केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को पिछली कांग्रेस सरकारों पर राजनीतिक और वंशवादी कारणों से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और विरासत को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अपने गुमनाम नायकों के गौरव को बहाल करने तथा इतिहास द्वारा विभिन्न वजहों से उनके साथ किए गए अन्याय को दूर करने का एक अवसर है। सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहेब आंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार पटेल सहित गुमनाम नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को पुनर्जीवित करने और उनके बारे में लोगों को याद दिलाने के लिए देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऋणी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे नायकों के बलिदानों और उपलब्धियों को राजनीतिक और वंशवादी कारणों से उत्तरोत्तर कांग्रेस सरकारों द्वारा हमेशा तवज्जो नहीं दिया गया।’’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि संकल्प से सिद्धि की अगले 25 वर्षों की यात्रा निश्चित रूप से भारत को एक विश्वगुरु के रूप में स्थापित करेगी और इसलिए युवा पीढ़ी को राष्ट्र की सेवा में खुद को फिर से समर्पित करने का संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2023 तक चलने वाले समारोह में पांच स्तंभ होंगे – स्वतंत्रता संग्राम, 75 साल पर विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 साल पर कार्रवाई और 75 साल पर संकल्प। सिंह ने कहा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग हर साल विभिन्न विषयों पर केंद्रित प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा।