विकसित भारत के संकल्प में कौशलता विकास का बहुमूल्य योगदान को रेखंकित करना जरूरी

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर कौशलता विकास में भारत का डंका बज रहा है,जिसमें पुरुषों के साथ-साथ महि लाएं भी अपना कौशल दिखा रही है। भारत में 15 से 19 मई 2024 तक चले इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2024 के दौरान उन व्यवसायों में महि लाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिनपर पहले पुरुषों का वर्चस्व था। महिला प्रतिभागी अपने पुरुष समकक्षों के साथ सीधे मुका बले में भाग लिया बहुत जोश और उत्साह का प्रदर्शन की। साथ ही, यह साबित कर दिया कि कौशल और प्रतिभा किसी भी रूप में लैंगिक वजहों से बाधित नहीं होती। इस वर्ष, इंडिया स्किल्स में 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 61 कौशलों से जुड़े 900 से अधिक उम्मी दवार और 400 से अद्दिक उद्योग विशेषज्ञ भाग लिया। लाॅजिस्टिक्स और फ्रेट फारव र्डिंग, वेब टेक्नोलॉजीज, विजु अल मर्चेंडाइजिंग, फैशन तक नीक, ग्राफिक डिजाइन तक नीक, पेंटिंग और डेकोरेटिंग, इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन, औद्योगिक डिजाइन प्रौद्योगि की व नवीकरणीय ऊर्जा जैसे व्यवसायों में 170 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया है। यह प्रतियोगिता समान अवसर प्रदान करने के लिए एक मंच भी प्रदान कर किया गया था। चूंकि पिछले वर्षों में, प्लंबिंग और हीटिंग कौशल में एक महिला उम्मीदवार ने भाग लिया था। परिदृश्य (लैंड स्केप) बागवानी कौशल में दो महिला टीमें थीं। विजुअल मर्चेंडाइजिंग में भी महिलाओं का वर्चस्व था। मोबाइल रोबो टिक्स में भी दो लड़कियों की टीम ने हिस्सा लिया, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्द्द जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगेइस वर्ष, इंडियास्किल्स में 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 61 कौशलों से जुड़े 900 से अद्दिक उम्मीदवार और 400 से अधिक उद्योग विशेषज्ञ भाग लिया। भारत तेजी से बढ़ती कौशल विशेषज्ञता से बेरोजगारी का नामोनिशान मिटा देनें में जुटा।
साथियों बात अगर हम कौशलता विकास पर अंतर राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो, वैश्विक स्तर पर आज दुनियां कोविड महामारी से लेकर वर्तमान हमास-इसराइल के बीच भयंकर युद्ध तक की चुनौतियों से घिरा हुआ है, जिसमें आर्थिक चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन, भू-राजनी तिक अविश्वास, बढ़ती गुटबाजी, विस्तारवाद, आतंक वाद से लेकर संवेदनशीलता तक की चुनौतियों से निपटने में अधिक वक्त निकलता जा रहा है जो समय के साथ- साथ अपनी जटिलताओं से जकड़ते जा रहा है, कहीं अपना वीटो पावर तो कहीं विस्तारवाद कहीं आतंकवाद तो कहीं ज्वेलेसी की विशा लता घर करते जा रही है। ऐसी सब चुनौतियों से घिरी दुनिया में अगर हम भारत को देखें तो उसकी आवाज बुलंद होती जा रही है, जिस का अंदेशा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग सारे पश्चिमी देशों का सकारात्मक संज्ञान लेकर भारत की ओर रुझान, भारत की ओर होते जा रहा है, तो वहीं रुस उसके अनेक समर्थन वाले देश भी भारत को पसंद करते हैं जिसका मूल कारण यह है कि भारत स्पेस प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रानिक परिवहन स्वास्थ्य शिक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा संयुक्त कौशलता विकास दीक्षांत समारोह को संबोधन करने की करें तो उन्होंने कहा भारत में कौशल विकास का दायरा लगातार बढ़ रहा है। हम केवल मैकेनिकों, इंजीनि यरों, प्रौद्योगिकी या किसी अन्य सेवा तक सीमित नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने उल्लेख किया था कि महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए तैयार किया जा रहा है। रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम विश्वकर्मा योजना का उल्लेख किया जो विश्वकर्माओं को अपने पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक और उपक रणों के साथ जोड़ने में सक्षम बनाता है। स्किलिंग, अपस्कि लिंग और री-स्किलिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने नौकरियों की तेजी से बदलती मांगों और प्रकृति पर ध्यान दिया तथा तदनुसार कौशल को उन्नत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसलिए उद्योग, अनुसंधान और कौशल विकास संस्थानों के लिए वर्तमान समय के अनुरूप सामंजस्य होना बहुत महत्वपूर्ण है।
कौशल पर बेहतर ध्यान देने का जिक्र करते हुए, पिछले वर्षों में देश में लगभग 5 हजार नए आईटीआई स्था पित किए गए हैं, जिसमें 4 लाख से अधिक नई आईटी आई सीटें शामिल हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के साथ कुशल और उच्च गुण वत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूप में उन्नत किया जा रहा है। भारत में कौशल विकास का दायरा लगातार बढ़ रहा है। हम केवल मैकेनिकों, इंजीनि यरों, अन्य सेवा तक सीमित नहीं है। पीएम ने कहा क्योंकि उन्होंने उल्लेख किया था कि महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए तैयार किया जा रहा है। रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम ने इसके लिए भारत की युवा आबादी को श्रेय देते हुए कहा, आज पूरी दुनिया इस बात पर विश्वास कर रही है कि यह सदी भारत की सदी होगी। पीएम ने रेखांकित किया कि जब