जरात कांग्रेस की नेता श्वेता ब्रह्मभट्ट ने सोमवार को पार्टी में गुटबाजी और दूरदृष्टि की कमी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है। श्वेता ब्रह्मभट्ट वहीं नेता हैं जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में गुजरात की मणिनगर सीट से चुनाव लड़ा था जहां से मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने तीन बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था।
राहुल को अनेक ईमेल भेजने के बाद भी हालात में कोई परिवर्तन नहीं
श्वेता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित अपना त्यागपत्र फेसबुक पर भी डाला है जिसमें उन्होंने लिखा है कि पार्टी में बदलाव लाने और उसे मजबूती प्रदान करने के बारे में राहुल गांधी को अनेक ईमेल भेजने के बावजूद गुजरात में धरातल पर हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बदलाव लाने के बजाय, चुनावों में खुलकर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों को प्रोन्नत किया गया। जब भी पार्टी मुझे कोई काम सौंपती थी तो कुछ लोग संकीर्ण राजनीति में लिप्त रहते थे। वे लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि स्थानीय नेताओं ने पार्टी में ऐसे लोगों को शह दे रखी है।’’
पीएम मोदी से की थी मुलाकात
कांग्रेस नेता श्वेता ब्रह्मभट्ट ने अप्रैल महीने में ही गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। लेकिन बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि यह शिष्टाचार भेंट थी और वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहीं। श्वेता ने अपने पिता और कांग्रेस नेता नरेंद्र ब्रह्मभट्ट के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की तस्वीर फेसबुक पर डाली और लिखा, ‘‘राजभवन में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ शुभेच्छा मुलाकात। में संवाददाताओं से बातचीत में श्वेता ने इस बात से इनकार किया कि वह भाजपा में शामिल हो रही हैं। उन्होंने मुलाकात का समय देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
कौन हैं श्वेता ब्रह्मभट्ट
विदेश में पढ़ाई करने वाली और एचएसबीसी बैंक के साथ काम कर चुकीं श्वेता ने आईआईएम बेंगलुरू से पढ़ाई करने के लिए नौकरी छोड़ दी थी। साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्हें मणिनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया था। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने तीन बार मणिनगर विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। भाजपा के सुरेश पटेल ने 2017 के चुनाव में श्वेता ब्रह्मभट्ट को हरा दिया था। श्वेता ब्रह्मभट्ट के पिता नरेंद्र ब्रह्मभट्ट भी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। नरेंद्र ब्रह्मभट्ट ने साल 2000 में कांग्रेस के टिकट पर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का चुनाव भी लड़ा था।