चक्षु पोर्टल का कमाल!-गलत मैसेजेस, धोखा धड़ी किए तो मोबाइल फोन और नंबर दोनों ब्लाक करेगी सरकार

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर अति तेजी से के साथ प्रौद्यो गिकी वह नवाचार का विकास हो रहा है। इसी तेजी के साथविभिन्न मीडिया प्लेट फार्म्स से आनलाइन गड़ब ड़ियां व विभिन्न मोबाइल एप्स का दुरुपयोग जैसी घटनाएं दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है। हालांकि हम जानते हैं कि प्रौधौगिकी विकास के इस दूरसंचार क्षेत्र के बल पर ही हम पूरी दुनियां की जानकारी एक मिनट के अंदर अपनी आंखों से देख कानों से सुन वह मस्तिष्क से सोच सकनें में समर्थ बन गए हैं, तो दूसरी तरफ उस एक मिनट में इसका विपरीत असर भी देखने को मिलता है। मसलन एक मिनट के अंदर लाखों करोड़ों रुपए अकाउंट से उड़ जाते हैं, एक गलत मैसेज से दंगों का पहाड़ खड़ा हो जाता है, एक भड़काऊ मैसेज से ही भयंकर धार्मिक उन्माद खड़ा हो सकता है और उंगली सीधी तौर पर सत्ताधारी सरकार पर उठ जाती है कि सरकार क्या कर रही थी? इसलिए हर सरकार, शासन प्रशासन को भी हमेशा चुस्त दुरुस्त वह मुस्तैद रहना पड़ता है, हमेशा दूर की सोचनी पड़ती है, दूर की रणनीति बनानी पड़ती है जिससे इसके दूरगामी परिणाम ऐसे निकलते हैं कि आने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सके। इसी कड़ी में अभी कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक चक्षु पोर्टल लॉन्च किया था जिस पर हम यदि किसी मोबाइल द्वारा अपने नंबर से कोई गलत सूचना कमेंट्स या धोखाद्दड़ी सहित कुछ गलत कार्यों या कृतियों को अंजाम दिया जा रहा है तो कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल पर उस मोबाइल नंबर की शिकायत कर सकता है जिसकी जांच तुरंत प्राधिकृत अथॉरिटी करेगा वह शिकायत सही पाए जाने पर उस गलत मैसेज वाले मोबाइल धारक का न केवल नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा बल्कि मोबाइल सेट को भी ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसलिए मेरा मानना है कि यह जानकारी हर आम व खास नागरिक के लिए अतिमहत्वपूर्ण है, और उसे यह जानना भी चाहिए, क्योंकि आज करीब करीब हर व्यक्ति या हर घर में मोबाइल सेट होने की बात को रेखांकित किया जा सकता है। इसलिए आज मैं इस विषय को लेकर आर्टिकल लिखने व रिसर्च कर इसकी जानकारी प्राप्त करने का निर्णय लिया। चूंकि इस कड़ी में चक्षु मोबाइल का कमाल है, क्योंकि इसके आधार पर ही गलत मैसेज व धोखाधड़ी की जानकारी इस प्लेटफार्म पर मिलेगी और सरकार उस सम्बन्धित कंपनी को उस नंबर या मोबाइल हैंडसेट को ब्लाक करने का आदेश देगी। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी वह सत्यापन में विफल होनें से जुड़े मोबाइल नंबर और हैंडसेट ब्लाक करने में दूरसंचार विभाग का एक्शन सराहनीय कार्य है।
साथियों बात अगर हम दिनांक 10 मई 2024 को दूरसंचार विभाग द्वारा दिए गए आदेश की करें तो धोखा धड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है,विभाग ने हैंडसेट को ब्लॉक करने के साथ-साथ उन मोबाइल नंबरों को भी डिस्कनेक्ट करना शुरू कर दिया है, जो धोखाधड़ी गतिवि धियों में शामिल हैं।