(राममिलन शर्मा) रायबरेली। राष्ट्रीय वेक्टर बाॅर्न डिजीज कन्ट्रोल प्रोग्रा म के तहत 2013 में रखे गए सविंदा कर्मचारी को उच्च न्यायायलय द्वारा बड़ी राहत मिली है, महज 6 माह सेवा लेने के बाद ही इन्हें हटा दिया गया था लेकिन संघठन तैयार करके लखनऊ में प्रदर्शन कर इन सभी सविंदा कर्मचारी ने 3 साल तक बजट जारी करवा लिया, 3 साल विभाग में सेवा करने के बाद बजट के अभाव में इन्हें फिर से हटा दिया गया।
प्रदेश संघठन के अध्यक्ष एसपी मौर्या ने बताया कि विभागीय निष्कासन के बाद और कोई विकल्प ना समझ आने पर, प्रदेश भर के सभी जनपदों को समिलित करते हुए हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में वरिष्ठ अधिवक्ता विधु भूषण कालिया के द्वारा रिट फाइल की गई जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम आदेश जारी करते हुए याचिकाकर्ता एमपीडब्ल्यू को कार्य लिए जाने हेतु एंव मानदेय दिए जाने के लिए आदेश पारित हुआ विभाग ने आदेश का अनुपालन करते हुए विभाग ने कार्य लेने हेतु आदेश पारित किया लेकिन मानदेय नही दिया, 20 मार्च 2024 को फाइनल आर्डर करते हुए पूर्ण भुगतान करने एंव विभागीय खाली पदों पर इन्हें प्राथमिकता दिए जाने के लिए आदेश पारित किया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बजट प्रदेश के 14 जनपदों को 4 करोड़ 86 लाख 82 हजार 857 रुपये जारी किए है, जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि पूर्व विगत वर्षों पहले रेगुलर पदों पर विज्ञापन निकाला गया है जिस पर हम सभी द्वारा उच्च न्यायालय से स्टे ले लिया गया, जल्द ही निस्तारण की प्रक्रिया चल रही है विभागीय प्रशिक्षण लेकर विभाग के सरकारी पदों पर कार्य करने का मौका मिलेगा। इस मौके पर सभी सविंदा कर्मियों ने उच्च न्यायालय का धन्य वाद ज्ञापित कर एक दूसरे को मिठाई खिला कर बधाई दी।
हेल्थ वर्कर (एमपीडब्ल्यू) का मानदेय हुआ जारी
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