Jul 10, 2022
सोनिया गांधी ने एक पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है और आशा करती है कि वे इससे उबरने में सक्षम होंगे।
श्रीलंका लगातार आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहां की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि लोग सड़कों पर आ गए हैं। सरकार के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जबरदस्त तरीके से जारी भी है। इन सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने श्रीलंका के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की है। सोनिया गांधी ने एक पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है और आशा करती है कि वे इससे उबरने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों और सरकार की सहायता करना जारी रखेगा क्योंकि वे मौजूदा स्थिति की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस श्रीलंका में उभरती राजनीतिक स्थिति की चिंता के साथ अनुसरण कर रही है। आर्थिक चुनौतियों, बढ़ती कीमतों और भोजन, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कमी ने वहां के लोगों के बीच भारी कठिनाई और संकट पैदा कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से श्रीलंका को हर संभव सहायता और समर्थन देने का भी आग्रह करती है। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि हम श्रीलंका के समर्थक रहे हैं, मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और हमेशा मददगार रहे हैं। वे अपनी समस्या पर काम कर रहे हैं, हम देखेंगे कि क्या होता है। अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है।
आपको बता दें कि श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है। इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है। श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शनिवार रात को बताया कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे।