‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0’ लागू, पूरी तरह डिजिटल हुई योजना

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(संदीप सक्सेना) बलराम पुर। मातृत्व स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए कई संशोधनों के बाद सरकार ने प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) 2.0 लागू किया है। पूरी तरह से डिजिटल की गई इस योजना में नये नियमों के तहत लाभार्थियों को तीन किस्तों में मिलने वाली पांच हजार रुपए की धनराशि अब दो किस्तों में ही मिलेगी। इसके अलावा योजना का लाभ पाने के लिए पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी है। साथ ही दूसरा बच्चा लड़की होने पर भी योजना की पूरी धनराशि मिलेगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुशील कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए समय सीमा में भी बदलाव किया गया है। अब बच्चे के जन्म के 270 दिन तक लाभार्थी पंजीकरण कर सकेंगे। इस संबंध में केन्द्रीय (भारत सरकार) अपर सचिव ललित ग्रोवर की ओर से निर्देश जारी किये गये हैं।
पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त
एसीएमओ व योजना के नोडल अधिकारी डा0 बृजेश प्रताप सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई-2.0 में फार्म भरने की जरूरत नहीं है, आशा कार्यकर्ता और एएनएम पोर्टल पर सीधे लाभार्थी का ब्योरा भर सकेंगी। योजना में पहले पिता का आधार कार्ड होना अनिवार्य था, अब यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है । केवल मां के आधार कार्ड पर योजना का लाभ मिल रहा है
योजना में पहले लाभार्थी को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते थे। अब यह धनराशि दो किस्तों में मिलेगी। प्रथम किस्त (तीन हजार रुपये) प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त (दो हजार रुपये) बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर मिलेगी। बच्चे का जन्म होने के 270 दिन बाद तक योजना का लाभ लिया जा सकेगा।
पीएमएमवीवाई 2.0 में अब दूसरा बच्चा होने पर भी योजना का लाभ मिलेगा, जो पहले नहीं मिलता था। दूसरा बच्चा होने पर पहली किस्त (तीन हजार रुपये) तो मिलेगी, लेकिन दूसरी किस्त (दो हजार रुपये) तभी मिलेगी जब दूसरा बच्चा बालिका होगी। यह राशि बालिकाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए है।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पुनीत मणि त्रिपाठी ने बताया 73715 लाभार्थियों के पंजीकरण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक (एक जनवरी 2017 से) 74820 फार्म पंजीकृत किये जा चुके हैं। अब तक 32.28 करोड़ रुपये का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है। वर्ष 2022-23 में (13 मार्च तक) 6.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक जनवरी 2017 से लागू है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 की धारा-4 के तहत प्रावधानों के अनुसार- योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है, ताकि महिला बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त आराम कर सके, जिससे गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच स्वास्थ्य को लेकर व्यवहार में सुधार हो। योजना के तहत मिलने वाली धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।

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