(राममिलन शर्मा) अमेठी। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें फाइलेरिया की पुष्टि के लिए नाईट ब्लड सर्वे में रक्त पट्टिका बनाने, स्टे निंग एवं फाइलेरिया कार्यक्रम की जानकारी विस्तार से दी गयी। जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इसके परजीवी माइक्रोफाइलेरिया रात में सक्रिय होते हैं।
इसलिए इस बीमारी का पता लगाने के लिए रात में ही खून के नमूने लिए जाते हैं द्य जिसे नाईट ब्लड सर्वे कहा जाता है। इसको लेकर ही यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। रक्त पट्टिका बनाते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्या सेवाएं दी जाती हैं इसके बारे में भी इस प्रशि क्षण में जानकारी दी गयी।
प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। फाइलेरिया से बचने का उपाय है – मच्छरों से बचना और साल में एक बार आईडीए अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना द्य इसलिए समुदाय में लोगों को मच्छरों से बचने और फाइलेरिया रोद्दी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक करें।
इस मौके पर पाथ के प्रतिनिधि ओजस्विनी त्रिवेदी ने फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के प्रभावित अंगों की देखभाल को लेकर रुग्णता प्रबन्धन एवं रुग्णता उपचार (एमएमडीपी) के बारे में बताया कि रोगियों को बताएं कि वह व्यायाम कर और साफ सफाई के माध्यम से प्रभावित अंगों की देखभाल कर सकते हैं। ऐसा करने से सूजन भी नियंत्रित रहती है और संक्रमण भी नहीं होता है, रामधनी एसवएलवटीव द्वारा स्लाइड बनाने के जानकारी दे गई तथा विनीत कुमार मौर्य जिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा नाईट ब्लड सर्वे में किए जाने वाले प्रचार प्रसार और रिपो र्टिंग के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। इस मौके पर मलेरिया अधिकारी, सुशील कुमार सहा यक विनोद सोनी मलेरिया निरीक्षक, प्रखर डब्लू.एच. ओ. प्रतिनिधि एवम सीफार प्रतिनि धि सतीश शुक्ला मौजूद रहे।
फाइलेरिया कार्यक्रम के सभी पहलुओं को लेकर प्रशिक्षण आयोजित
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