सदस्य ने उन्हें अपना पार्लियामेंट कालॉगिन और पासवर्ड तक दे दिया था। बिजनेसमैन ये भी माना कि महिला के नाम से उन्होंने अडानी के खिलाफ संसद में सवालों को पोस्ट किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला सांसद महत्वाकांक्षी हैं, जिन्होंने कई मांगें की थीं। व्यापारी ने उन्हें पूरा भी किया। हलफनामे में यह भी फरमाया गया है कि आर्थिक मदद करना शामिल है। उनके मुताबिक, वे उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकते थे। उन्होंने कहा-कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही है जो मैं नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।
साथियों बातें कर हम इस मामले को समझने की करें तो, सत्ताधारी पार्टी के सांसद ने टीएमसी की लोकसभा सांसद पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के व कील के पत्र का हवाला देते हुए जांच की मांग की थी। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में सांसद ने टीएमसी सां सद पर सदन में सवाल पूछने के नाम पर घूस लेने का आ रोप लगाया था।
उन्होंने लिखा कि ये सदन की अवमानना है। इस पूरे मामले की तत्काल जांच होनी चाहिए। पत्र में कहा, मुझे अधिवक्ता का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्हों ने उनपर सवाल के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। संसद ने पत्र में लिखा है कि एक प्र सिद्ध बिजनेसमैन के बिजनेस हितों को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछे गए थे। पत्र में लिखा कि महिला संसद के हालिया 61 सवालों में से 50 सवाल ऐसे हैं, जो बिजनेस मैन और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। टीएमसी सांसदों को चिल्लाने वाली ब्रिगेड बताया था। अपने पत्र में सांसद ने लिखा कि जब भी संसद सत्र होता है तो महिला संसद और राय किसी न किसी बहाने, हर किसी के साथ दुर्व्यवहार करके सदन की कार्यवाही को बाद्दित करते हैं। महिला संसद के नेतृत्व वाली पार्टी की ‘चिल्लाने वाली ब्रिगेड’ ऐसी रणनीति क्यों अपनाती है, जो मुद्दों पर बहस करने और चर्चा करने के अन्य सदस्यों के संवैधा निक अधिकारों का उल्लंघन करती है। आगे लिखा कि अब लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले एक व्यवसायी से द्दन जुटाने और दूसरे व्याव सायिक समूह को निशाना बनाने की महिला संसद की मंशा का पर्दाफाश हो गया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मतदाताओं से धोखा-जनता जनार्दन बटन दबा कर जवाब जरूर देगी।पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में विस्फोटक खुलासा – मतदाता और देश स्तब्ध ! कैश फार क्वेरी मामले में बिजनेसमैन द्वारा चार पुष्टों के हलफनामे में खुलासे से मतदाताओं सहित लोकतंत्र पर कुठाराघात-जनता स्तब्द्द -जनता वोट देकर जवाब देगी।
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में विस्फोटक खुलासा – मतदाता और देश स्तब्ध!
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