वैश्विक एजेंसीयों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज गति, जीडीपी, बजट अनुमान से हर भारतीय गदगद

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर दुनियां की कई निजी मान्यता प्राप्त सरकारी व अन्य एजेंसियां जिसमें विश्वबैंक आईएमएफ सहित संयुक्त राष्ट्र की कुछ महत्वपूर्ण संस्थाएं हर स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ ही करती रही है। भारतीय जीडीपी के बढ़ते हुए अनुमान को बताया जा रहा है इसके पूर्व विश्व बैंक द्वारा भी भारतीय जीडीपी को अच्छा अनुमानित किया था और अब दिनांक 30 जनवरी 2024 को आईएमएफ की वर्ल्ड इकोना मिक आउटलुक रिपोर्ट में भी भारत 6.5 फीसदी के जीडीपी में विकास करने की जोरदार आमना है परन्तु भारत के खुद के अनुमान से कम ही है। चूंकि 30 जनवरी 2024 को आईएमएफ ने वर्ल्ड इकोनाॅ मिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की है व 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा बजट 2024 पेश किया गया है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, दुनियां में सुदृढ़ भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमान से देश की प्रतिष्ठा में चार चांद लगे हैं।
साथियों बात अगर हम 30 जनवरी 2024 को आईएम एफ द्वारा जारी इस वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट की करें तो, रिपोर्ट के मुताबिक 2024 और 2025 में जबरदस्त घरेलू डिमांड के चलते दोनों ही साल में भारत 6.5 फीसदी के दर से विकास करेगा। आईएमएफ ने अपने अनुमान में 0.20 बेसिस प्वाइंट का अपग्रेड किया है। सोमवार 29 जनवरी 2024 को वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्य वस्था को लेकर एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया था कि 2023-24 लगातार तीसरा वर्ष है जब भारत का आर्थिक विकास दर 7 फीसदी से ज्यादा रहा है जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 3 फीसदी के दर से भी विकास करने के लिए जुझना पड़ रहा है। आईएमएफ ने भारत के जी डीपी अनुमान को बढ़ाया तो वित्त मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया। वित्त मंत्रालय ने अपने पोस्ट में लिखा था कि दुनियां के प्रमुख देशों में भारत सबसे तेज गति से आर्थिक विकास करने वाला देश है। इंटरनेश नलमॉनिटरी फंड ने अपने अनु मान में कहा था कि एशिया देशों का जीडीपी 2024 में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि 2023 के मुकाबले कम है। 2023 में जीडीपी 5.4 फीसदी रहा था। जबकि वैश्विक जीडीपी 2024 में 3.1 फीसदी रहने का अनुमान है। लेकिन 2025 में ये थोड़ा बेहतर 3.2 फीसदी रह सकता है।अंतरिम बजट पेश होने से पहले इंटरनेशनल मानिटरी फंड ने अनुमान जताया था कि 2024 में भारत 6.5 फीसदी के दर से विकास करेगा। आईएमएफ ने अपने अनुमान में 20 बेसिस प्वाइंट का सुद्दार किया है। 2025 में भी आई एम एफ ने अनुमान जताया है कि भारत का जीडीपी 6.5 फीसदी रह सकता है। हालांकि 2023 के 6.7 फीसदी के अनुमान के मुकाबले ये कम है। जबकि भारत सरकार का खुद का अनुमान है कि 2023-24 में 7.3 फीसदी जीडीपी रह सकता है।
साथियों बात अगर हम बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी नहीं करने की करें तो, 2024 में, भारत में पारंपरिक रूप से केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला सामान्य आर्थिक सर्वेक्षण नहीं हुआ। इसके बजाय, वित्त मंत्री नें 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया, जिसे वोट- आॅन-अकाउंट के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं करने का कारण चुनावी संदर्भ है। जुलाई 2024 भारत में चुनावी वर्ष है और आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने से चुनाव के बाद सरकार में संभावित परिवर्तन के कारण राजनीतिकरण हो सकता है। इससे नियमित बजट प्रक्रिया बाधित हो सकती है। हालाँकि, वित्त मंत्रालय ने मुख्य आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा तैयार भारतीय अर्थव्यवस्था- एक समीक्षा शीर्षक से एक वैकल्पिक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट आधिकारिक आर्थिक सर्वेक्षण का स्थान नहीं लेती है, लेकिन पिछले दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था की गति और संभावनाओं और इसके भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आद्दि कारिक आर्थिक सर्वेक्षण आम चुनाव और नई सरकार के गठन के बाद पेश किए जाने की उम्मीद है। समीक्षा में दो अध्याय हैं और यह भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और पिछले 10 वर्षों में इसकी यात्रा का जायजा लेती है और आने वाले वर्षों में अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करती है(1) भारतीय अर्थव्यवस्था- एक समीक्षा के मुख्य बिंदु1अगले 3 वर्षों में भारत की अर्थव्य वस्था 5 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने और 2030 तक 7 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने की संभावना का अनुमान है। (2) समीक्षा पिछले दशक में किए गए संरचनात्मक सुद्दारों और उनके सकारात्मक प्रभाव पर केंद्रित है। (3)यह वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों को स्वीकार करते हुए भविष्य की वृद्धि और मुद्रास्फीति पर सतर्क दृष्टिकोण प्रदान करता है।