प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ लोगो के द्वारा पात्र लाभार्थियों को गुमराह कर धन दिलवाने का झांसा दे भ्रष्टाचार का वीडियो, निकला फसाना

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time3 Minute, 59 Second

(अरविंद कुमार) माधौगढ़ (जालौन)। माधौगढ़ नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य अधिकारियों की देखरेख में प्रगति पर चल रहा है लाभार्थी सन्तुष्ट हो शासन प्रशासन की वाह-वाह कर प्रशंसा कर रहे हैं शासन प्रशासन और अधिकारियों स्थानीय भाजपा नेताओं के सहयोग से लाभार्थियों को हर कीमत पर भ्रष्टाचार मुक्त धन की किस्तें समयबद्ध एवं चरणबद्ध तरीके से लाभार्थियों के खातों में पहुचाई जा रही हैं। किसी भी तरह का दूर दूर तक शासन प्रशासन की सख्ती के मद्देनजर भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं मिलता और न सुनाई पड़ रहा है कर्मचारी पूरी तन्मयता एवं ईमानदारी से सरकार एवं अधिकारियों के निर्देशों का पालन कर रहे हैं आपको बताते चले कि इंद्रानगर माधौगढ़ में कुछ तथाकथित लोगो के द्वारा अपने आप को पत्रकार एवं सरकारी कर्मचारी बता कर और सरकारी आदेशांे का हवाला देकर प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र लाभार्थियों को गुमराह कर बर्गलाकर उनको शासन से 10 से 20 हजार रुपये दिलवाने के लालच और झांसा दे कर वहां कार्य को देख रहे कर्मचारियों के ऊपर पैसे लेने-देन का वीडियो बना सोशल पटल पर प्रसारित किया गया जब कि लाभार्थियों का कहना है कि इन लोगांे ने ऐसा कहने के लिए बोला था कि ऐसा कहोगे तो शासन से पैसा निर्गत करवाया जाएगा तो हम लोग झांसे में आ गए जब कि लाभार्थियों ने बताया कि हम लोगों से किसी भी अधिकारी या कर्मचारियों तथा किसी बाहरी ब्यक्ति के द्वारा किसी तरह की कोई पैसा या सुविद्दा शुल्क नहीं लिया गया ना हम लोग किसी गिरीस नाम के ब्यक्ति को जानते हैं ये सब पूरी तरह झूठ हैं बल्कि सभी लोगों के द्वारा हम गरीबो को सुबिधा प्रदान करायी जा रही है आपको बताते चले कि लाभार्थियों ने सिरे से भ्रष्टाचार किये जाने की बात को नकारते हुए ब्यूरो चीफ मोनू शर्मा को बताया कि ये कुछ लोगांे के द्वारा रचा हुआ सुनियोजित षडयंत्र था। लाभार्थियों ने बताया कि कोई गिरीस नाम का ब्यक्ति इस वार्ड से चुनाव लड़ना चाहता हैं इसलिए कुछ सरगनाओं ने अपने को मीडिया के बताने वाले लोगो से साठगांठ कर ये षडयंत्र रच डाला और शासन प्रशासन और अधिकारियों, कर्मचारियों को बदनाम करने उनको अपने दवाव में लेने के लिए भ्रष्टाचार के नाम से फर्जी वीडियो बनाया गया और जब स्वार्थसिद्धि नहीं हो सकी तो वीडियो सोशल पटल पर वायरल कर दिया गया। जिससे सरकार की योजना और योजना के प्रचार-प्रसार पर गहरा असर प्रतीत हुआ है जब कि प्रशासन-शासन और अधिकारियों, कर्मचारियों की निष्ठा पर सवाकिया निशान उठे हैं और उनकी प्रतिष्ठा को भी आघात पहुँचा हैं। साथ ही ऐसा कृत्य करने वालांे के द्वारा मीडिया जगत की शान में बट्टा लगता है।

Next Post

धूमधाम से मनाया गया स्काउट गाइड स्थापना दिवस

(बीके […]
👉