न्यायपालिकाओं में 41 से अधिक पिटीशनस के साथ छात्र सड़क पर उतरे, आंदोलन की चेतावनी चिंतनीय

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(एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी) गोंदिया। वैश्विक स्तर पर हर देश के विकास की बुनि याद का एक महत्वपूर्ण पहिया शिक्षा है। यदि शिक्षा ग्रहण, परीक्षा व पुरी प्रणाली अति पारदर्शिता व ईमानदारी से होगी तो टैलेंटेड शिक्षाविद सामने आएंगे, जो उस बुनियाद को मजबूत करनेमें बेहद अहम भूमिका अदा करेंगे। हम पिछले कुछ वर्षों से देख रहे हैं कि परीक्षाओं में विवादों का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। अनेक प्रदेशों में पेपर लीक के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। उपाय व जांच होती है सख्ती बढ़ती जाती है परंतु फिर पेपर लीक की घटनाएं सामने आ जाती है जो अत्यंत चिंतनीय है, इस से यह आशंका होती है कि ऊपर से बिना गठजोड़ से पेपर लीक मामला मेरा मानना है कि असंभव बात है। यह विषय आज हम इसीलिए उठा रहे हैं क्योंकि पिछले दिनों आए नीट परीक्षा के रिजल्ट में एनटीए जो बड़ी-बड़ी परीक्षाएं करवाती है, उसकी कार्य कार्यप्रणाली पर कहीं ना कहीं शंखाओं में आ गई है। क्योंकि 24 लाख लोगों ने नीट परीक्षा दिए थे परंतु रिजल्ट आने पर यही छात्र सड़कों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रदर्शन आंदोलन किए, सरकार जागी और ग्रेस मार्ग को रद्द कर दिया गया है।
परंतु पूरे देश में प्रदर्शन तेजी से हो रहा है कि काउंस लिंग रोकी जाए, नीट परीक्षा रद्द की जाए जिसपर माननीय सुप्रीम कोर्ट नेपहले ही साफ कर दिया था कीकाउंसलिंग शुरू रहेगी। परंतु 41 से अ धिक रिट पिटीशन के साथ छात्र सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक की दहलीज पर पहुंच गए हैं और अब आंदोलन की राह पर हैं। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिक ल के माध्यम से चर्चा करेंगे, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को अपनी योग्यता के साथ पार दर्शिता साबित करनी ही होगी।
साथियों बात अगर हम देशभर में छात्रों के आंदोलन की करें तो, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर नीट -यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने और 05 मई को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितता ओं की सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी द्वारा शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए 20 छात्रों द्वारा दायर याचिका में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को नए सिरे से परीक्षा आयोजि त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। एनटीए 2024 को लेकर देशभर में स्टूडेंट्स द्वारा प्रोटेस्ट लगाता र जारी हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में 1563 स्टूडेंट्स को दिए गए ग्रेस मार्क्स को भी सुनवाई के दौरान रद्द कर दिए हैं और इन स्टूडेंट्स के लिए दोबारा एग्जाम आयोजित कर ने का आदेश दिया गया है। इन स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम का आयोजन 23 जून 2024 को निर्धारित परीक्षा केंद्रों किया जाएगा। एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड परीक्षा से कुछ दिन पूर्व डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। जिन छात्रों के ग्रेस मार्क्स सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किये गए हैं, उनको काॅउंसलिंग में शामिल होने के लिए छूट दी गई है। लेकिन ये स्टूडेंट्स ग्रेस मार्क्स के बिना काॅउंसलिंग में शामिल हो सकेगा। नीट यूजी 2024 एडमिशन के लिए कॉउंसलिंग प्रक्रिया 06 जुलाई से शुरू कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने काॅ उंसलिंग प्रक्रिया पर किसी भी प्रकार की रोक लगाने से मना कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए अगली डेट 8 जुलाई 2024 तय की है। जो लोग पुनः परीक्षण में भाग लेते हैं, उनके 5 मई, 2024 की परीक्षाके अंकों को ध्यानमें नहीं रखाजाएगा और उनके पुनरूपरीक्षण के अंकों पर विचार किया जाएगा। साथियों बात अगर हम एनटीए के इसके पूर्व के वर्षों में भी विवादों की करें तो जाॅइंट एंट्रेंस एंट्रेंस एग्जाम 2019 परीक्षा के दौरान सर्वर में खराबी के कारण कई छात्रों को परीक्षा देने में परेशानी हुई थी, इसके अलावा कुछ केंद्रों पर प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण में देरी हुई। 