इससे सरकारी विभाग को मोबाइल उपयोगकर्ताओं को स्कैमर्स से बेहतर सुरक्षा देने में मददमिलेगी। दो महीने पहले ही दूरसंचार विभाग ने चक्षु पोर्टल लान्च किया था, जो धोखाधड़ी से संबंधित शिका यतों को हल कर सके। दूर संचार विभाग ने मोबाइल पर संदेश भेजकर मोबाइल उपयोग करने वालों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने ऐसी गतिविधियों में उपयोग किये जाने वाले मोबाइल फोन को ब्लॉक करने के साथ ऐसे नंबरों को बंद करना शुरू कर दिया है। साइबर अपराधों और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग, गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस मिलकर काम करेंगे। दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराधों में कथित संलिप्तता में 28,200 मोबाइल फोन ब्लॉक करने और 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों का फिर से सत्यापन करने का दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया है। एक आधि कारिक बयान में कहा गया है कि संयुक्त प्रयास का मकसद ठगों के नेटवर्क को ध्वस्त करना और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाना है। इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस के विश्लेषण से पता चला है कि साइबर अपराधों में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया। इन मोबाइल फोन के साथ करीब 20 लाख नंबरों का इस्तेमाल किया गया। दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को देशभर में इन 28,200 मोबाइल फोन कोब्लाक करने तथा इनसे जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शन का तत्काल दोबारा सत्यापन करने और सत्यापन में नाकाम रहने पर कनेक्शन काटने के निर्देश दिए।
चक्षुपोर्टल के लान्च होने के बाद से संदिग्द्द एसएमएस भेजने में लिप्त 52 संस्थाओं को काली सूची में डाला जा चुका है जबकि देशभर में 348 मोबाइल हैंडसेट को ब्लाक किया गया और 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को दोबारा सत्यापन के लिए चिह्नित किया गया। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराधों और वित्तीय धोखाधड़ी या नकली या जाली दस्तावेज पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन में शामिल होने के कारण 1.58 लाख यूनिक मोबाइल डिवाइस पहचान संख्या आईएमईआई को ब्लॉक किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल 30 अप्रैल तक विभाग ने 1.66 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काटे, जिन में से 30.14 लाख उपयोग कर्ताओं की प्रतिक्रिया के आद्दार पर और 53.78 लाख नए सिम कार्ड खरीदने की व्यक्तिगत सीमा पार करनेके कारण काटेगए।
साथियों बात अगर हम नंबर और मोबाइल हैंडसेट दोनों ब्लाक करने की करें तो, दूरसंचार विभाग ने 700 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट्स को निष्क्रिय कर दिया है। 30 अप्रैल, 2024 तक फिर से सत्यापन में विफल रहने पर 8,272 मोबाइल कनेक्शन काटे गये हैं। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराधों और वित्तीय धोखा धड़ी या नकली अथवा जाली दस्तावेजों पर लिये गये मोबाइल कनेक्शन में शामिल होने के कारण 1.58 लाख विशिष्ट मोबाइल फोन पहचान संख्या आईएमईआई को भी ब्लॉक कर दिया है।
साथियों बात अगर हम च्छु पोर्टल को जाननेकी करें तो, चक्षु पोर्टल भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक आनलाइन प्लेटफार्म है, जो आनलाइन फ्राड को रोकने और सभी की सिक्योरिटी तय करने के लिए बनाया गया है। यह पोर्टल भ्रामक वेब साइटों, एप्लीकेशन या अन्य आनलाइन साइबर क्राइम की रिपोर्टिंग के लिए एक प्लेट फार्म प्रदान करता है। जिससे आम लोग आनलाइन फ्राड या साइबर क्राइम की सूचना दे सकते हैं। चक्षु पोर्टल का इस्तेमाल करने के लिए हमको बस इसकी आफिसियल वेब साइट पर जाना होगा और अपनी शिकायत को कंप्लेंट करना होगा। इसके