प्रथम चरण के 102 सीटों में 41 फीसदी यानें 42 सीटें रेडअलर्ट निर्वाचन क्षेत्र है, जिसको रेखांकित करना समय की मांग

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र के सबसे बड़े विशाल मंदिर लोकसभा में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए अपने प्रतिनिधियों का को चयन करनें का महापर्व लोकसभा चुनाव 2024 का शुभारंभ हो चुका है। मेरा मानना है कि अभी मतदाता पहले की अपेक्षा बहुत अधिकजागरूक हो गए हैं। भारतीय लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का हक है। बशर्ते वह भारत का नागरिक होना चाहिए। ऐसी उम्मीद की जाती है कि चुनाव में स्वच्छ छवि के लोग आगे आएं ताकि सरकार की बागडोर ईमानदार व्यक्ति यों के हाथों में रहे लेकिन हम देखते हैं कि कई नेता ऐसे भी होते हैं जिनके खिलाफ कई प्रकार के मुकदमे द र्ज होते हैं। सामान्य तौर पर कुछ मुकदमे तो द्वैषतावश या किसी परिस्थिति के का रण दर्ज हो सकते हैं। लेकिन अगर किसी के खिलाफ गंभीर प्रकृति के मुकदमे दर्ज हो तो यह चिंता का विषय है। हमारे देश में कई ऐसे नेता हुए हैं जो न सिर्फ चुनाव जीतने के बाद बल्कि मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के बाद जे ल तक पहुंचे हैं। बता दें कई उम्मीदवार जाकर मतदाता के सामने कितनी भी बीन क्यों ना बजा लें, या हरे गुलाबी देकर आए, परंतु आज मतदाता अपने विवेक का उपयोग कर ता है जिसे जागृत करने में, द एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफाॅर्म (एडीआर) तथा नेशनल इलेक्शन वाॅच ने आम भूमिका अदा करने की को शिश की है, क्योंकि एडीआर व एनएडब्लू ने लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में चुनाव लड़ रहे 102 सीटों के 1625 उम्मीदवारों में से 1618 उम्मी दवारों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया है, जिस को हर एंगल से उम्मीदवारों, राजनीतिक पार्टियों का भी आंकलन किया है। बता दें कि चुनाव लड़ते समय खुद प्रत्याशियों द्वारा अपने ऊपर लगे आपराधिक प्रकरणों का उल्लेख किया जाता है, चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले प्रत्याशियों ने अपने अपने नामांकन पत्रों के साथ शपथ पत्र जमा कराया। इन शपथ पत्रों में सभी तरह की जान कारियां दी गई है। प्रत्याशियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण और उनकी स्थिति का पूरा ब्यौरा भी स्वयं प्रत्या शियों की ओर से दिया गया है, जिसका विश्लेषण एडी आर ने किया है। जिसमें हैरा नी वाली बात यह है कि, लोकसभा चुनाव में पहले चरण में जिन 102 सीटों पर मतदान हुआ उनमें से 42 सीट यानी 41 फीसद रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं। एडीआर के मुताबिक रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र का अभिप्राय उन सीट से हैं जहां से किस्मत आजमा रहे तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने हलफ नामे में आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। वि श्लेषण के मुताबिक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा इस चरण के लिए मैदान में उतारे गए सभी चारों उम्मीदवारों केखिलाफ आपराधिक माम ला दर्ज है। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के 22 उम्मीदवारों में से 13 (59 फीसद), समाज वादी पार्टी के घोषित सात उम्मीदवारों में तीन पर (43 फीसद), तृणमूल कांग्रेस के घोषित पांच उम्मीदवारों में दो (40 फीसद), भाजपा द्वारा घोषित 77 उम्मीदवारों में से 28 (36 फीसद), कांग्रेस द्वारा घोषित 56 उम्मीदवारों में से 19 (34 फीसद) पर आपराधिक मामला दर्ज है। इसी प्रकार आल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्ना द्रमुक) की ओर से मैदान में उतारे गए 36 उम्मीदवारों में से 13 (36 फीसद)और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा घोषित 86 उम्मीदवारों में से 11 (13 फीसयद) दागी हैं।
चूंकि प्रथम चरण के 102 सीटों में 41 फीसदी यानें 42 सीटें रेडअलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनको रेखांकित करना समय की मांग है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे लोकतंत्र का मंदिर बनाम 41 फीसदी सीटों पर दागी उम्मीदवार!
