गौशालाओं में मवेशी भीषण ठंड व भूख से तोड़ रहे हैं दम

RAJNITIK BULLET
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(मनोज मौर्य) ऊंचाहार रायबरेली। तहसील क्षेत्र में आवारा पशुओं की मार झेल रहे किसानों की पीड़ा हरने के लिए बनाये गये गौशालाओं की हालत दयनीय है। पशुओं के लिए आने वाला लाखों का बजट जिम्मेदारों हजम कर गये। पशुओं के लिए न हरा चारा है और न पशु आहार की व्यवस्था है। ठंड से बचाने के इंतजाम भी नाकाफी हैं। अधिकारियों की निर्दयता का शिकार मवेशी भूख मिटने की आस व ठिठुरती ठंड में तड़प तड़प कर मर रहे हैं। इसके बावजूद निर्दयी गौशाला में व्यवस्था चाक चैबंद होने का दावा कर रहे हैं।
सीन 1
बेजुबानों की दुर्दशा देखनी है तो ब्लाक क्षेत्र के पट्टी रहस कैथवल गांव में बने गौशाला पहुंचिए। यहां इस कड़कड़ाती ठंड में गीले कचरे में पड़े जिंदगी से छुटकारा मांग रहे जानवरों को देख निर्दयी भी रो पड़े। इस गौशाला में 283 पशुओं की इंट्री है। कहने को तो गौशाला की देखरेख के लिए 6 मजदूरों की तैनाती की गई है लेकिन गौशाला में महीनों से गोबर नहीं हटाया गया है और न साफ सफाई हुई है।
बीमार पशुओं की दवाई भी नहीं की गई। जिम्मेदारों की निर्दयता का शिकार एक दर्जन जानवर जहां कचरे में पडे अंतिम सांसें गिनघ् रहे हैं तो वहीं एक हफ्ते में लगभग 20 जानवरों की मौत हो चुकी है। गौशाला में व्यवस्था के लिए शासन ने तीन महीने में लगभग 14 लाख का बजट मुहैया कराया लेकिन हजम हो गया। जानवरों को न हरा चारा दिया गया न ही पशु आहार दिया जा रहा है। जिम्मेदार सिर्फ पुआल के सहारे उनकी भूख शांत कर अपनी पैसे की हवस मिटा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को इसे देखने की फुर्सत नहीं है। इतना सब होने के बावजूद ग्राम पंचायत अधिकारी मो. अहमद ने पहले तो बजट न मिलने का रोना रोया लेकिन बाद में चाक चैबंद व्यवस्था होने का दावा कर दिया।
सीन 2
यह सीन जगतपुर ब्लाक के सुदामा पुर गांव में बने गौशाला की है। यहां 160 पशुओं को रखने की क्षमता है।
लेकिन इस समय लगभग 200 पशु गौशाला में हैं। यहां भी पशुओं को सिर्फ पुआल के सहारे रखा गया है। उनको हरा चारा तो आज तक मिला नहीं पशु आहार भी देखने को नहीं मिला। यहां भी शासन से मिल हर महीने मिलने वाला लगभग डेढ़ लाख का बजट चट किया जा रहा है। पशु भूख से तड़प तड़प कर मर रहे हैं। इस बाबत ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कृष्ण पाल सिंह ने बताया कि हरे चारे के लिए जमीन नहीं है। तीन महीने से बजट नहीं आया। छः लाख के घाटे में हैं। पशुओं को पशु आहार दिया जा रहा है।
इनसेट
वहीं इस बाबत एसडीएम राजेश
कुमार ने बताया कि सभी गौशालाओं में पशुओं की ठंड से बचाने व हरा चारा न इलाज के लिए प्रबंध कराते गये हैं। लेकिन किसी गौशाला में अनियमितता की जा रही है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
सीन3
यह गौशाला रायबरेली प्रतापगढ़ के बॉर्डर पर कोटरा बहादुरगंज गांव में बना हुआ है। जिसमें 70 पशुओं को रखने की क्षमता है। लेकिन इस समय पशुशाला में 65 जानवर मौजूद हैं। हालात यह हैं कि जिम्मेदारों ने पशुओं को भर चारा खिलाने से मना किया है।
पशुओं को सुबह जंगल में छोडने के बाद शाम को फिर गौशाला में बांध दिया जाता है। आज तक पशुओं को हरा चारा व पशु आहार नहीं मिला। यदि मजदूर ने भर पेट चारा खिलाया तो उसे ड्यूटी से हटा दिया जाता है। भरपेट चारा व इलाज न मिलने जानवर मर रहे हैं। इस बाबत ग्राम पंचायत अधिकारी मो. ईशा ने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि हरा चारा, पशू आहार व दवा की व्यवस्था है।

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