अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनियाँ की निगाहें – कमला हैरिस प्रथम महिला राष्ट्रपति बन इतिहास रचेगी या ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। वैश्विक स्तर पर कई महीनों से पूरी दुनियाँ की नजरें 5 नवंबर 2024 को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर लगी हुई थी जो मतदान प्रक्रिया भारतीय समय अनु सार बीती दिनांक 06 नवंबर 2024 को सुबह 6 पूरी हुई जिसमें मतदाताओं द्वारा प्रक्रिया अनुसार 50 राज्यों व कोलंबिया के 538 इलेक्टोरल काॅलेज के सदस्यों को जनता ने मतदान किया। अब गेंद इन इलेक्टोरल काॅलेज के सदस्यों के पाले में आ गई है कि ट्रंप को चुनना है या कमला हैरिस को जीत का सहारा पहनना है, जो दुनियाँ के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा है। पिछली बार ट्रंप को इस वोटिंग में 28 लाख वोट कम मिले थे फिर भी इलेक्टोरल काॅलेज में उसे 270 से अधिक वोट मिलने के कारण हिलेरी क्लिंटन को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। यानें बता दें कि 2016 में, हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप से करीब 28 लाख अधिक डायरेक्ट पापुलर वोट हासिल किए थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2000 में, जाॅर्ज डब्ल्यू बुश ने अल गोर को हराया। हालांकि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार गोर ने पांच लाख से अधिक मतों से पापुलर वोट जीता था। राष्ट्रपति के लिए वोट डालने के लिए इलेक्टर्स दिसंबर के मध्य में अपने-अपने राज्यों में बैठक करते हैं। यह बैठक दिसंबर के दूसरे बुधवार के बाद पहले मंगलवार को होती है, जो इस साल 17 दिसंबर 2024 को पड़ रही है। यह भी दिलचस्प है कि अमेरिका में ऐसा कोई कानून नहीं है जो निर्वाचकों को उसी उम्मीदवार को वोट देने के लिए बाध्य करे जिस के प्रति वो वचनबद्ध हैं। इन्हें फेथफुल इलेक्टर कहा जाता है और माना जाता है ये उसी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन करेंगे जिसके लिए उन्होंने शपथ ली है। इन निर्वाचकों का चयन पार्टियां ही करती हैं, अब वोटो की गिनती जारी है जिसका रिजल्ट शीघ्र आएगा परंतु चूँकि आम जनता नें वोट कर दिया है, अब 17 दिसंबर 2024 को इलेक्टोरल काॅलेज से जिनको 270 पार वोट मिलेंगे वही अमेरिका का राष्ट्रपति होगा, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सह योग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,डोनाल्ड ट्रंप व कमला हैरिस में कांटे की टक्कर 538 सदस्यों का इलेक्टोरल काॅलेज करेगा फैसला।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावी प्रक्रिया को समझने की करें तो,अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही कई क्षेत्रों में वोटों की गिनती शुरू हो गई है। काउंटिंग पूरी होने पर पाॅपुलर वोट (जनता के वोट) के आधार पर विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सबसे ज्यादा पाॅपुलर वोट पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति बने। असल में अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव पाॅपुलर वोट के बजाय इलेक्टोरल काॅलेज द्वारा तय होता है। इसके अलावा, यह भी संभव है कि किसी राज्य में विजेता का अनुमान लगाया जा रहा हो, जबकि दूसरे राज्यों में अभी वोटिंग जारी हो। इस प्रक्रिया के च लते सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग सकता है। दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सभी इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसि डेंट को सौंप दिए जाएंगे, इसके बाद, 06 जनवरी 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी। उसी दिन, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में आधिकारिक रूप से विजेता के नाम की घोषणा करेंगी। अभी 538 चुनावी प्रतिनिधियों का चुनाव हुआ हैं वह 538 लोग मिलकर के राष्ट्रपति चुनाव का निर्धारण करेंगे 270 वोट जिसको मिलेंगे वह राष्ट्रपति बनेगा। 