(मो0 रिजवान) प्रयाग राज। तीर्थराज प्रयाग में त्रिवेणी के पावन संगम तट पर सबसे बड़े धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन माघ मेला 2023 का प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रान्ति 6 जनवरी से प्रारंभ होकर अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि 18 फरवरी को सकुशल व निर्विघ्न संपन्न हुआ। कुल 44 दिन चले इस माघ मेले में गंगा, यमुना तथा आश्य सरस्वती के पवित्र संगम में पुण्य अर्जन का भाव संजोए देश के कोने कोने से आए करोड़ो श्रद्धालुओं ने आस्था एवं पुण्य की डुबकी लगाई। माघ मेला 2023 में श्रद्धालुओं स्नानार्थियों के सुगम आवागमन, सुरक्षित स्नान तथा सुरक्षित प्रवास हेतु समस्त पुलिस प्रबंध सुनिश्चित किए गए । लगभग 650 हेक्टेयर में फैले संपूर्ण मेला क्षेत्र को पुलिस व्यवस्था के दृदृष्टिगत 02 जोन, 05 सेक्टरों व 07 सर्किलों में विभाजित कर 13 थानों (01 महि ला थाना, 01 जल पुलिस थाना), 14 अग्निशमन केंद्रों और 38 चैकियों को व्यवस्थापित किया गया। संगम क्षेत्र को झूंसी क्षेत्र से जोड़ने हेतु 05 पांटून पुलों का निर्माण किया गया। श्रद्धा लुओं के सुरक्षित स्नान हेतु संगम 24 स्नान घाटों/नाव घाटों को विकसित किया गया। श्रद्धालुओं के सुरक्षित आवागमन हेतु स्नान घाटों के निकटस्थ ही 05 पार्किंग स्थलों की समुचित व्यवस्था की गयी।
मेले को सकुशल संपन्न कराने हेतु 01 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 01 पुलिस अधी क्षक, 05 अपर पुलिस अधी क्षक, 09 पुलिस उपाधीक्षक, 19 निरीक्षक व लगभग 5000 पुलिस कर्मियों सहित नाग रिक पुलिस, महिला पुलिस, यातायात पुलिस, जल पुलिस, पी0ए0सी0, एसडीआरएफ, एलआईयू, एटीएस, रेडियो दूरसंचार, घुड़सवार पुलिस, फायर सर्विस, डाग स्क्वायड, बीडीडीएस, एएस चेक टीम, पीआरडी, तथा होमगार्डों के जवानों के साथ-साथ स्वयं सेवी संस्थाओं की तैनाती की गई।
मेला क्षेत्र में सतर्क दृष्टि, नियंत्रण एवं समन्वय रखने के लिए मेला नियंत्रण कक्ष, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, सीसीटीवी कैमरे, बाडी वार्न कैमरा, ड्रोन, वायरलेस ग्रिड, पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से सम्यक संचार व्यवस्था स्थापित की गई। स्नान घाटों पर ‘डीप वाटर बैरिकेटिंग’ की गई तथा एकल दिशा मार्ग के लिए ‘फ्लोटिंग रिवर लाइन’ लगाई गई। स्नान घाटों में बैरिकेटिंग के साथ-साथ जल पुलिस, एसडीआरएफ व पीएसी की बाढ़ राहत कंपनियों के जवानों के साथ गोताखोरों की नियुक्ति की गई।
माघ मेला 2022-23 में विभिन्न तिथियों में प्रस्तावित कुल 06 प्रमुख स्नान-पौष पूर्णिमा पर्व पर लगभग 05 लाख, मकर संक्रांति पर्व पर लगभग 40 लाख, मौनी अमावस्या पर्व पर लगभग 02.09 करोड़, बसंत पंचमी पर्व पर लगभग 41.50 लाख, माघी पूर्णिमा पर्व पर लगभग 37 लाख, महाशिवरात्रि पर्व पर 08.50 लाखों, साधू सन्यासियों, महंतो, संस्था प्रमुखों, श्रद्धालुओं तथा विशिष्ट महानुभावों द्वारा संगम क्षेत्र में स्नान तथा भ्रमण किया गया। सामान्य दिवसों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का स्नान व आवागमन जारी रहा। मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों/श्रद्धालुओं के आगमन हेतु 17 प्रमुख प्रवेश द्वार बनाये गये जहां सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक पुलिस प्रबन्ध किये गये। माघ मेला के दौरान उच्च न्यायालय के विभिन्न माननीय न्यायमूर्तियों तथा विशिष्ट महानुभावों का निर्दिष्ट प्रोटोकाल तथा सम्यक सुरक्षा प्रदान करते हुए सकुशल आवागमन सुनिश्चित कराया गया।
समस्त नाविक संचालकों एवं मल्लाहों का नियमानुसार लाइसेंस निर्गत करते हुए सभी को निर्देशित किया गया कि अपनी नावों में क्षमता के अनुरुप ही स्नानार्थियों/ श्रद्धालुओं को बिठायेंगे एवं स्नान हेतु आये स्नानार्थियों/ श्रद्धालुओं को ‘लाइफ सेविंग जैकेट’ अनिवार्य रूप से पहनाना सुनिश्चित करेंगे जिससे दुर्घटना होने से बचाया जा सके।
माघ मेला 2023 को सकुशल व निर्विघ्न संपन्न कराने में आवंटित विभिन्न इकाइयों के समस्त पुलिस बल द्वारा अत्यंत ही निष्ठा पूर्वक अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन किया गया। समस्त अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों के संयुक्त योगदान तथा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन के फलस्वरूप माघ मेला वर्ष 2022-23 सकुशल एवं निर्विघ्न रूप से संपन्न हुआ। मेला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. राजीव नारायण मिश्र आईपीएस द्वारा मेले में सराहनीय योगदान देने वाले पुलिस कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी क्रम में मेले को सकुशल एवं निर्विघ्नं रुप से संपन्न कराने में समस्त पुलिस बल को कुशल नेतृत्व प्रदान करते हुए सराहनीय योगदान देने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक माघ मेला डा. राजीव नारायण मिश्र आईपीएस को अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर आईपीएस, पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज रमित शर्मा आईपीएस, अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुल हरी आईपीएस के द्वारा संयुक्त रूप से एवं मेला प्रभारी अरविंद चैहान आईएएस की उपस् िथति में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
संगम तट पर सबसे बड़े धार्मिक एवं आध्यात्मिक माघ मेला 2023 का सकुशल हुआ समापन
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