(धीरेन्द्र श्रीवास्तव) मिश्रित सीतापुर। महर्षि दधीच की पावन तपो भूमि कस्बा मिश्रिख व अट्ठासी हजार ऋषि-मुनियों की पा वन तपोवन कस्बा नैमिषा रण्य में बीते मंगलवार से कावड़ यात्रा शुरू हो रही हैं। प्रदेश के धर्म निष्ठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों के जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश किए हैं। कि कांवड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए। प्रशासन द्वारा इन श्रद्धालुओं की सभी व्यवस्थाएं पहले से चाक-चैबंद करने के कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। परन्तु सीतापुर हरदोई मार्ग पर नैमिषारण्य से लेकर रामकोट तक रोड काफी क्षति ग्रस्त है।
लगभग 1000 हजार से ऊपर जानलेवा गड्ढे बने हुए हैं। जिनमें आए दिन लोग गिरकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। तमांम जन शिका यतों के बावजूद आज तक इस मार्ग के लोक निर्माण विभाग व्दारा नहीं कराया जा सका है। जब कि यह मार्ग काफी समय से फोरलेन बनने के लिए तैयार हो रहा था। लेकिन आज तक इस मार्ग का कायाकल्प नहीं हो सका है। श्रावण मांस को लेकर श्रद्धालु गंगा जी के राजघाट व मेहंदी घाट से कांवर भर कर छोटी काशी गोला गोक र्ण नाथ व सीतापुर के श्याम नाथ मंदिर को कांवड चढाने इसी रोड से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जाते हैं। नैमिषारण्य के आदि गंगा गोमती नदी के राजघाट व देवदेवेश्वर घाट एवं रूद्रावर्त घाट से श्रद्धालु जल भर कर छोटी काशी गोला गोकर्ण नाथ व श्याम नाथ मंदिर सीतापुर को इसी रास्ते से जाते हैं।
इन कांवडियों की कांवड यात्रा कई तरह की संकल्पित होती हैं। जिसमें डाक कावड़ में श्रध्दालुओं का जल भरते समय संकल्प बोला जाता है। कि वह रास्ते में कहीं न रुक कर पैदल दौड़ते हुए नियत समय पर संकल्पित महादेव के स्थान पर कांवड़ चढ़ाते है । दूसरी कांवड़ झूला कांवड़ होती है। जो लोग कंधे पर डालकर झुलाते हुए ले जाते हैं। अगर रास्ते में कहीं रुकना चाहते हैं। तो कांवड़ को झुलाकर रोंक सकते है। तीसरी कांवड़ फूल कांवड़ होती है। जो फूल और गंगा जल को हांथ पर लेकर श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हुए महादेव के अस्थान तक जाकर अपनी कांवड चढ़ाते है। चैथी कांवड़ बैकुंठी कांवड़ कही जाती है। जिसे श्रद्धालु कहीं भी झूला कर रुक सकते है। सीतापुर हरदोई मार्ग पूरी तरह से जर्जर एवं गड्ढा युक्त होने के कारण वाहनों से चलना लोगों को दूभर हो रहा है । आए दिन इस सड़क पर हादसे हो रहे हैं। इस रोड पर बिना जूता, चप्पल के पैदल कैसे चलेंगे कांवरिया बहुत कठिन डगर नजर आ रही है।
सीतापुर हरदोई मार्ग बीते 9 वर्षों से फोर लेन बनाने की कार्य योजना तैयार की गई है। परन्तु यहां के सांसद और विधायक की उदासीनता के चलते यह मार्ग पूरे 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक फोरलेन के रूप में तब्दील नहीं हो पाया है। जिससे लोक निर्माण विभाग भी इस पर कोई कार्य कराना उचित नहीं समझ रहा है। कस्बा मिश्रित और नैमिषारण्य में तो रोड लाइट के प्रकाश की व्यवस्था हैं। परंतु नगर के बाहर सीतापुर तक रोड पर कोई प्रकाश की ब्यवस्था नही है। इस रोड पर 24 घंटे लाखों श्रद्धालु चलते है। इस रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण श्रध्दालुओं को पैदल चलने में जहां काफी कठि नाइयों का सामना कर ना पड़ सकता है। वहीं हादसे का शिकार भी हो सकते है।
हरदोई सीतापुर मार्ग पर हजारों गढ्ढे कांवरियों को देगे दर्द
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