रूस में 22 वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन बनाम अमेरिका में नाटो शिखर सम्मेलन, दोनों एक ही दिन 09 जुलाई 2024 पर विश्व की नजरें टिकी

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर भारत की दुनियां में बढ़ती साख व प्रतिष्ठा का अंदाजा हम भारतीय पीएम के रूस आधिकारिक दौरे पर, फर्स्ट डेप्युटी प्राइम मिनिस्टर ने रिसीव किया। बता दें पिछले साल जब चीनी राष्ट्रपति रूस आए थे, तो उनकी अगु वानी डिप्टी प्राइम मिनिस्टर ने की था जो फर्स्ट डेप्युटी मिनिस्टर से कदम कम रैंक होने पर आता है, इससे हम हमारे पीएम के सम्मान का अंदाजा लगा सकते हैं। वैसे मैं बचपन से भारत-रूस की दोस्ती के बारे में अपने दादा व पिताजी से सुनता आ रहा था जो हर समय सशक्त के साथ भारत के साथ खड़ा होता था। रक्षा से लेकर पेट्रोलियम पदार्थो सहित, की आपूर्ति रूस से ही अधिक होती है। रूस-यूक्रेन युद्ध में नाटो द्वारा लगाए प्रतिबंधों के बावजूद भारत को आपूर्ति में कोई किल्लत नहीं आई। अब रूस-यूक्रेन युद्ध अपने चरम स्तरपर हैं और दिनांक 9 जुलाई 2024 को, अगर 22वां भारत रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन रूस में हो रहा है, तो इसी दिन 9 से 11 जुलाई 2024 को अमेरिका में नाटो देशों के का शिखर सम्मेलन भी हो रहा है, जिसमें रूस के खिलाफ बंधन व यूक्रेन की मदद संबंधी निर्णय व स्वीडन की सदस्यता संबंधी कार्य किया जा सकते हैं। ऐसे वक्त के दौर में भारत की 5 वर्षों के बाद व प्रथम हैट्रिक 3.0 सरकार की पहली विदेशी यात्रा, रूस में होंना मायना रखती है, इसीलिए ही रूसी एक विभाग के अधिकारी ने कहा है कि भारत की रूस यात्रा पर पश्चिमी देशों को ईष्र्या हो रही है। जबकि भारत -रूस मित्रता तो सात दशकों से रही है, इसलिए ही समय -समय पर संयुक्त राष्ट्र में अनेक मुद्दों पर कूटनीतिक विदेश नीति पर अनेक बैठकों में भारत अनुपस्थित रहता है यानी एब्सेंट रहता है अप्रत्य क्ष रूप से रूस का सहयोगी बने रहता है।इसलिए दिनांक 8 जुलाई 2024 को देर रात्रि सभी टीवी चैनलों व सोशल मीडिया पर पीएम की इस रूस यात्रा लगी हुई थी जिस से भारत में अति उत्साह को समझा जा रहा है व रूसी राष्ट्रपति द्वारा पीएम को उन के निजी होम पर रात्रि डिनर दिया गया व बातचीत भी होगी, इससे उनकी गहरी दोस्ती की प्रक्रिया था का अंदेशा ल गाया जा सकता है 9 जुलाई 2024 को रूस के साथ ऊर्जा व्यापार निवेश स्वास्थ्य शिक्षा संस्कृति पर्यटन आपसी मानवीय सुविधाएं सहित अनेक मुद्दों पर सकारात्मक रुख से दोनों देशों के मध्य संबंधित लोगों को सटीक लाभ पहुंचाने कीसंभावना से इनकार नहीं किया जा सक ता। चूंकि रूस में 22वां भारत रूस शिखर सम्मेलन बनाम अमेरिका में नाटो शिखर सम्मे लन दोनों एक ही दिन 9 जुलाई 2024 पर विश्व की नजरें टिकी हुई है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत रूस वार्षिक शि खर सम्मेलन रूस दोस्ती जिंदा बाद मेंशन, पश्चिमी देशों को टेंशन।
साथियों बात अगर हम 8 जुलाई 2024 को देर शाम माननीय पीएम के 22वें भारत रूस शिखर सम्मेलन में रूस पहुंचने और जोरदार स्वागत की करें तो, पुतिन के निमंत्रण पर करीब पांच साल में पहली बार रूस पहुंचे हैं। यह तीसरे कार्यकाल की उनकी दूसरी विदेश यात्रा है। प्रधानमंत्री भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे माॅस्को पहुंचे थे। यहां वणुकोवो-प्प् इंटरनेशनल एयर पोर्ट पर पीएम का रूस के प्रथम डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। पीएम से मुलाकात के लिए एयरपोर्ट पर माॅस्को स्थित केंद्रीय विद्यालय के स्टूडेंट्स भी पहुंचे। बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय भी पीएम के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। पीएम ने इस दौरान कुछ स्टूडेंट्स से दो टूक बात भी की।
