एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियां देख रही है कि 24 फरवरी 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किया था हालांकि रूस इसे युद्ध नहीं स्पेशल सैन्य आॅपरेशन कहता है वह 2 वर्षों से अधिक समय से चल रहा है। दूसरी ओर 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ,हमास इजरायल युद्ध यानें अभी 7 माह से अधिक समय से चल रहा है। अभी दिनांक 6 अप्रैल 2024 से ईरान के इसराइल और अमेरिका जैसे देशों से युद्ध की सुबसुबाहट चल रही है, जिसनें उस समय गति पक ड़ ली जब ईरान ने अमेरिका तक को चेतावनी दे दी वह भी लिखित संदेश देकर कि वाशिंगटन इस लड़ाई से दूर रहे, जिससे बड़े युद्ध की आशंका उत्पन्न हो गई है। बता दें कि दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमले में इस्लामिक रिवोल्यूश नरी गार्ड काॅर्प्स के अनुभवी कमांडर और उनके डिप्टी सहित सात ईरानी मारे गए थे। इजरायल ने वैसे तो पिछ ले कुछ महीनों के दौरान सी रिया में ईरान से जुड़ी संप त्तियों को कई बार निशाना बनाया है, हालांकि यह पहला मौका था जब किसी ईरानी राजनयिक भवन पर हमला हुआ। हमें यह रेखांकित कर ना होगा कि कोई अकेला देश यूं ही इतने लंबे समय तक युद्ध लड़ नहीं पाता है, उसके पीछे उसका पूरा संग ठन होता है वैसे भी हम पूरे विश्व में देखते हैं कि दुनियां में अलग-अलग गुटों में बटे देशों ने अपना संगठन बना लिया है, फिर उसके सदस्य पर कोई आपत्ति या हमला होता है तो पूरा संगठन उस के साथ खड़ा हो जाता है। जैसे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) इसके 33 देश सदस्य हैं। अफ्रीकी संघ (एयू) इसके 55 देश सदस्य हैं। यूरोपीय संघ (ईयु) इसके 27 देश सदस्य हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) इसके 57 देश सदस्य हैं, जिस में 48 देश मुस्लिम बाहुल्य देश हैं,जैसे अनेक कुछ अन्य भी संगठन है या फिर यह सं गठन किसी भी अपने विचार धारा के अनुकूल वाले सिंगल देश के ऊपर हाथ रख देते हैं तो उसकी ताकत बढ़ जाती है, यही कारण है कि रूस- यूक्रेन और हमास-इजरायल युद्ध इतना लंबा चल रहा है, फिर अभी ऐसे ही स्थिति अब ईरान-इजरायल युद्ध होने की संभावना में देखा जा र हा है कि फिलहाल इजरायल अमेरिका सहित कुछ देश हाई अलर्ट पर हैं,क्योंकि इसराइल पर हमले की फिराक में ईरान नजर आ रहा है और अमेरिका को लिखित संदेश देकर वाशिंगटन को दूर रहने को आगाह किया है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे क्या विश्व में तीसरी बड़ी जंग की आहत हो रही है?
साथियों बात अगर हम विश्व में तीसरी बड़ी जंग होने की आहट की करें तो सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायली हवाई हमले के बाद से इलाके में तनाव चरम पर है। ईरान ने धमकी दी है कि उसे जवाबी कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। इजरायली खुफिया एजेंसियों के अनुसार ईरान लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन के जरिए इजरायल को निशाना बना सकता है। इस डर से इजरायल के कई महत्वपूर्ण इलाकों में जीपीए सर्विस को ब्लॉक कर दिया है। इस बीच ब्रिटिश मीडिया ने ईरान को खास तौर पर डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम की ताकत बताकर धमकी दी है।
विदेशी प्रिंट मीडिया के अनुसार इजरायल सैन्य संघर्ष की स्थिति में विशेष रूप से डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोमैग्ने टिक बम से ईरान के इले क्ट्रिक नेटवर्क को नष्ट कर सकता है। विदेशी पेपर में एक अमेरिकी विशेषज्ञ के हवा ले से कहा गया है कि इस प्रकार के एक इलेक्ट्रोमैग्ने टिक बम को जमीन के ऊपर विस्फोटित करने से एक इलेक्ट्रो मैग्नेटिक पल्स पैदा होगी, जो जमीन पर काम करने वाले सभी तकनीकी उपकरणों को बाधित कर देगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तेहरान की परमाणु सुविधाओं पर संभावित हमले के संबंध में इजरायल द्वारा नई तकनीक के उपयोग को चर्चा में लाया गया था। ब्रिटिश अखबार ने कहा कि इस तरह का कदम ईरान को पाषाण युग में वापस भेज देगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरह का बम गामा किरणों को फैलाता है। इससे यह आसपास से इलेक्ट्रिक उपकरणों को जलाकर खा क कर देता है इतना तेज है।
