बाल कलाकार और इसके बाद दूरदर्शन के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’’ के मेजबान के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष की थीं। उनके बेटे होशांग गोविल ने शनिवार को यह जानकारी दी। होशांग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कुछ दिन पहले उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह पेट की समस्याओं (गेस्ट्रो) से पीड़ित थी और हम वहां जांच के लिए गए थे।
उन्हें रात 8.40 बजे और रात 8.42 बजे दो बार दिल का दौरा पड़ा। उनका शुक्रवार की रात निधन हो गया।’’ परिवार ने बताया कि उनकी याद में सोमवार शाम यहां एक प्रार्थना सभा होगी। वर्ष 1944 में मुंबई में अयोध्यानाथ सचदेव और असगरी बेगम के घर जन्मीं तबस्सुम ने अपने करियर की शुरुआत 1947 की फिल्म ‘‘नरगिस’’ से एक बाल कलाकार के रूप में की थी। एक बाल कलाकार के रूप में, तबस्सुम को ‘बेबी तबस्सुम’ के रूप में जाना जाता था और उन्होंने 1940 के दशक के अंत में‘‘मेरा सुहाग’’ और‘‘मंझधार’’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया था।
तबस्सुम ने 1950 के दशक में, ‘‘सरगम’’, ‘‘संग्राम’’, ‘‘दीदार’’ और ‘‘बैजू बावरा’’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया था। पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत 1960 के ऐतिहासिक महाकाव्य ‘‘मुगल-ए-आजम’’ में भी उनकी एक छोटी भूमिका थी। कुछ और फिल्मों के बाद, तबस्सुम ने ‘‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’’ की मेजबानी का काम संभाला, जो भारतीय टेलीविजन का पहला ‘टॉक शो’ था। उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो को किया था और इस दौरान उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग के कई बड़े सितारों का साक्षात्कार लिया।
‘‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’’ के मेजबान के रूप में अपने समय के दौरान, तबस्सुम ने कुछ फिल्मों में काम करना जारी रखा। उन्होंने 1985 की फिल्म ‘‘तुम पर हम कुर्बान’’ के साथ निर्देशन की शुरुआत की थी। उनकी आखिरी फिल्म 1990 में राजेश खन्ना और गोविंदा अभिनीत ‘‘स्वर्ग’’ थी जिसमें उन्होंने मेहमान भूमिका निभाई थी। तबस्सुम 2000 के दशक में धारावाहिक ‘‘प्यार के दो नाम: एक राधा, एक श्याम’’ में दिखाई दीं। बदलती दुनिया को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने अपने बेटे होशांग के साथ ‘‘तबस्सुम टॉकीज’’ नामक अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत की। तबस्सुम के परिवार में उनके पति विजय गोविल और बेटा होशांग हैं। विजय गोविल टीवी कलाकार अरुण गोविल के बड़े भाई हैं।