साथियों बात अगर हम दिनांक 8 जुलाई 2024 को भारतीय पीएम के सम्मान में रूसी राष्ट्रपति द्वारा निजी होम पर डिनर, स्वागत व निजी चर्चा आमंत्रण की करें तो, रूस के राष्ट्रपति ने पीएम को अपने प्राइवेट घर पर डिनर के लिए आमंत्रित किया। यह डिनर उनके आधिकारिक आवास पर नहीं बल्कि उनके निजी फार्म हाउस में हुआ। पीएम को राष्ट्रपति ने अपना परम मित्र बताया है।पीएम पहुंचे तो पुतिन ने बाहें फैलाकर उनका स्वागत किया और दोनों नेता फिर गले भी मिले। नेता मंगलवार को भारत रूस के बीच 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में बैठक की। आज जब दोनों नेता मिले तो उनकी करीबी दोस्ती भी साफ नजर आई। साथियों बात अगर हम माननीय पीएम के 22वें भारत रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हितधारकों के लाभों की करें तो, पीएम ने सोमवार से अपनी दो दिवसीय रूस यात्रा शुरू की जिसमें वह व्यापार, ऊर्जा एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान देते हुए राष्ट्र पति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता की मोदी ने माॅस्को पहुंचते ही कहा कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षी य साझेदारी को गहन बनाने को लेकर आशान्वित हैं और भारत तथा रूस के बीच मजबूत संबंधों से हमारे लोगों को बहुत लाभ मिलेगा। एक शीर्ष भारतीय अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूस के साथ भारत के व्यापार असंतुलन को ठीक करना और यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए गुमराह किए गए भारतीय नाग रिकों की रिहाई सुनिश्चित करना मास्को में शीर्ष प्राथमि कताओं में से एक है। उन्होंने कहा, मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशा न्वित हूं। उन्होंने कहा, हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका नि भाना चाहते हैं। रूस के साथ अपनी विशिष्ट रणनीतिक साझे दारी का भारत पुरजोर बचा व करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गर्मजोशी बनी रही है।रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है। भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। पीएम ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में भारतीय मूल के लोगों से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी। साथियों बात अगर हम संभाव्य समझौतों की उम्मीदों की करें तो, पीएम का रूस दौरा भारत के रक्षा क्षेत्र के नजरिए से से काफी अहम सा बित हो सकता है। रक्षा थिंक टैंक, सेंटर फॉर एनालिसिस आॅफ स्ट्रैटेजीज एंड टेक्नोलाॅ जीज के निदेशक रुसलान पुखोव के अनुसार, भविष्य के हथियार सौदे भी एजेंडे में हो सकते हैं। रूस भारत को नई वायु रक्षा प्रणाली और एसयू-30एमकेआई लड़ाकू जेट, साथ ही केए-226टी बहुउद्देशीय हेलीकाॅप्टरों के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन की आपूर्ति कर सकता है। भारत रूस से एक दर्जन लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रहा है। