(मनोज मौर्य) ऊंचाहार, रायबरेली। दलित युवक को अकारण 3 दिनों तक थाने में बैठाकर मारपीट करने का एस एस आई का काला कार नामा सामने आने से पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे है। पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद युवक को छोड़ा गया। जान कारी के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के मान्धातापुर निवासी रामकुमार पुत्र गंगादीन रैदास को बीती 13 तारीख की रात को गिरफ्तार कर कोतवाली में बैठा दिया और उसके साथ एसएसआई रामराज कुशवाहा द्वारा मारपीट कर किसी फर्जी मुकदमे में भेजने की धमकी दी जाती रही। 16 तारीख को इस बात को शिकायत जब पुलिस अधीक्षक से की गई तो देर शाम पुलिस द्वारा युवक को घर ले जाकर छोड़ा गया।
बताते है कि उक्त युवक के खिलाफ 112 नम्बर पर किसी के द्वारा फर्जी नाम से शिकायत की गई थी। जिस महिला के नाम आए शिकायत की गई थी उसका कहना है कि वह उस दिन अपने घर पर नही थी और उसने कोई शिकायत भी नही की है। बताते है कि भुक्तभोगी युवक अपने घर मे अकेला कमाने वाला है और उसके तीन नाबालिग बेटियां है।उसकी पत्नी का कुछ दिन पूर्व गर्भावस्था ले दौरान मृत्यु हो गई और वह सदमे में आकर शराब के नशे का आदि हो गया है 13 तारीख की रात वह शराब के नशे में अपना घर समझकर गांव के ही दूसरे घर मे चला गया जिसको लेकर गांव के ही किसी ने 112 में शिकायत कर दी जिसके बाद पहुँची पीरबी ने उसे लाकर थाने में दाखिल कर दिया।
कई दिनों तक बाप के घर न पहुँचने पर बेटियां गांव में घूम घूमकर रोने लगी जिसपर गांव के लोग थाने पहुँचे तो पता चला कि अगले दिन किसी फर्जी धारा में उसका चालान भेजने की तैयारी चल रही है।
इस पर ग्रामीणों ने पत्रकारों से मदद मांगी तब थाने गए पत्रकारों से वहाँ पर मौजूद एसएसआई राम राज कुशवाहा छोड़ने के बजाय बदमिजाजी पर उतर आया। इस पर पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की तब युवक को पुलिस द्वारा उसके घर ले जाकर छोड़ा गया। ऊँचाहार पुलिस की इस कार्यशैली से सवालिया निशान लग रहे है।
पुलिस का कारनामा युवक को अकारण 3 दिन तक थाने में बिठाया
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