एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि जैसे-जैसे आने वाले वर्षों का चक्र आगे बढ़ते जाएगा, वैसे-वैसे भारत में वैश्विक नेतृत्व करने का पहिया आगे बढ़ते जाएगा। याने हर ढलते वर्ष द्वारा भारत की गाथाओं की माला में अनेक मोती पिरोते हुए इसकी बागडोर आने वाले अगले वर्ष के हाथों सौँपी जायेगी। इसी कड़ी में वर्ष 2023 में लिखीं सफलताओं की गाथाओं को पूरा कर आगे की बागडोर वर्ष 2024 को सौंपने का पल आ गया है। याने वर्ष 2023 में अनेक सुनहरे पलों को यादाश्त के रूप में संजोया है जिसका हमें लख-लख शुक राना करना जरूरी है। चूंकि आगे की सफलताओं की गाथा वर्ष 2024 लिखने जा रहा है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, वर्ष 2024 आपका तहे दिल से स्वागत है। सबके जीवन में बागबाहर आए, कोई रंज का लम्हा किसी के पास ना आए, ईश्वर अल्लाह करें नया साल सबको रस आए। नई गाथाओं का इतिहास रचनें के लिए वर्ष 2023 तेरा लख-लख शुकराना।
साथियों बात अगर हम नव वर्ष 2024 के सबके जीवन में नए संकल्पों को लेने की करें तो, अब हम नए साल में कदम रख रहें हैं। हर बार नए साल से लोगों को नई उम्मीदें भी होती हैं। वैसे तो नया साल कोई पर्व नहीं है लेकिन फिर भी हम महीनों पहले से इसके इंतजार में रहते हैं। ये इंतजार नई उम्मीदों का होती है। आर्थिक, सामाजिक, राज नीतिक रूप से विकास की नई राहें खुलने की उम्मीद होती है। नए साल के साथ हम कई सारे लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं। नव वर्ष को नई शुरुआत मानते हुए जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए फैसले लेते हैं और नए प्रयास प्रारंभ करते हैं। इस उम्मीद में कि आने वाला साल बेहतर कल लेकर आएगा। ऐसे में हम नए साल पर कुछ संकल्प करते हैं, जिसे न्यू ईयर रेजोल्यूशन कहते हैं।
हम स्वास्थ्य से लेकर कामकाज, घर से लेकर दफ्तर तक में बेहतर करने के उद्देश्य से कुछ न्यू ईयर रेजोल्यूशन खुद के लिए तय करते हैं। शुरुआत के कुछ दिन बहुत जोश के साथ खुद से किए उन वादों को पूरा करने का प्रयास करते हैं लेकिन वक्त निकलने के साथ ही रेजोल्यू शन फेल होने लगता है। अपने संकल्पों को भूल हम फिर उसी जीवन शैली में लौट आते हैं, जहां से हमने शुरु आत की थी। परंतु हमें 2024 में ऐसा नहीं करना है संकल्प को दृढ़ता से क्रियान्वयन करने की कोशिश करना है।
साथियों बात अगर हम नव वर्ष 2024 को विकास की दृष्टि से देखें तो, हमारा अनुमान है कि 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी पड़ेगी, लेकिन उसके बाद फिर गति पकड़ेगी। इस वित्तीय वर्ष के दूसरे भाग में भारत की वृद्धि पहली छमाही के 7.6 प्रतिशत के बाद धीमी होकर 6.3 प्रतिशत हो जाएगी। फिर अगले वित्त वर्ष (2024-25) में इसके 6.4 प्रतिशत पर होने की उम्मीद है। उच्च ब्याज दरें, फिस्कल कंसॉलिडेशन और धीमी वैश्विक वृद्धि हमारी आर्थिक विकास की रफ्तार धीमा करेंगे। भारत का शान दार प्रदर्शन होने की पूरी उम्मीद है।
2023 की विकास गाथा भारत के नाम रही है, जिसकी जीडीपी अनुमान से अधिक दर से बढ़ी है। आरबीआई ने इस वित्तीय वर्ष (2023-24) में 7 प्रतिशत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। भारत की अर्थव्यवस्था के विकास को वैश्विक विकास से कुछ तेजी मिली, लेकिन सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट साइकल, रियल एस्टेट और मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर में पुनरुद्धार ने भी बढ़ोतरी में योगदान दिया।
साथियों बात अगर हम वर्ष 2024 को राजनीतिक परिपेक्ष के अनुमानों से देखें तो, अधिकांश विपक्षी दल और विपक्ष के नेतृत्व वाली कई राज्य सरकारें यह सोचने के लिए मजबूर हैं कि केंद्र का विरोध करना उनके अस्तित्व की अनिवार्य शर्त है, और वर्तमान संदर्भ में अधिक रच नात्मक भूमिका निभाने के लिए उनका कोई जिम्मा या जरूरत नहीं महसूस की जा रही है। राज्य सरकारों के पास राजनीतिक और आर्थिक दोनों मामलों में कई प्रमुख फायदे हैं, जो इस समय काम आ सकते हैं लेकिन ऐसा होने की संभावना नहीं नजर आ रही है। अपनी ओर से, केंद्र को बेहतर केंद्र-राज्य संबंधों के महत्व को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है, यह मानते हुए कि केंद्र तब मजबूत होता है जब राज्य भी मजबूत होते हैं। यदि दोनों एक साथ हैं, तो वे बेहतर मूल्य प्रस्ताव दे सकते हैं जो कोई भी अपने आप प्रदान नहीं कर सकता है।
स्वाभाविक रूप से, इस सब में नई ताकतों और सत्ता की नई वास्तविकताओं की बेहतर समझ शामिल है। हालांकि, 2024 में ऐसा होगा या नहीं, लगता है। मौजूदा सीमाओं से जुड़े विरोधाभासों के बढ़ने की संभावना है, जबकि भारत को बिंदु का सामना करना पड़ सकता है।