2020 कोविड-19 महा मारी के कारण अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कई बार स्थगित हुआ था। कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाई हुई। इसके अलावा 2020 की एक घटना भी शामिल है, जिसमें असम के एक जेईई अभ्यर्थी ने कथित तौर पर अपनी परीक्षा लिखने के लिए एक अन्य अभ्यर्थी को भेजा था, अगले महीने पुलिस ने उस अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया, जिसने राज्य में सबसे अधिक अंक हासिल किए थे, और उसके पिता और टेस्टिंग फेकल्टी के कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया था।फिर से जेईई मेन्स एग्जाम में कुछ छात्रों को गलत प्रश्न पत्र दिए गए थे। कई केंद्रों पर परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग की शिकायतें भी मिलीं। इसके साथ ही नीट यूजी 2021 में भी पूछे गए फिजिक्स के एक प्रश्न को लेकर भी विवाद हुआ था। जिसे लेकर छात्रों के प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस प्रश्न में हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में अंतर था। तो नीट 2021 इस साल भी नीट पेपर लीक का मामला सामने आया थाराजस्थान के भांकरोटा के परीक्षा केंद्र से सॉल्वर गैंग ने सेंटर के स्टाफ से सांठगांठ करके परीक्षा के दौरान ही मोबाइल के कैमरे से पेपर का फोटो खींचकर सीकर भेजा था। फिर सीकर पेपर साॅल्व कराकर आंसर की वा पस भेजे और छात्रा को नकल कराने की कोशिश की, तब पुलिस घेराबंदी करके पुलिस की टीनों ने एक साथ 4 जग ह छापा मारा और एक छात्रा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी तरह अजमेर पुलिस ने भी 6 नीट एस्पिरेंट्स को गिरफ्तार किया था। जहां पेपर साॅल्व कराने के लिए इतने लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आई थी।
सीयूटीई 2022 विभिन्न केंद्रीय, राज्य, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में भी गड़बड़ियां देखने को मिली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि कानपुर के एक केंद्र पर हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी के प्रश्नपत्र बांट दिए गए थे राजस्थान के स वाई माधोपुर के एक केंद्र पर भी यही समस्या आई। दोनों ही मामलों में एजेंसी को प्रभा वित छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करनी पड़ी।
17 जुलाई 2022 को आ योजित हुई नीट की परीक्षा में भी कई सेंटर पर गड़बड़ी हुई थी। इस दौरान दूसरे मा ध्यम के प्रश्न पत्र स्टूडेंट्स को दे दिए गए थे। इस गड़ बड़ी के चलते स्टूडेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अब नीट यूजी 2024 एग्जाम के रिजल्ट में गड़बड़ी का मुद्दा देश भर में छाया हुआ है। अब इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। जबलपुर की छात्रा की ओर से हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में नीट परीक्षा की हाई लेवल इंक्वारी और परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचि काकर्ता के अधिवक्ता का तर्क सुनने के बाद सुनवाई जुलाई फर्स्ट वीक तक के लिए टाल दी है। एनटीए फिलहाल जेई ई, नीट, यूजीसी नेट, सीयूई टी, क्लैट जैसी दर्जनों परीक्षा एं कराता है और इसके जरिए लगभग दो करोड़ बच्चे परीक्षा देते हैं। ऐसी स्थिति में एनटीए को अपनी योग्यता के साथ साथ पारदर्शिता साबित क रनी ही होगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि नीट मामले पर पक्ष -विपक्ष में धामासान! नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को अपनी योग्यता के साथ पारदर्शिता साबित करनी ही होगी।
न्यायपालिकाओं में 41 से अधिक पिटीशनस के साथ छात्र सड़क पर उतरे, आंदो लन की चेतावनी चिंतनीय।

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