घुरवारा क्षेत्र में मिलावटी मिठाइयों का धंधा चरम पर

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(राममिलन शर्मा) घुरवारा रायबरेली। दिवाली का त्योहार मिठाई के बिना अधूरा है। जिले में दिवाली पर मिठाई की डिमांड 80 गुना तक बढ़ जाती है। ऐसे में मुनाफाखोर भी सक्रिय हो जाते हैं और मिलावटी मिठाइयों की जमकर बिक्री की जाती है। रंग-बिरंगी और सिंथेटिक दूध से बनीं मिठाइयां आम आदमी की सेहत को खराब कर देती हैं त्यौहार आते ही मिठाई के दुकानदारों की बल्ले बल्ले हो जाती है। सोमवार को दीपावली का त्यौहार है ऐसे में अब घुरवारा क्षेत्र में मिलावटी मिठाइयों का धंधा चरम पर है बाहर से मिलावटी मिठाई की आमद के साथ ही घटिया खोए का भी व्यापार चरम पर होता है। घुरवारा क्षेत्र में कई ऐसे प्रतिष्ठित स्वीट हाउस हैं जहां पर मिलावटी खोया व नकली मिठाई की बिक्री बेहिचक की जाती है। इस पर न स्थानीय प्रशासन और न ही खाद्य विभाग की टीम ध्यान दे पाती है। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है और विक्रेता खुले आम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं। दूध की कमी और अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मावा बनाने के लिए दूध की बजाय दूध पाउडर, रसायन, उबले आलू, शकरकंदी, रिफाइंड तेल का प्रयोग किया जाता है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए पानी में डिटर्जेंट पाउडर, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड और एसेंट पाउडर डालकर दूध बनाया जाता है। हाल में ही जिले में सिंथेटिक दूध बनाने के कई मामले पकड़े भी चुके हैं।
कार्यवाही के नाम पर सिर्फ छापेमारी करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। अब देखना यह है कि दीपावली जैसे त्यौहार पर यहां पर बड़ी मात्रा में मिठाई की बिक्री होती है या उन पर विभाग द्वारा छापेमारी कर कार्यवाही की जाती है।

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