साथियों बात अगर हम 2024 में वैश्विक आत्म सुरक्षा परिपेक्ष से देखें तो, अनुमानतह 2024 के अधिकांश समय में चीन-भारत संबंध मुश्किल बने रहेंगे, कोई भी पक्ष एक दूसरे के दृष्टिकोण के प्रति कोई सहमति नहीं जता पाएगा। चीन इस बात को लेकर निश्चित है कि भारत पहले से ही अमेरिका के प्रभुत्व वाले चीन विरोधी गठ बंधन का हिस्सा है (हालांकि यह धारणा गलत हो सकती है), जो देशों के संबंधों में किसी भी सुधार के लिए एक बड़ी मुश्किल की तरह हो सकती है। हालांकि, 2024 के दौरान भारत और चीन के बीच सीधा टकराव होगा ऐसा नहीं लगता है। भले ही चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट जारी रहे, और पश्चिम देश इस बात को पूरे क्षेत्र और उसके बाहर चीन के प्रभाव में कमी के सूचकांक के रूप में पेश करे, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है। भारत -चीन सीमा क्षेत्रों में कुछ दुस्साहसवादी कार्रवाई शुरू कर रहा है। हालांकि, 1958 में अपने ग्रेट लीप फॉरवर्ड मूवमेंट की विफलता के बाद 1962 में भारत के खिलाफ माओ की अकारण आक्रामकता कुछ ऐसी है, जिसे भारत को हर समय ध्यान में रखना होगा। कुछ अन्य क्षेत्रों में भारत के बाहरी संबंधों पर भी 2024 में ध्यान देने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, यदि 2024 के आगे बढ़ने के साथ-साथ रूस- चीन धुरी और भी मजबूत हो जाती है, तो इसके साथ-साथ रूस-भारत संबंधों के कम जोर होने से भारत के संबंद्दों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा और मध्य एशिया तक पहुंच से भारत को ऐसी स्थिति से बचना होगा। अपने पड़ोसी के साथ भारत को 2024 में फिर से अनिश्चित स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। अफगानिस्तान के साथ संबंद्द, जो कुछ समय से लगभग अस्ति त्वहीन हैं, वैसे ही बने रहेंगे। बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव हाल ही में चीन के दबाव में आ गए हैं, और इससे भारत पर उनकी निर्भरता कम हो सकती है।
साथियों बात अगर हम वर्ष 2023 में अनेक गाथाओं सहित प्रमुख 10 गाथाओं का लख-लख शुकराना करने की करें तो, आने वाले साल में इन 10 फैक्ट्स से भारत दुनियां के मानचित्र पर दिखाएगा अपना दम-(1) जी20 इस वर्ष की कूटनीतिक उपलब्द्दि के रूप में सामने आया। अपनी जी20 अध्यक्षता के माध्यम से, भारत दुनिया के सबसे प्रभावशाली शक्तिशाली और परिणामी देशों की मेजबानी की और देश दुनिया से संबंद्दित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा किया गया। (2)भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा और ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। भारत की नजर अब इस स्थान से ऊपर जाने की जरूर होगी। (3)तकनीकी उन्नति और नवाचार के क्षेत्र में भी भारत ने इसबार कई बुलंदियां छूईं। भारत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में वैश्विक लीडर बनने के लिए तैयार है।(4) माय गोव इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, देश डिजिटल भुगतान के मामले में शीर्ष पर रहा और 89.5 मिलियन लेनदेन दर्ज किए गए। (5) वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2022 -23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। (6) सरकार की लगातार नीतिगत पहलों और रक्षा उद्योग के उत्कृष्ट योगदान के परिणामस्वरूप रक्षा निर्यात लगभग 15 बिलि यन डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2022-23 का बजट 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3,000 करोड़ अधिक है। (7) भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है और अग्निवीर वायु से संबंधित डेटा के डिजिटलीकरण में सबसे आगे रही है। (8) बाजरा (बाजरा/ ज्वार/रागी) को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में शामिल किया गया। भारत के प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया। (9) भारत ने जुलाई में संयुक्त अरब अमीरात के साथ रुपये के निपटान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और इसके तुरंत बाद इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) ने अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी (एडीएनओसी) से दस लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद के लिए भारतीय रुपये में भुगतान किया। रूसी तेल आयात का कुछ हिस्सा भी रुपये में तय किया गया है। (10) साल 2023 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए कई उपलब्धियां देकर गया। दुनियाभर के देशों ने भारत की ताकत देखी।इसरो कीउपलब्धियों में सबसे पहला नाम चंद्रयान-3 का है। चंद्र यान के बाद इसरो के लिए दूसरी बड़ी सफलता आदित्य एल-1 की सफल लान्चिंग रही। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि वर्ष 2024आपका तहेदिल से स्वागत है।वर्ष 2024 सबके जीवन में बाग बहार लाना-वर्ष 2023 तेरा लख लख शुकराना। वर्ष 2024 में कोई रंज का लम्हा किसी के पास ना आए-ईश्वर अल्लाह करे नया साल सबको रास आए।
वर्ष 2024 सबके जीवन में बागबहार लाना – वर्ष 2023 तेरा लख, लख शुकराना
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