हीट वेव से बचाव के लिए अपील, आवश्यकता पर एम्बुलेंस 108, पुलिस 100/112 पर कर सकते हैं सम्पर्क

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(विवेक तिवारी) रायबरेली 22 मई। जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने कहा कि भीषण गर्मी एवं तेज धूप हो रही है। इसको ध्यान में रखते हुए लेकर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लू और गर्मी से बचाव के लिए एड्वाइजरी जारी की है। जिलाधिकारी ने धूप या अत्यधिक गर्मी और लू से होने वाली अस्वस्थता से बचाव के बारे में जनपद वासियों से अपील की है कि अत्यधिक गर्मी अर्थात दोपहर 12 से 04 बजे के मध्य अत्यधिक आवश्यक कार्य न होने घर से बाहर निकलने से बचें। पानी सहित घर के बने पेय पदार्थ जैसे छांछ, नींबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन करें। हल्के रंग के सूती और ढीले ढाले कपड़े पहने। सफर में पानी अपने साथ रखें और खाली पेट घर से बाहर न निकलें। घर से बाहर निकलने पर छाता, धूप का चश्मा, गमछा, टोपी, जूते या चप्पल पहने। एल्कोहल, काफी या चाय का सेवन न ही करें तो बेहतर है क्योंकि यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं। जानवरों को भी ठंडे स्थान पर रखें। इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों और पालतू जानवरों को न छोड़ें। ज्यादा प्रोटीन वाले या ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों और बासी भोजन का सेवन न करें। संतुलित और हल्का भोजन करें। घर को ठंडा रखने के लिए खिड़कियों में गत्ते या एल्यूमिनियम की पन्नी लगा दें साथ ही दरवाजों और खिड़कियों में काले या मोटे परदे लगाएं। शुद्ध पेयजल का उपयोग करें।
इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि धूप या अत्यधिक गर्मी या लू लगने के लक्षण हैं- गर्म, सूखी और लाल त्वचा, बहुत तेज सिर में दर्द, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फारेनहाइट होने, मतली या उल्टी होने, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन होने, सांस फूलने या दिल की धड़कन तेज होने, घबराहट होने, चक्कर आने बेहोशी आने या हल्का सिर दर्द हैं। ऐसी स्थिति में ताजा एवं स्वच्छ, शुद्ध जल का उपयोग करें। किसी छायादार एवं ठंडी जगह पर आराम करें और संभव हो तो ठंडे पानी से नहा लें।
यदि शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है, बेहोशी है धूप एवं गर्मी से मांसपेशियों में ऐंठन या अन्य कोई गंभीर लक्षण हैं तो तुरंत 108 एंबुलेंस को कॉल करें। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अत्यधिक गर्मी अर्थात दोपहर 12 से 04 बजे के मध्य घर से बाहर निकलने से बचें। पानी सहित घर के बने पेय पदार्थ जैसे छांछ, नींबू पानी, ओआरएस, आम का पना इत्यादि का सेवन करें। हल्के रंग के सूती और ढीले ढाले कपड़े पहने। सफर में पानी अपने साथ रखें और खाली पेट घर से बाहर न निकलें। घर से बाहर निकलने पर छाता, धूप का चश्मा, गमछा, टोपी, जूते या चप्पल पहने। एल्कोहॉल, कॉफी या चाय का सेवन न ही करें तो बेहतर है क्योंकि यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं। जानवरों को भी ठंडे स्थान पर रखें। ज्यादा प्रोटीन वाले या ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों और बासी भोजन का सेवन न करें। संतुलित और हल्का भोजन करें। घर को ठंडा रखने के लिए खिड़कियों में गत्ते या एल्यूमिनियम की पन्नी लगा दें साथ ही दरवाजों और खिड़कियों में काले या मोटे परदे लगाएं। शुद्ध पेयजल का उपयोग करें।

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