(4)उम्मीद है कि भारत वित्त वर्ष 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को पछाड़ते हुए 7.2 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को पार कर जाएगा। (5) लगातार तीसरे वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर हासिल करने के लिए तैयार है। (6) पिछले दशक में सार्व जनिक क्षेत्र के निवेश में वृद्धि, एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र और पर्याप्त गैर-खाद्य ऋण वृद्धि हुई है। (7) संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत अब विश्व स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी फिनटेक अर्थव्य वस्था है। (8)हांगकांग को पछाड़कर भारत दुनिया भर में चैथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है। (9)पीएम जन धन योजना से बैंक खाता रखने वाली महिलाओं का प्रतिशत काफी बढ़ गया है। (10) महिला श्रम बल भागी दारी दर में वृद्धि हुई है और कौशल भारत मिशन, स्टार्ट -अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसी पहल इस वृद्धि में योगदान दे रही हैं। (11) उच्च शिक्षा में महिलाओं के लिए सकलनामांकन अनुपात (जीईआर) मेंउल्लेखनीय वृद्धि शामिल है। (12) रिपोर्ट सरकारी समर्थन के कारण एमएसएमई क्षेत्र में गतिशीलता पर प्रकाश डालती है।(13) जीएसटी के कार्यान्वयन और घरेलू बाजारों के एकीकरण से आर्थिक दक्षता में सुधार हुआ है और लाजि स्टिक लागत कम हुई है।
साथियों बात अगर हम 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में के दोनों सदनों में आज बजट पेश करने की करें तो, घोषित किया हुआ बजट सामाजिक समरसता और समावेशी बजट रहा। इस बजट में हमारा 4 जातियों पर फोकस है। उन्होंने कहा कि महिला, गरीब, युवा और किसान ही हमारे फोकस में हैं।
सरकार ने इस बार आय कर दाताओं को कोई राहत नहीं दी है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार ने मिडिल क्लास के लिए बड़ा एलान किया है 10 साल पुराना 10 हजार रुपए तक का टैक्स माफ होगा 3 करोड़ और महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का ऐलान। 40 हजार रेल बोगी वंदे भारत बोगी में बदलने का ऐलान रिफार्म परफार्म और ट्रांसफार्म की बातें की गईवित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही हाउसिंग प्लान लाने की तैयारी में है, जिससे सभी को सस्ता घर मिलेगा। देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 149 हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 1000 से ज्यादा नए एयरक्राफ्ट का आर्डर दिया गया है। सरकार के राज में उद्योगों में महिलाओं की सह भागिता बढ़ी है। वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं की उद्यमशीलता में 28 प्रतिशत का उछाल आया है। सरकार 3 करोड़ मकानों के लक्ष्य के करीब है और अगले 5 सालों में दो करोड़ अतिरिक्त मकानों का निर्माण कार्य शुरू कर रहे हैं। 2025 में बुनियादी ढांचे के लिए बजट बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, लक्ष द्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोर्ट कनेक्टिविटी, टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्यों में कई सुद्दारों की आवश्यकता है। इन सुद्दारों में मदद करने के लिए इस वर्ष 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75, हजार करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित। देश में तीन प्रमुख रेलवे इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोग्राम लागू किए जाएंगे।ये हैं एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरिडोरय पोर्टकनेक्टिविटी कारिडोर और हाई ट्रैफिक डेंसिटी काॅरिडोर। मल्टी- माडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति के तहत परियोजनाओं की पहचान की गई है। जो बहुत ही शानदार है और जुलाई 2024 वाले बजट में हमें विकसित भारत 2047 की छवि दिखेगी। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करेंगे तो हम पाएंगे कि आई एमएफ द्वारा वर्ल्ड इकोनाॅ मिक आउटलुक रिपोर्ट जारी – भारत की बल्ले बल्ले।
वैश्विक एजेंसीयों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज गति, जीडीपी, बजट अनुमान से हर भारतीय गदगद।दुनियां में सुदृढ़ भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ते अनुमान से देश की प्रतिष्ठा में चार चांद लगे। वैश् िवक निवेशकों का ध्यान भारत पर आकर्षित होना, जल्द विक सित भारत बनने के सटीक संकेत-हर भारतीय को गर्व।

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