5 नवंबर को यानें भारतीय समय अनुसार बुधवार दिनांक 6 नवंबर 2024 सुबह 6 बजे तक हुए मतदान के बाद नतीजों में कुछ दिन का समय लग सकता है। यूएस में चुनाव पहले हो जाता है जबकि विजेता उम्मीदवार चार्ज जनवरी 2025 से ही संभालेगा। नया राष्ट्रपति जन वरी 2025 में पद की शपथ लेगा, यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का सबसे जटिल चरण है। इलेक्टोरल काॅलेज दरअ सल वह निकाय है, जो राष्ट्र पति को चुनता है, इसे आसान भाषा में कुछ यूं समझिए कि आम जनता राष्ट्रपति चुनाव में ऐसे लोगों को वोट देती है जो इलेक्टोरल काॅलेज बनाते हैं और उनका काम देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को चुनना है। नवंबर के पहले सप्ताह में मंगलवार को वोटिंग उन मतदाताओं के लिए हुई है जो राष्ट्रपति को चुनते हैं, ये लोग इलेक्टर्स कहलाते हैं, ये इलेक्टर्स निर्वाचित होने के बाद 17 दिसंबर को अपने – अपने राज्य में एक जगह इकट्ठा होते हैं और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं, यानें जो अमेरिकी जनता नें जो वोट किया है वो सीधे तौर पर स्वयं राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का चुना व नहीं कर रही। ठीक ऐसा ही नियम उपराष्ट्रपति पद के लिए भी है। जो इलेक्त् ट्रोल सभी 50 राज्यों और कोलंबिया जिले का प्रतिनि धित्व करते हैं। प्रत्येक राज्य में तीन से 54 के बीच चुनावी वोट हैं। किसी भी राज्य के निर्वाचकों की संख्या उसके अमेरिकी सीनेटरों और अमेरिकी प्रतिनिधियों की कुल संख्या को जोड़कर निर्धारित की जाती है। अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव एक अप्र त्यक्ष प्रक्रिया है, जिसमें सभी राज्यों के नागरिक इलेक्टोरल कॉलेज के कुछ सदस्यों के लिए वोट करते हैं। इन सदस्यों को इलेक्टर्स कहा जाता है, ये इलेक्टर्स इसके बाद प्रत्यक्ष वोट डालते हैं जिन्हें इलेक्टोरल वोट कहा जाता है। डीसी से अलग इन 535 इलेक्टोरल वोट को समझें तो अमेरिकी संसद की कुल सीटों संख्या 535 है जिनमें से 435 हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव (एचओआर) और 100 सीनेट के सदस्य हैं। भारत के उदाहरण से समझें तो हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्य निचले सदन लोकसभा के सांसद जबकि उच्च सदन सीनेट के सदस्य या सीनेटर राज्यसभा सांसद हुए। नियमों के मुताबिक, हर राज्य में कम से कम एक या अधिक से अधिक आबादी के अनुसार एच ओआर होंगे, जबकि सीनेटर हर राज्य से दो ही होंगे। यानी चुनाव में हर राज्य से कम से कम तीन इलेक्टोरल वोट तो होंगे ही। वोट देने के लिए बाध्य करे जिसके प्रति वो वचनबद्ध हैं। इन्हें फेथफुल इलेक्टर कहा जाता है और माना जाता है ये उसी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन करेंगे जिसके लिए उन्हों ने शपथ ली है। इन निर्वाचकों का चयन पार्टियां ही करती हैं।
साथियों बात अगर हम 7 स्विंग स्टेट्स को समझने की करें तो, क्या होते हैं स्विंग स्टेट्स? जो बदल देते हैं अमेरिकी चुनाव के समीकरण अमेरिकी चुनाव में अधिकतर राज्य किसी एक पार्टी या के उम्मीदवार की ओर झुके हो ते हैं, लेकिन यहां ऐसे करीब सात राज्य हैं जहां किसी भी पार्टी की जीत हो सकती है, यानी इन राज्यों में इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि चुनाव में कौन बाजी मारेगा, अमेरिका में ऐसे राज्यों को स्विंग स्टेट्स कहा जाता है। राजनीतिक चाणक्यों की मानें तो ये राज्य चुनावी समीकरण को बदल सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटें की टक्कर देखने को मिल रही है। ऐसे में अमेरिका स्विंग स्टेट्स काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। दरअसल 7 राज्यों में कुल मिलाकर 93 इलेक्टोरल काॅलेज वोट हैं इन स्विंग स्टेट में पेंसिल्वेनिया (19 इलेक्टोरल काॅलेज), नाॅर्थ कैरोलि ना (16 इलेक्टोरल काॅलेज), जाॅर्जिया (16 इलेक्टोरल काॅ लेज), मिशिगन (15 इलेक्टो रल काॅलेज), एरिजोना (11 इलेक्टोरल काॅलेज), विस्काॅ न्सिन (10 इलेक्टोरल काॅलेज) और नेवादा (6 इलेक्टोरल काॅलेज) शामिल हैं।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 की बड़ी बातों को समझने की करें तो,अमेरिका के सभी 50 राज्यों में आज वोट डाले गए अमेरिका के 26 करोड़ मतदाता नए राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। अमेरिका का राष्ट्रपति 7.5 करोड़ से ज्यादा वोटर कर चुके हैं। प्री-पोल मतदान 26 लाख भारतीय मूल के वोटर्स भी वोटिंग किया कमला हैरिस राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली अश्वेत महिलाकमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं डोनाल्ड ट्रंप लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे हैंचुनाव में खतरे को देखते हुए एफबी आई ने कमांड पोस्ट बनाई।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अमेरिका चुनावी महासंग्राम आम जनता द्वारा इलेक्टर्स को मतदान की प्रक्रिया-पूरी 17 दिसंबर को 538 इलेक्टर्स चुनेंगे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व कमला हैरिस में कांटे की टक्कर- 538 सदस्यों का इलेक्टोरल काॅलेज करेगा फैसला। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनियाँ की निगाहें-कमला हैरिस प्रथम महिला राष्ट्रपति बन इतिहास रचेगी या ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे।

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