साथियों बात अगर हम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम को जान ने की करें तो, इस बम को ई-बम के नाम से भी जाना जाता है। एक ऐसा हथियार है जो ऊर्जा की एक पल्स बनाने के लिए एक तीव्र विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग करता है। यह बम मनुष्यों या इमारतों को नुकसान पहुंचाए बिना इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी को प्रभावित करता है। यह पल्स अस्थायी रूप से इले क्ट्राॅनिक्स सिस्टम को अक्ष म कर देता है। इसके अलावा कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्राॅ निक सिस्टमों को ठप कर देता है। यह बम बहुत उच्च स्तर की इलेक्ट्राॅनिक सर्कि टरी को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। इस प्रकार यह बम कंप्यूटर, रेडियो और वाह नों में इग्निशन सिस्टम सहि त बिजली का उपयोग करने वाली किसी भी प्रकार की मशीन को अक्षम कर देता है। यह बम इंसानों के लिए घातक नहीं होता है। यह बम बिजली पर निर्भर किसी भी उपकरण को तबाह कर देगा। सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इराकी सैटेलाइट टेलीविजन को नष्ट करने और प्रसारण कोबाधित करने के लिए 24 मार्च 2003 को एक प्रायोगिक ई-बम तैनात किया था। अमेरिका में, अधिकांश ई-बम अनुसंधान न्यू मैक्सिको में कि र्टलैंड वायु सेना बेस में वायु सेना अनु संधान प्रयोगशाला में किया गया है, जहां शोधकर्ता उच्च शक्ति माइक्रोवेव (एचपीएम) के उपयोग की खोज कर रहे हैं।
साथियों बात अगर हम ईरान के जंग में आने और अमेरिका को चेतावनी देने की करें तो, इजरायल और हमास के बीच पिछले कई महीनों से जारी जंग में अब ईरान सीधे-सीधे कूद सकता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजरायली हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा है और उसने अमेरिका से साइड हटने के लिए कहा है। वहीं मीडिल ईस्ट में ईरान के मुख्य प्रतिनिधि ने भी इजरायल को चेतावनी दी है कि वह युद्ध के लिए तैयार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने अमेरिका को एक लिखित संदेश भेजा है,जिसमें उसे इजराइल के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है। उधर ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ आॅफ स्टाफ ने इजरायली पीएम का जिक्र करते हुए एक्स पर लिखा, अमेरिका को अलग हट जाना चाहिए ताकि आप पर आंच न आए। इस पत्र के जवाब में अमेरिका ने ईरान से अमेरिकी ठिकानों पर हमला नहीं करने को कहा है।
साथियों बात अगर हम अमेरिका के हाई अलर्ट पर होने की करें तो, ईरान द्वारा कथित रूप से भेजे गए संदेश पर अमेरिका की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि मीडिया में आया कि अमेरिका हाई अलर्ट पर है और क्षेत्र में इजरायली या अमेरिकी ठिकानों के खिलाफ ईरान से महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है। वहीं एनबीसी ने दो अनाम अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन चिंतित है कि इजरायल के अंदर कोई भी हमला हो सकता है। वहीं रिपोर्ट के अनुसार बाइडन प्र शासन ने ईरान को सीधे सूचित करने का असामान्य कदम उठाया कि अमेरिका इस बात से अनभिज्ञ था कि दमिश्क में सोमवार को हमला होगा। इससे पता चलता है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सेना और ठिकानों पर हमले को रोकने की कोशिश कर रहा था।
साथियों बात अगर हम इजरायल के भी हाई अलर्ट पर होने की करें तो, इस हम ले के बाद ईरान से इजरायल इसका बदला लेने की कसम खाई है। वहीं इजरायल भी तब से अलर्ट पर है और उसने लड़ाकू सैनिकों की घरेलू छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही रिजर्व सैनिकों को ड्यूटी पर बुला लिया है और हवाई सुरक्षा बढ़ा दी है इसकी सेना ने देश पर दागे जा सकने वाले जीपीएस-नेविगे टेड ड्रोन या मिसाइलों को बाधित करने के लिए तेल अ वीव के ऊपर नैविगेशन सिग्न ल को भी खंगाला। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसरायली लोगों से अपील की गई है कि वे रॉकेट हमलों को लेकर अलर्ट जारी करने वाली ऐप पर अपनी लोकेशन मैन्युअली सेट करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जीपीएस इंटर फेयरेंस के बीच आम लोगों की लोकेशन ठीक सटीक रहे।
इजरायल की सेना ने घोषणा की है कि वह ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच रिजर्व सैनिकों के साथ अपनी हवाई रक्षा प्रणाली को मजबूत कर रही है। इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, आईडी एफ (इजराइल डिफेंस फोर्सेज) के हवाई रक्षा तंत्र में जनशक्ति बढ़ाने और रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है, उसने बताया कि स्थिति के अनुरूप मूल्यां कन के बाद यह कदम उठाया गया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि क्या विश्व में तीसरी बड़ी जंग की आहट?
इसराइल पर हमले की फिराक में ईरान, अमेरिका को भी चेतावनी। ईरान का वाशिंगटन को लिखित संदेश, लड़ाई से दूर रहने आगाह करना बड़े युद्ध की आशं का को रेखांकित करता है।
इजराइल पर हमले की फिराक में ईरान, अमेरिका को भी चेतावनी
Read Time13 Minute, 4 Second