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पुतिन के बीच फाइटर जेट एसयू-57, एंटी टैंक गोले की फैक्ट्री डील, मैंगो आर्मर-पियर्सिंग टैंक राउंड की फैक्ट्री डील, मि लिट्री लाॅजिस्टिक्स समझौ ता हो सकता है। इस दौरे से पहले ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत और रूस संयुक्त रूप से 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान विक सित करने के लिए समझौ ता कर सकते हैं। इससे पह ले गुरुवार को रूस की बड़ी सरकारी कंपनी रोस्टेक काॅर पोरेशन ने कहा था कि उस की हथियार निर्यात इकाई ने रूस निर्मित युद्धक टैंकों के लिए कवच-भेदी राउंडों का भारत में उत्पादन करेगी। रूस की बड़ी सरकारी सैन्य कंपनी रोस्टेक का एलान किया था कि भारत में एंटी टैंक गोले बनाने की फैक्ट्री बनेगी। मैंगो आर्मर-पियर्सिंग टैंक राउंड्स की फैक्ट्री बनेगी, माॅस्को में पीएम के कार्यक्रम में पुतिन के साथ एक निजी बैठक, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता, बंद कमरे के अंदर वार्ता, प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनि धिमंडल के लिए पुतिन द्वारा आयोजित भोज और वीडीए नकेएच काॅम्प्लेक्स (राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की उपलब्धियों का प्रदर्शनी स्थल), रोसाटाॅम पैवेलियन में एक प्रदर्शनी केंद्र का दौरा शामिल है। वह भार तीय प्रवासियों की एक सभा को भी संबोधित करेंगे। पीएम अपनी रूस यात्रा के दौरान व्लादिमीर पुतिन के साथ क्षे त्रीय और वैश्विक सुरक्षा, यूक्रेन -रूस युद्ध, रक्षा, तेल और गैस, द्विपक्षीय संबंध, व्यापार और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों पर बात करेंगे। इससे पहले रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पीएम की यह यात्रा राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापार पर सीधी बात चीत करने का शानदार अव सर है। उन्होंने कहा, व्यापार असंतुलन जैसे कुछ मुद्दे हैं, इसलिए, जाहिर है कि नेतृत्व स्तर पर यह बैठक महत्वपूर्ण साबित होगी। क्योंकि उनके निर्देशों के अनुसार ही हम देखेंगे कि रिश्ते को कैसे आगे बढ़ाया जाए। सम्मेलन पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह अच्छी परंपरा है। लेकिन ऐसे शिखर सम्मेलनों में कुछ कमी आई है। दोनों नेताओं के बीच रूस पर प्रतिबंधों के चलते भुगतान मुद्दा हल करने, रक्षा हार्डवेयर की आपूर्ति, प्रस्ता वित चेन्नई व्लादिवोस्तोक मैरिटाइम कॉरिडोर में निवेश पर चर्चा के अलावा यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहे भारतीयों के संवेदनशील मुद्दे पर भी बातचीत संभव है। रोस्टेक ने एक बयान में कहा कि भारत में निर्मित श्मैंगोश् गोलों को टी-72 और टी-90 टैंकों की तोपों से दागने के लिए बनाया गया है, जिनका उपयोग भारत की थल सेना करती है। इस दौरे में एस- 400 वायु रक्षा मिसाइलों की आपूर्ति को दोबारा शुरू करने के भारत के अनुरोध पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। 30 किमी की ऊंचाई के साथ 4 00 किमी तक की मारक क्षम ता वाले एस-400 के लिए 2018 में समझौता हुआ था। पांच अरब डाॅलर की इस डील में भारत ने पांच एस-400 मिसाइल का आॅर्डर दिया है। इनमें से तीन की डिलीवर की जा चुकी है जबकि दो अभी बाकी है। सतह से हवा में मार करने वाला यह मिसाइल सि स्टम विमान, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल के हवाई हमलों को रोक सकता है। शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विवि ध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श व शिखर वार्ता में यूक्रेन संघर्ष भी प्रमुख मुद्दा रह सकता है।
साथियों बात अगर हम 9 से 11 जुलाई 2024 को अमेरिका में नाटो शिखर सम्मे लन की करें तो वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन शुरू होने वाला है। शिखर सम्मे लन में बाइडन नाटो नेताओं का स्वागत करेंगे और 32 सहयोगियों की बैठक में सब से नए सदस्य के रूप में स्वी डन को शामिल किया जाएगा।

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