ओला कैब कम्पनी के विरुद्ध एफ आईआर दर्ज करने की उठी मांग

RAJNITIK BULLET
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अंकित पाल
OLA कैब कम्पनी के विरुद्ध FIR दर्ज करने की उठी मांग
-OLA के विरुद्ध ऑनलाइन दर्ज करवाई गई FIR
-देश के लोगों की जानमाल से खिलवाड़ करने वाली कैब कम्पनी को दिलवाऊंगा सजा -संजय कटियार ।

कानपुर/रायबरेली कैब कम्पनी OLA के द्वारा देश के लोगों की जानमाल व सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ करने पर पुलिस उपायुक्त दक्षिण को एक शिकायती पत्र देकर FIR दर्ज करने की मांग की गई है। यह भी पता चला है कि OLA कैब कम्पनी के खिलाफ आन लाइन FIR दर्ज करवा दी गई है।
साकेतनगर निवासी संजय कटियार ने पुलिस उपायुक्त दक्षिण से मुलाकात करने के बाद प्रेसवार्ता में बताया कि देश के अनेक राज्यों के तमाम जिलों से प्रकाशित समाचारपत्रों, न्यूजपोर्टलों व डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से प्रसारित खबरों से उन्हें जानकारी मिली है कि गुजैनी थाना अन्तर्गत वरुण विहार निवासी, भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य श्याम सिंह पंवार बिगत दिनाँक 19 अप्रैल 2023 को मुम्बई से कानपुर आये थे । उन्होंने चकेरी एअरपोर्ट से वरुण विहार के लिये ओला (ओ० एल० ए०) एप के माध्यम से एक टैक्सी / कार की बुकिंग की थी जिसका नम्बर यूपी 78 एफ एन 5980 था, किन्तु जब वो अपने घर के पास यात्रा करने वाली टैक्सी से उतरे और उन्होंने देखा तो उस टैक्सी का नम्बर यूपी 74 टी 5446 था।
श्री कटियार ने यह भी बताया कि समाचारपत्रों, न्यूजपोर्टलों व डिजिटल प्लेटफॉमों के माध्यम से प्रसारित खबरों व वायरल हुए एक वीडियो से यह भी पता चला है कि यूपी 78 एफ एन 5980 नम्बर की कार वर्षों से अर्मापुर स्टेट में दुर्घटनाग्रस्त हालत में खड़ी है।
यह भी बताया कि मिली जानकारी के अनुसार कार की फिटनेस 16 जनवरी 2021 तक, इन्श्योरेंस 15 जनवरी 2020 व टैक्स 31 दिसम्बर 2019 तक वैध है। ऐसे में दिनाँक 19 अप्रैल 2023 को ओला एप्प के माध्यम से बुकिंग होना एक गम्भीर फ्रॉड की ओर इशारा करता है और यह पुष्टि करता है कि ओला कैब कम्पनी द्वारा इसी कार से हजारों लोगों की जानमाल से खिलवाड़ किया जा चुका है और ऐसी आशंका है कि इसी तर्ज पर और भी फॉड किये गये होंगे। आज के डिजिटल युग में इसे कोई चूक नहीं कह सकते बल्कि कम्पनी द्वारा कमीशन के लालच में शहर के लोगों की जानमाल के साथ जानबूझ कर खिलवाड़ किया जा रहा है।
श्री कटियार ने यह भी बताया कि कानपुर नगर में ही नहीं बल्कि अन्य शहरों में भी ओला कैब कम्पनी से सम्बद्ध गाड़ियों में अनेक मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है जैसा कि दिल्ली, मुम्बई आदि महानगरों में देखने को मिलता है।
श्री कटियार ने एक बड़ा सवाल उठाया है कि अगर किसी भी तरह की अनहोनी घटित हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? ओला कैब कम्पनी, दुर्घटनाग्रस्त हालत में अर्मापुर एस्टेट में खड़ी कार का मालिक, कार चालक या यात्रा कराने वाली कार का मालिक ?
संजय ने कहा कि मेरा मानना है कि उपरोक्त सभी पक्ष संगठित होकर और रुपया कमाने के लिये जानबूझ कर कूटरचित तथ्यों का सहारा लेकर ओला एप के माध्यम से बुकिंग कर यात्रा करने वाले व्यक्ति/व्यक्तियों की जानमाल के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ओला द्वारा अगर इस तरह से धांधली की जा रही है तो ऐसे में किसी भी तरह के अपराध को यहां तक कि आतंकी हमलों तक को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है, वहीं परिस्थितियों को देखते हुए यह महिलाओं की सुरक्षा के प्रति एक गम्भीर मुद्दा है। इसे कतई नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है।
संजय कटियार ने बताया कि कानपुर महानगर का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जनहित में पुलिस उपायुक्त दक्षिण को एक शिकायती पत्र दे कर कैब कम्पनी के विरुद्ध FIR दर्ज करवाने की मांग की है।
संजय कटियार ने यह भी बताया कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम कैब कम्पनी OLA के विरुद्ध एक एफ० आई० आर० दर्ज करवा दी है। किसी भी कीमत पर लोगों की जानमाल के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
श्री कटियार ने यह भी कहा कि अगर पुलिस अधिकारियों ने कार्यवाही नहीं की तो माननीय न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे।

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