इमरजिंग ट्रेंड्स इन माइक्रोबायोलाजी विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन

RAJNITIK BULLET
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(संदीप सक्सेना) बलराम पुर। एमएलके पीजी कालेज बलरामपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग व माइक्रो बायोलाजिस्ट सोसाइटी इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को महाविद्यालय सभागार में ‘सूक्ष्म जीव विज्ञान में उभरते रुझान’ (इमरजिंग ट्रेंड्स इन माइक्रो बायोलाजी) विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में 05 देशों व 09 राज्यों के प्रोफेसर व शोध छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ कीनोट स्पीकर प्रो0 शैलेन्द्र कुमार विभागाध्यक्ष माइक्रो बायोलाजी विभाग डा0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, सचिव प्रबंध समिति लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता, सेमिनार अध्यक्ष प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पाण्डेय, प्रो0 अमृतेश चंद्र शुक्ल लखनऊ विश्वविद्यालय, पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर एन के सिंह, डीन फैकल्टी आफ साइंस सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो0 आर. के. सिंह व आयोजन सचिव डा0 राजीव रंजन ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। इसके पश्चात महाविद्यालय की छात्राओं स्नेहा सिंह व ललिता त्रिपाठी द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत एवं कुलगीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई। रिसर्च एंड डेवलपमेंट टेक्सास अमेरिका के निदेशक डा. विवेक प्रताप सिंह ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि सूक्ष्मजीव पृथ्वी पर उपस्थित जीवन के बहुत ही महत्त्वपूर्ण घटक हैं। प्रायः सभी जानते हैं कि सूक्ष्मजीव मनुष्यों में बहुत से रोग उत्पन्न करते हैं। ये पशुओं तथा पादपों में भी रोग उत्पन्न करते हैं, परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि सभी सूक्ष्मजीव हानिप्रद हैं। उन्होंने कोविड-19 की चर्चा करते हुए उसके स्वरूपों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही कोरोना के कारण शरीर पर होने वाले विभिन्न प्रकार के प्रभावों के बारे में भी बताया। स्टाफ साइंटिस्ट डी. बी. वाशिंगटन विश्वविद्यालय सेंट लुइस मिसौरी अमेरिका के डा. शैलेन्द्र मौर्य ने बच्चों में होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर विशेष रूप से ब्लड कैंसर के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने यह बताया कि मनुष्यों के गुणसूत्र में पाये जाने वाले हिस्टोन प्रोटीन किस प्रकार जीन को सक्रिय करने में अपनी भूमिका निभाते हैं। कीनोट स्पीकर डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के हेड प्रो0 शैलेन्द्र कुमार ने वर्तमान विश्व व भारत की वर्तमान जनसंख्या को केन्द्र बिंदु मानते हुए सूक्ष्म जीवों की भूमिका पर विशेष जोर दिया और यह भी बताया कि किस प्रकार से सूक्ष्म जीवों से वातावरण को बचाया जा सकता है। उन्होंने सूक्ष्म जीवों को उर्वरक के रूप में प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी। सचिव प्रबंध समिति लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने पर सभी को शुभकामनाएं दी। सेमिनार अध्यक्ष व प्राचार्य प्रो0 जे, पी, पाण्डेय ने सभी का स्वागत करते हुए अवगत कराया कि महा- विद्यालय द्वारा यह विज्ञान संकाय में पहली बार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जो हर्ष का विषय है। आयोजन सचिव व विभागाध्यक्ष डा0 राजीव रंजन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस सम्मेलन में अमेरिका के अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, नेपाल आदि देशों से प्रोफेसर आनलाइन अपना व्याख्यान देंगे। समन्वयक डा0 मोहम्मद अकमल ने सभी का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी आफिसर लेफ्टिनेंट डा. देवेन्द्र कुमार चैहान ने किया। इस दौरान सोविनियर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मध्य महाविद्यालय में सेवा प्रदान कर चुके गुरुओं प्रो0 एन के सिंह, डा0 एस बी सिंह, डा0 जे पी तिवारी, डा0 वी के शुक्ल, डा0 जी पी श्रीवास्तव, डा0 डी डी तिवारी व डा0 आर के पाण्डेय को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं वर्षभर उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र- छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। विभागीय शिक्षक डा0 शिव महेंद्र सिंह, राहुल यादव, डा0 श्रवण कुमार व डा0 राहुल कुमार ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर महा विद्यालय के सभी विभागों के अध्यक्ष, शिक्षकगण, अन्य विश्व-विद्यालयों व महा- विद्यालय से आये प्राध्यापक व शोद्द छात्र मौजूद रहे।

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