दिल्ली उच्च न्यायालय ने CHRI की याचिका पर केंद्र सरकार से मांगा जवाब

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Jul 12, 2021 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने के लिए समय दिया कि क्या वह कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव (सीएचआरआई) को पंजीकरण के निलंबन और बैंक खातों से लेन-देन पर रोक के बावजूद कुछ शर्तों के साथ विदेशी सहायता प्राप्त करने की अनुमति देगा।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने के लिए समय दिया कि क्या वह कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव (सीएचआरआई) को पंजीकरण के निलंबन और बैंक खातों से लेन-देन पर रोक के बावजूद कुछ शर्तों के साथ विदेशी सहायता प्राप्त करने की अनुमति देगा। अदालत ने केंद्र से इस बात पर भी उसकी राय मांगी है कि क्या वह संगठन को वेतन भुगतान और अन्य खर्चों के लिये मौजूदा कोष के उपयोग की इजाजत देगा। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि कोविड काल के दौरान लोगों को परेशान होते रहने के लिये नहीं कह सकते, इसके मद्देनजर लोगों को वेतन के भुगतान की इजाजत दी जानी चाहिए।

केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनिल सोनी ने अदालत से कहा कि अगर उनका विदेशी योगदान वेतन के लिये है तो सबकुछ चला जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी “विभाग से निर्देश” नहीं प्राप्त हुए हैं। सोनी ने कहा कि यह सिर्फ निलंबन है इसके बाद हम जांच शुरू करेंगे। इस पर न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 जुलाई तय करते हुए कहा, “निर्देश लें। अन्यथा, मैं एक आदेश पारित कर दूंगी।”

गृह मंत्रालय द्वारा सीएचआरआई का पंजीकरण 180 दिनों के लिये निलंबित किए जाने का आदेश पारित किए जाने के बाद संगठन ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। संगठन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि सीएचआरआई के पंजीकरण का निलंबन विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) 2010 के कथित उल्लंघनों के अनुपात में नहीं है

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