(तौहीद अंसारी)
प्रयागराज। माहे रमजान में पढे़ जाने वाली तरावीह की नमाज में कुरआन की तिलावत मुकम्मल हुई। मस्जिदों में इस मौके पर नातिया कलाम मजलिस के बाद शीरनी फातिहा व अन्य इंतजाम भी किए गए। रमजान माह का चांद दिखाई देने के साथ ही 23 मार्च से ईशा की नमाज के बाद से तरावीह की नमाज अदा की जा रही है, जो पूरे रमजान माह में पढ़ी जाती है। इस माह की 5वीं शब के अवसर पर मस्जिद खदीजतुल कुबरा (100 गज) अंदीपुर में तरावीह की नमाज में कुरआन की तिलावत मुकम्मल हुई। इस्लाम धर्म की पवित्र ग्रंथ कुरान मजीद को मुंह जबानी तरावीह सुनाने का श्रेय हाफिज अरमान फिरोजाबादी को जाता है। हाफिज अरमान फिरोजाबादी ने पहली शब तरावीह में 10 पारा, दूसरी शब तरावीह में 6 पारा, तीसरी शब तरावीह में 7 पारा, चैथी शब तरावीह में 5 पारा पांचवी शब तरावीह में 2 पारा सुनाकर कुरान के 30 पारो को मुकम्मल किया।
इस मौके पर तरावीह सुनने वालों ने हाफिज अरमान फिरोजाबादी को मुबारकबाद पेश की। तराबीह मुकम्मल होने पर मस्जिद के इमाम व इंतजामियां कारी मंजूर अरबी ने बताया कि रमजान के इस महीने में मोमिन का रिज्क बढा दिया जाता है, इस माहे मुबारक में शबे कद्र होती है, जिसमें इबादत करने का सवाब हजार महिनों से बेहतर है, इसी रात में कुरआन मजीद नाजिल हुआ यानी उतारा गया। इस माह में एक बार पूरा कुरआन तरावीह की नमाज में मुकम्मल करना सुन्नत है। कारी नवाजिश साबिर ने बताया कि हर मुसलमान को पूरा कुरान पाक तरावीह की नमाज के साथ सुनना सुन्नते मोकिदा है। कार्यक्रम के बाद मुल्क की अमन शांति आपसी भाईचारा को मजबूत करने के लिए दुआ की गई।
इस मौके पर मोअज्जिन समीर हसन, मो. ताज, हाफिज सिराज, ताहा, अहद, मो. सेराज इंजीनियर, कमालुद्दीन कुरेशी, मो. लुकमान, मो.इमरान, विकास भवन, राजू लाइनमैन, गुड्डू बख्शी, शेखू अहमद, आदि लोग मौजूद रहे।
मुकम्मल हुई तरावीह की नमाज, की गई मुल्क में अमन सलामती की दुआ
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