शासकीय योजनाओं के लाभ से अपने मातृत्व को बनाएं सुरक्षित

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राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (11 अप्रैल) पर विशेष
(राममिलन शर्मा) रायबरेली। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। जिनका लाभ लेकर गर्भवती अपने प्रसव हो आसान और सुरक्षित बना सकती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना और 102 एम्बुलेंस सेवा इसी कड़ी का हिस्सा हैं। गर्भवती की उचित देखभाल और संस्थागत प्रसव के बारे में जागरूकता के लिए ही हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
हर माह की नौ तारीख को जिला महिला अस्पताल, सीएचसी पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा गर्भवती का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां उपलब्ध कराई जाती हैं। जटिल गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित कर प्रसव पूर्व उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखा जाता है। बीते वित्तीय वर्ष में जिले में कुल 1442 जटिल गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित हुई हैं। जिन्हें समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जननी सुरक्षा योजना
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और प्रसव के तुरंत बाद जच्चा को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों अथवा स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपए और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपए दिए जाते हैं। यह भुगतान संबंधित महिला के बैंक खाते में सीधे किया जाता है। बीते वित्तीय वर्ष में जिले में कुल 41441 संस्थागत प्रसव हुए हैं जिसमें 36763 लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना की वित्तीय सहायता उपलबध करा दी गई है।
102 एम्बुलेंस सेवा
गर्भवती को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए 102 नंबर की एम्बुलेंस सेवा है। वर्ष 2022-23 में इस सेवा के माध्यम से कुल 58087 महिलाओं को घर से अस्पताल और 28531 महिलाओं को अस्पताल से घर पहुंचाया गया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि शासकीय योजनाओं के तहत गर्भावस्था के तीसरे-चैथे महीने में प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच अवश्य करानी चाहिए। गर्भवती को खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। सुरक्षित प्रसव के लिए पहले से ही निकटतम अस्पताल चुन लें। मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, जरूरी कपड़े और एम्बुलेंस का नम्बर लिख लिजिये।

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