झोला छाप डाक्टर के रसूखदार के आगे नतमस्तक हुआ स्वास्थ महकमा

RAJNITIK BULLET
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(राममिलन शर्मा) ऊँचा हार, रायबरेली। एक झोला छाप डॉक्टर रोहनिया सीएचसी के निकट ही अपनी दुकान खोलकर एक अर्से से मरीजों का इलाज कर रहा है। जानकार बताते हैं कि बीते दिनों इसी झोला छाप के इलाज से कई मरीजों की हालत बिगड़ गई चुकी है। इस झोला छाप डॉक्टर का इतना रसूख है कि रोहनिया सीएचसी के जाने वाले मरीजों को रोक कर उनका इलाज करता है। यही नही खुलेआम मरीजों को करके उनका इलाज करता है जो स्वास्थ्य महकमे को किसी चुनौती से कम नही है। आलम यह है कि इस झोला छाप द्वारा मरीजों को सीएचसी तक जाने से रोका जाता है। सूत्रों की माने तो इसके तार स्वास्थ विभाग के आला अधिकारियों से सीधे जुड़ें हैं। राजनीति के कद्दावरों में भी इसकी अच्छी पैठ है। सरकार किसी की भी हो यह झोला छाप हर सरकार में स्वास्थ्य महकमे के सामने ताल ठोकता है। शायद यही कारण है कि जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने से कतराते हैं। बीते दिनों पूर्व में रहे रोहनिया सीएचसी अधीक्षक द्वारा कार्रवाई भी है तो उनकी कार्रवाई मात्र नोटिस चस्पा करने तक ही सीमित रह गई
रोहनिया विकास खण्ड के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर एक झोलाछाप का प्रभाव भारी पड़ रहा है । सीएचसी से ठीक पहले ऊँचाहार- सलोन मुख्य मार्ग पर हनुमान गंज पुल के निकट एक झोलाछाप खुलेआम मरीजों को भर्ती करके इलाज कर रहा है । इसका दबदबा इस कदर है कि मरीजों को सीएचसी तक नहीं जाने देता है । रोज करीब लगभाग डेढ़ सौ से अधिक मरीजों का इलाज इसी अस्पताल में होता है।
जबकि सीएचसी में ओपीडी की संख्या एक दर्जन भी नहीं पहुँच पाती है। सरकार की मंशा को तार-तार कर चिकित्सा क्षेत्र में इस झोला छाप डॉक्टर ने अपना एक अलग साम्राज्य स्थापित कर लिया है। सरकार के सारे मानकों को दरकिनार कर इस कथित अस्पताल में मरीजों को भरती करके उनका आपरेशन तक यह झोलाछाप कर देता है । करीब एक साल पहले इसी झोलाछाप के इलाज से एक मरीज की मौत भी हो गई थी । उसके बाद जमकर हंगामा भी हुआ था । किन्तु स्वास्थ विभाग की महरबानी से इस झोलाछाप डॉक्टर पर आँच भी न आई। झोलाछाप की इस दुकान में हमेशा दर्जनों मरीज भरे रहते है । लगातार मरीज भर्ती करके इलाज भी किया जाता है । दिलचस्प बात है कि झोला छाप डाक्टरों के विरुद्ध जब भी कभी अभियान चलता है तो इसके रसूखदार और ऊँची पहुँच के चलते यहां कोई देखने तक नहीं जाता है । जबकि यह कथित अस्पताल बाकायदा सड़क के किनारे और बोर्ड लगाकर संचालित है। बताते है कि इस चिकित्सक ने जो डिग्री बोर्ड पर लिखी है , वह फर्जी है। सूत्रों की माने तो अपनी बचत के लिये किराये की डिग्री का उपयोग करता है। यह डॉक्टर पाल (उपनाम) से विख्यात है।इस मामले में पूर्व में भी कई लोगों ने शिकायत की है । किन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके विरुद्ध कभी कोई प्रभावी कार्रवाई न होने से इसके हौसले में चार चाँद लग गया। ऐसा नही है कि लोगों ने इसकी शिकायत नही की। स्थानीय लोगों ने इस झोलाछाप के विरुद्ध उच्च स्तर पर शिकायतें की है । किन्तु इसकी अच्छी पैठ होने के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।
इस बावत में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मेरे द्वारा नोटिस डेलिकेट कर दी गई है। वर्तमान सीएचसी अधीक्षक झोलाछाप के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाएंगे।

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