दुनिया के कई देशों में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है, भारत हर गुजरते दिन के साथ युवा हो रहा है। भारत को इसका बहुत बड़ा फायदा है, उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनियां अपने कुशल युवाओं के लिए भारत की ओर देख रही है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल स्किल मैपिंग को लेकर भारत के प्रस्ताव को हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में स्वीकार कर लिया गया, जिससे आने वाले समय में युवाओं के लिए बेहतर अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। पीएम ने किसी भी अवसर को बर्बाद न करने का सुझाव दिया और आश्वासन दिया कि सरकार इस उद्देश्य का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने पिछली सरकारों में कौशल विकास के प्रति उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा, हमारी सरकार ने कौशल के महत्व को समझा और इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और एक अलग बजट आवंटित किया। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत अपने युवाओं के कौशल में पहले से कहीं अधिक निवेश कर रहा है और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का उदाहरण दिया जिसने युवाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत किया है। पीएम ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक करीब 1.5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने आगे कहा कि औद्योगिक समूहों के पास नए कौशल केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं जो उद्योग को कौशल विकास संस्थानों के साथ अपनी आवश्यकताओं को साझा करने में सक्षम बनाएंगे, जिससे बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए युवाओं के बीच आवश्यक कौशल समूह विकसित होंगे।
साथियों बात अगर हम स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया योजनाद्वारा दी नयी उड़ानकी करें तो पीएमकेवीवाई के साथ केंद्र सरकार ने स्टार्टअप कोसहुलियतों के साथ बढ़ावा देने की बात है। स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया की नई योजना को गति देने के फैसले की यह प्रमुख वजह है। इसके तहत यूनिक बिजनेस आइडिया वाले बिजनेस पर सरकार 55 फीसदी तक सरकारी मदद मुहैया करा रही है।उद्यमिता के लिए पीएम मुद्रा बैंक योजना महत्वपूर्ण है। इसके जरिए गांव से शहरों की ओर पलायन कर रहे युवकों को उद्यमी बनाने का उपाय है। जो जहां है वह प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना का लाभ लेकर उद्यमिता शुरु कर सकता है। मुद्रा योजना में बैंक से बिना किसी गारंटी के 10 लाख तक की मुद्रा सहायता (ऋण मदद) का प्रावधान है। आवेदक की कुशलता, उद्योग का प्रकार और उद्योग की जरूरत को ध्यान मे रखते हुए ऋण दी जा रही है। मुद्रा योजना का विस्तृत अर्थ माइक्रो यूनिट डेवलोपमेंट री-फाइनेंस एजेंसी है, जिसे संक्षिप्त नाम मुद्रा दिया गया है।रोजगार की समस्या से जूझते देश के छोटे और मध्घ्यम उद्योग नौकरी के नए अवसर पैदा करने के सबसे बड़े स्रोत हैं। जाहिर तौर पर कौशल विकास केंद्रों से निकलने वाले प्रशिक्षितों को इन उद्योगों में जगह मिलनी है। इन उद्योंगों की पुरानी मांग रही है कि पलायन की वजह से स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित कर्मचारी मिलने में समस्या आ रही है। कौशलयुक्त कमर्चारियों की उपलब्धता से उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्घ्तर पर मुकाबला करने में कठिनाइयां दूर होंगी।आंकड़ों के मुताबिक लघु उद्योग कुल उद्योग के करीब 90 प्रतिशत से ज्घ्यादा हैं। पीएमकेवीवाई योजना से इनको कौशलयुक्त कर्मचारियों का मिलना बिन मांगी मुराद पूरी होने जैसा है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की ओर से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक बीते साल नवंबर से अबतक देश के अलग अलग हिस्सों में दस रोजगार मेलाओं का आयोजन किया गया है। इनमें एक लाख दस हजार आवेदक पहुंचे। जिनमें से अठारह हजार लोगों को कौशलयुक्त कर्मियों की चाहत रखने वाले साठ से ज्यादा कंपनियों ने आन स्पॉट नौकरी में बहाल कर लिया। पीएमकेवीवाई केंद्रों से निकलने वाले कौशलयुक्त कर्मियों के लिए आने वाले दिनों में और भी व्यापक पैमाने पर रोजगार मेले का आयोजन किया जाना है। जाहिर तौर पर इसकी सफलता रोजगार के समाधान की कुंजी बनने वाली है।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों पर बोलने की करें तो, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी हालिया आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम ने बताया कि भारत आने वाले वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में ले जाने के अपने संकल्प को भी याद किया और कहा कि आईएमएफ को भी भरोसा है कि अगले 3-4 वर्षों में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि इससे देश में रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत कौशलता विकास के बल पर चुनौतियों को चुनौती देकर आगे बढ़ रहा है। भारत तेजी से बढ़ती कौशल विशेषज्ञता से बेरोज गारी का नामोनिशान मिटा देनें में जुटा।कौशलता विकास युवाओं को रोजगार देने वाला बनाने के दूरगामी परिणामों से भारत तीसरे नंबर की अर्थव् यवस्था वाला देश शीघ्र बनेगा

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