बदलते और आगे बढ़ते भारत की नयी पहचान को दुनियाभर में पुख्ता करेगा नया संसद भवन

RAJNITIK BULLET
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Jan 20, 2023
नये संसद भवन परिसर की भव्यता और दिव्यता की बात करें तो आपको बता दें कि इसमें 800 से ज्यादा सांसदों के बैठने की जगह है। भविष्य में यदि इससे भी ज्यादा सीटें होती हैं तो उनके लिए भी व्यवस्था की गयी है।

औपनिवेशिक मानसिकता की हर निशानी मिटाने और भारत की नयी पहचान बनाने को आतुर देश आज तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले साल गणतंत्र दिवस की परेड नवनिर्मित राजपथ पर हुई थी जिसे बाद में कर्तव्य पथ नाम दिया गया। अब इस बार गणतंत्र दिवस से पहले संसद भवन के नवनिर्मित भवन की जो तस्वीरें सामने आई हैं वह गर्वित और हर्षित करने वाली हैं। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाये गये नये संसद भवन के बारे में हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इस महीने के अंत में शुरू हो रहा संसद का बजट सत्र नये भवन में आयोजित किया जायेगा। माना जा रहा है कि बजट सत्र का दूसरा चरण नये संसद भवन में आयोजित किया जा सकता है।
बहरहाल, नये संसद भवन परिसर की भव्यता और दिव्यता की बात करें तो आपको बता दें कि इसमें 800 से ज्यादा सांसदों के बैठने की जगह है। भविष्य में यदि इससे भी ज्यादा सीटें होती हैं तो उनके लिए भी व्यवस्था की गयी है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने नये संसद भवन की जो तस्वीरें साझा की हैं वह बेहद आकर्षक हैं। लोकसभा और राज्यसभा के सदन उच्च स्तर की तकनीक से लैस तथा पहले से ज्यादा स्पेस वाले लग रहे हैं। साथ ही मंत्रियों तथा अधिकारियों के दफ्तर भी बेहद आकर्षक और सुविधा संपन्न नजर आ रहे हैं। नये भारत की नयी संसद वाकई हर किसी का मन मोह लेने वाली लग रही है।
राज्यसभा का इंटीरियर कमल की थीम पर है जबकि लोकसभा के इंटीरियर में मोर का डिजाइन है। खास बात यह है कि नये संसद भवन में निर्माण के विभिन्न पहलुओं में देश के हर भाग की खास या प्रसिद्ध वस्तु का इस्तेमाल किया गया है। हम आपको यह भी याद दिला दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त से पहले नये संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया था। नये संसद भवन से कामकाज शुरू होने के साथ ही अंग्रेजों द्वारा बनाये गये वर्तमान संसद भवन को एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया जायेगा।
जहां तक औपनिवेशिक मानसिकता की हर निशानी को मिटाने की बात है तो आपको यह भी बता दें कि कर्तव्य पथ के उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर जहां कभी किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा होती थी, वहां स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया था।
जहां तक सेंट्रल विस्टा परियोजना की बात है तो खुद प्रधानमंत्री मोदी पूरे कार्य की प्रगति की समीक्षा समय-समय पर करते रहते हैं और साइटों पर जाकर निर्माण कार्य देखने के अलावा श्रमिकों से भी मुलाकात करते रहे हैं। कर्तव्य पथ के उद्घाटन के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे खंड के पुनर्विकास में लगे कामगारों के समूह के साथ बातचीत की थी। प्रधानमंत्री ने तब कहा था कि ‘‘सेंट्रल विस्टा के श्रमजीवी और उनके परिवार अगले गणतंत्र दिवस परेड में मेरे विशेष अतिथि होंगे।’’
हम आपको बता दें कि नया संसद भवन बनाने का काम आधारभूत ढांचा निर्माण कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को सौंपा गया है, जोकि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनिर्विकास परियोजना का एक हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास दिसंबर 2020 में किया था।

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