महिला सुरक्षा अधिकारिता हेतु पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण जरूरी -मुख्य सचिव

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(सन्तोष उपाध्याय) लखनऊ। राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने एक स्थानीय होटल में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित किया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि देश की आबादी में 50 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं का है, इन्हें मुख्य धारा से जोड़ने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उनमें आत्म विश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है वहां देवताओं का वास होता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के लिये प्रदेश सरकार बेहद संवेदन शील है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी व स्वरोजगार योजनाओं में व्यापक स्तर पर महिलाओं को जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं। इसके अलावा मिशन शक्ति अभियान, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसी विभिन्न योजनायें चलायी गई हैं। उन्होंने कहा कि नई सोच के जरिए मौजूदा व्यवस्थाओं में विचार करने की जरूरत है। महिलाओं के समक्ष कई सारी चुनौतियां है। महिलाओं के प्रति रूढ़ीवादी मानसिकता और मौजूदा शक्ति संरचनाओं में बदलाव की आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण में पुरुषों को समान भूमिका निभानी चाहिए। कार्यक्रम में सचिव महिला कल्याण सुश्री अनामिका सिंह समेत विभिन्न राज्यों एवं केन्द्रों शासित प्रदेशों से आयें अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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