(शकील अहमद) लखनऊ। लखनऊ में झुलसा देने वाली गर्मी और धूल भरी आंधी, इसके बाद भी लाखों भक्त बाबा उमा कान्त जी महाराज के दर्शन के अभिलाषी। ये दृश्य था शहीदपथ के अवध शिल्प ग्राम के विशाल मैदान का, जहाँ जयगुरुदेव नाम से लोगों के कष्टों को दूर करने वाले बाबा उमाकान्त जी के सानिध्य में दो दिवसीय सतसंग व नामदान कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें न केवल भारत के कोने-कोने से लाखों भक्त पधारे बल्कि दुबई समेत कई देशों से भी श्रद्धालूओं का आगमन हुआ। दो दिनों तक अवध शिल्प ग्राम का नजारा किसी कुम्भ से कम नहीं था, जहाँ हर एक आने वाला बस केवल बाबा उमाकान्त जी के दर्शन करना, उनके उप देशों को सुनना और नामदान प्राप्त कर गुरु दया से लोक -परलोक बनाना चाहता है। पूज्य महाराज जी भी अपने भक्तों की आस को पूर्ण करते हुए सुबह-शाम सतसंग और कई घंटों तक एक-एक भक्त को दर्शन देकर उन्हें आध्या त्मिक और आत्मिक संतुष्टि प्रदान कर रहे थे। हाथ जोड़ कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाका हारी –
अपने सन्देश में महाराज जी ने आम जनता से प्रार्थना करते हुए आह्वान किया कि ये देव दुर्लभ मनुष्य शरीर एक मंदिर के समान है। अतः बीमारियों से बचने के लिए ऐसी चीजों को मत खाओ जिससे खून बेमेल हो जाये, बुद्धि काम न करे। पशु- पक्षियों का मांस खाने से खून बेमेल हो जाता है और जान का खतरा हो जाता है। लोगों में गुस्सा, क्रोध बढ़ना, चरित्र का पतन होना, अपराध इतने ज्यादा बढ़ना, आदि की वजह मांसाहार और नशे का सेवन है। इसलिए सब लोग शाका हारी, सदाचारी और नशामुक्त हो जाओ। जब नीयत अच्छी होती है तो बरकत होती है। मेहनत और ईमानदारी की कमाई में बरकत होती है। इसलिये ऐसा कोई काम मत करो, जिससे किसी का दिल दुखे।
भारत का सबसे बड़ा लोकतंत्र सेनानी सम्मान, जो बना इतिहास –
लोकतंत्र की रक्षा में अपना जीवन न्योछावर करने वाले लोकतंत्र सेनानियों का सबसे भव्य सम्मान महाराज जी के सानिध्य में सम्पन्न हुआ, जिसमे 800 से ज्यादा लोक तंत्र सेनानी पुरुष एवं मातृ शक्ति का समागम हुआ। उन्हें रजत पदक, भेंट और महा राज जी के आशीर्वाद का सम्मान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री कमल किशोर, सांसद जगदंबिका पाल, मंत्री दया शंकर समेत अनेक विधायक एवं जनप्रतिनिधि शामिल हुए और सबने एक साथ एक स्वर में महाराज जी को धन्यवाद दिया कि आपने लोकतंत्र सेनानियों के बारे में सोचा और उन्हें सम्मानि त किया। इस अवसर पर महाराज जी ने देश की जनता और सरकार से अपील कि की देश हित, मानव हित, समाज हित और धर्म हित में आप सब एक विचार मिलाकर जो भी योजना बनाएंगे, हम उसमें आपका पूर्ण शक्ति और सामर्थ्य से अपने भक्तों के साथ सहयोग करेंगे। कुल मिलाकर धर्म, कर्म और आध्यात्म की ज्ञान गंगा में सब की डुबकी लगवाकर बाबा उमाकान्त जी महाराज के अलौकिक सतसंग और भव्य आयोजन ने पौराणिक लक्ष्मणपुरी को जयगुरुदेव नगरी में परिवर्तित कर दिया।
दो दिवसीय आध्यात्मिक कुंभ का समापन
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