साथियों बात अगर हम एडीआर और नेशनल इले क्शन वाॅच द्वारा उम्मीदवारों के हलफनामों के विश्लेषण की करें तो, दोनों नें चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण के लिए मैदान में दावेदारी पेश कर रहे कुल 252 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सात उम्मीदवा रों पर हत्या और 19 पर हत्या के प्रयास के आरोप शामिल हैं, इन आंकड़ों से पता चल ता है कि 161 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर अपरा धों के मामले दर्ज होने की घोषणा की है वहीं 18 नेताओं पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं, जबकि 35 पर नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) से संबंधित मामले हैं। 1,618 उम्मीदवारों में से 15 ने उन मामलों की घोषणा की है, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है। एडी आर ने शपथ पत्र के आंकलन पर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में ही उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति का भी आंक लन पेश किया गया है। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में सात उम्मीदवारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हैं, जबकि 19 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला है।
एडीआर के मुताबिक 18 उम्मीदवारों ने अपने हलफ नामों में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है, और उन में से एक पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप है। संगठन ने बताया कि 35 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर घृणा भाषण देने का आरोप है। राजनीतिक दलों की बात करें, तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सभी चार उम्मीद वारों ने अपने खिलाफ आप राधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। इस मामले में सबसे कम दागदार उम्मीद वारों वाली पार्टी बसपा है, जिसके 86 उम्मीदवारों में से 11 यानी 13 प्रतिशत पर आपराधिक मामले थे। साथियों बात अगर हम उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति के आकंल न को देखें तो, पहले चरण में 450 करोड़पति (जिनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ से अ धिक है) उम्मीदवार हैं, जिनमें से अधिकतम 69 भाजपा से हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस से 49, फिर अन्ना द्रमुक से 35, द्रमुक से 21, बसपा से 18 हैं। तृणमूल और राजद से चार-चार उम्मीद वारों के पास एक करोड़ से अधिक संपत्ति है। अन्नाद्रमुक के उम्मीदवारों के पास सबसे अधिक औसत संपत्ति 35.61 करोड़ रुपये है। इसके बाद द्रमुक के पास 31.22 करोड़ रुपये, कांग्रेस के पास 27.79 करोड़ रुपये और भाजपा के पास 22.37 करोड़ रुपये हैं।
छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नकुल नाथ ने सबसे अधिक 716 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है। इसके बाद तमिलनाडु के इरोड से अन्नाद्रमुक प्रत्याशी अशोक कुमार ने 662 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की जानकारी दी है। भाजपा के टिकट पर तमिलनाडु के शिवगंगा से किस्मत आजमा रहे देवनाथन यादव टी ने 304 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की जानकारी दी है। जबकि अन्नाद्रमु के 36 उम्मीदवारों में 35 (97 फीसद), द्रमुक के 22 में से 21 (96 फीसद), भाजपा के 77 में से 69 (90 फीसद), कांग्रेस के 56 में से 49 (88 फीसद), तृणमूल कांग्रेस के पांच में से चार (80 फीसद) और बसपा के 86 में से 18 (21 फीसद) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से अधिक होने की जानकारी दी है।
साथियों बात अगर हम पार्टी वाइस उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति का आंकलन देखें तो, पार्टी-वार विवरण रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 77 में से 28 (36 प्रतिशत) उम्मीदवारों और कांग्रेस के 56 में से 19 (34 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सभी चार (100 प्रतिशत) उम्मीदवार मुकदमों का सामना कर रहे हैं। इस बीच, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), समाजवादी पार्टी (एसपी), आॅल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी), और बहु जन समाज पार्टी (बीएसपी) के आंकड़े 59 फीसदी, 43 फीसदी, 40 फीसदी और 13 फीसदी हैं। संपत्ति विश्लेषण एडीआर रिपोर्ट से पता चला है कि विश्लेषण किए गए 1, 618 उम्मीदवारों में से 450 (28 प्रतिशत) के पास 1 क रोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है। 2024 के लोक सभा चुनाव के पहले चरण में, भाजपा ने 69 करोड़पति उम्मीदवारों (90 प्रतिशत) को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने 49 करोड़पति उम्मीद वारों (88 प्रतिशत) को नामां कित किया है, इसके अलावा पहले चरण के दस दावेदारों ने अपने हलफनामे में शून्य संपत्ति घोषित की है। चुनाव लड़ने वाले प्रति उम्मीदवार की औसत संपत्ति 4.51 करोड़ रुपये है। विभिन्न दलों के प्रति उम्मीदवार की औसत संपत्ति इस प्रकार है, 77 भाजपा उम्मीदवारों के पास औसतन 22.37 करोड़ रुपये, 56 कांग्रे स उम्मीदवारों के पास 27.79 करोड़ रुपये, 22 डीएमके उम्मीदवारों के पास 31.22 करोड़ रुपये, 4 राजद उम्मीद वारों के पास औसतन 8.93 करोड़ रुपये हैं। 7 एसपी उम्मीदवारों के पास औसतन 6.67 करोड़ रुपये और 5 एआईटीसी उम्मीदवारों के पास औसतन 3.72 करोड़ रुपये हैं। सबसे अधिक संपत्ति वाले शीर्ष तीन उम्मीदवार मध्य प्रदेश से कांग्रेस के नकुल नाथ (716 करोड़ रुपये से अधिक), तमिलनाडु से अन्ना द्रमुक के अशोक कुमार (662 करोड़ रुपये से अधिक) और भाजपा के देवनाथन यादव टी (304 करोड़ रुपये से अ धिक) हैं। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लोक सभा प्रथम चरण चुनाव 2024 -लोकतंत्र का मंदिर बनाम 41 फीसदी सीटों पर दागी उम्मीदवार! उई बाबा!
प्रथम चरण के 102 सीटों पर उम्मी दवारों के अपराधि क, गंभीर आपराधिक वह क रोड़पति वित्तीय स्थिति का हैरानी भरा आंकलन आया है।

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