(राम मिलन शर्मा) रायबरेली। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 10 अगस्त से फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन (आई डीए) अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएम ओ) डा. वीरेंद्र सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है जो कि लाइलाज है। यदि एक बार यह बीमारी हो गई तो पूर्णतया ठीक नहीं होती है बल्कि इसका सही से प्रबंधन न किया जाये तो यह व्यक्ति को आजीवन दिव्यांग बना देती है। इस बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय दवा का सेवन है।
फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए हर साल यह अभियान चलाया जाता है। इसलिए आईडीए अभियान के दौरान जब भी स्वास्थ्य कार्य कर्ता घर पर दवा खिलाने आयें तो उसका सेवन जरूर करें, किसी तरह का कोई बहाना न करें। सभी के सह योग से ही इस बीमारी का खात्मा संभव है। इस अभियान में स्वयंसेवी संस्थाएं पाथ, सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटेरनेशनल का भी सहयोग रहेगा। संचारी रोग के नोडल अधिकारी डा. श्री कृष्णा ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत डाईइ थाइल कार्बाम जीन (डी.ई.सी.), अल्बंडाजोल तथा आईवरमेक्टिन की निर्धारित खुराक स्वास्थ्य कार्य कर्ता अपने सामने ही खिलाएंगे। फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को करना है। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को केवल पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी।
रक्तचाप, शुगर, अर्थरायी टिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसी कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो परेशान न हों थोड़े समय बाद यह स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। इन समस्याओं के दिखने का यह तात्पर्य है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, जो दवा खाने से मर जाते हैं जिस से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। इसलिए दवा का सेवन जरूर करें। जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है।
फाइलेरिया रोग से बचाने के लिए 10 अगस्त से चलेगा आईडीए अभियान
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