बाद, सरकारी अधिकारियों को हमारी शिकायत को जांच करने और जरूरी कार्रवाई करने का काम मिलेगा। इस पोर्टल के माध्यम से, हम आन लाइन क्राइम को रिपोर्ट करके साइबर सिक्योरिटी में अहम योगदान कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा लान्च किया गया एक डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म है जो नागरिकों को आनलाइन धो खाधड़ी से बचाने में मदद करता है। यह पोर्टल दूर संचार विभाग द्वारा संचार साथी पहल के तहत विकसित किया गया है। ट्राई की सी एनएपी सर्विस टेलीकाम कंपनियों द्वारा लान्च की गई एक सेवा है जो कालर का नाम और पता दिखाती है। यह सेवा यूजर्स को फर्जी काल्स को पहचानने और उनसे बचने में मदद करती है। संचार साथी इनिशिएटिव के तहत तैयार किया गया चक्षु पोर्टल एक डिजिटल इंटे लिजेंस प्लेटफार्म है, जिसके माध्यम से स्टेकहोल्डर्स तेजी से अमल कर सकते हैं। सरकार ने चक्षु पोर्टल को लॉन्च किया है, ताकि यूजर्स फर्जी काल्स और मैसेज को रिपोर्ट कर सकें, जिससे सरकार उन पर नियंत्रण और कार्रवाई कर सके। केंद्रीय आईटी और संचार मंत्री ने इस पोर्टल को आनलाइन फ्राड से लड़ने में सरकार की मदद करने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 महीनों में सरकार ने लोगों को करीब 1,000 रुपये की ठगी से बचाया है और फ्राड ट्रांजैक्शन से लिंक करीब 1,008 बैंक अकाउंट्स को फ्रीज किया गया है। चक्षु पोर्टल के माध्यम से, यूजर्स फर्जी काल्स और मैसेज को रिपोर्ट कर सकेंगे, जिससे सरकार उन पर एक्शन ले सके।
साथियों बात अगर हम चक्षु पोर्टल के उपयोग और शिकायत की करें तो सबसे पहले, मेल पर जाएं। सिटिजन सेंट्रिक सर्विसेज के अंदर दिए गए चक्षु आप्शन पर क्लिक करें। अगले पेज पर हमको एक फार्म भरना होगा, जिसमें,
मीडियम- जिस माध्यम से हमको फ्राड मैसेज मिला (जैसे कि काल, एसएमएस, ईमेल) कैटेगरी- फ्राड का प्रकार (जैसे कि बैंकिंग, वित्तीय, सिम कार्ड) फ्राड कम्युनि केशन का समय- आपको फ्राड का मैसेज कब मिला या फ्राड का मैसेज क्या था। इसके बाद अपनी निजी जानकारियां भरकर ओटीपी दर्ज करना होगा।दर्ज करने के बाद फर्जी कम्युनिकेशन की शिकायत दर्ज हो जाएगी। चक्षु पोर्टल पर इन चीजों की शिकायत की जा सकती है अनजान मोबाइल नंबर अगर आपके आई पर अनजान मोबाइल नंबर जारी किया गया है, तो आप इसे यहां रिपोर्ट कर सकते हैं।खोए या चोरी हुए मोबाइल हैंड सेट अगर आपका मोबाइल हैंडसेट खो गया है या चोरी हो गया है, तो आप इसे ब्लॉक करने और ढूंढ़ने के लिए यहां रिपोर्ट कर सकते हैं। हम यहां रिपोर्ट कर सकते हैं कि क्याहमारा मोबाइल हैंडसेट नया है या फिर इस्तेमाल किया गया है। अगर हमको अंतरराष्ट्रीय नंबर से फ्राड काल्स मिल रहे हैं, तो हम इसे यहां रिपोर्ट कर सकते हैं। हम यहां रिपोर्ट कर सकते हैं कि क्या हमारे लाइसेंस वायर लाइन इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने हमको सही सेवा प्रदान की है या नहीं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मोबाइल धारकों अटेंशन! मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल या गलत मैसेजेस किए तो,नंबर और हैंडसेट दोनों ब्लाक हो जाएंगे। चक्षु पोर्टल का कमाल!-गलत मैसेजेस धोखा धड़ी किए तो मोबाइल फोन और नंबर दोनों ब्लॉक करेगी सरकार। साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी व सत्यापन विफल से जुड़े मोबाइल नंबर और हैंडसेट ब्लाक करने में दूरसंचार विभाग का एक्शन सराहनीय कार्य है।

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