(मनोज मौर्य) रायबरेली। रविवार को दीक्षांत इंस्टीट्यूट रायबरेली द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यहां वक्ताओं ने डा0 अंबेडकर के जीवन दर्शन पर भी प्रकाश डाला। अतिथियों ने बताया कि डा0ॉ अंबेडकर दलितों के साथ साथ नारी जाति और सर्व समाज के मुक्तिदाता हैं।
प्रतिभा सम्मान समारोह का संचालन दीक्षांत इंस्टिट्यूट के संचालक प्रीतम ने किया। उन्होंने सबसे पहले अतिथियों से महापुरुषों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कराया। तत्पश्चात अतिथियों को माला पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। इसी कड़ी में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया।
मंच पर अतिथि के रूप में राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त आदर्श शिक्षिका डा0 शांति अकेला, फिरोज गांधी डिग्री कालेज में बी.एड्. विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा0 संजय भारती एवं गौरा कालेज के प्रवक्ता एवं सामाजिक चिंतक डा0 सुनील दत्त मौजूद रहे। डा0 शांति अकेला ने कहा कि बिना पढ़े आगे बढ़ा नहीं जा सकता है। पूरी मेहनत और लगन से पढ़ने पर ही सफलता प्राप्त हो सकती है। डा0 संजय भारती ने प्रसिद्ध चित्रकार पिकासो का उदाहरण देते हुए बताया कि कामयाबी एक दिन में नहीं प्राप्त होती है। उसके लिए लंबा प्रयास और संघर्ष करना पड़ता है। डा0 सुनील दत्त ने अप्रैल माह में पड़ने वाले महापुरुषों के जन्म जयंती और परिनिर्वाण दिवस को याद दिलाते हुए बताया कि योजनाबद्ध ढंग से किया गया अध्ययन कभी व्यर्थ नहीं जाता है। मंजिल को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय होकर संकल्पों के साथ आगे बढ़ना होता है।
इस अवसर पर आल आरक्षित टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहित चैधरी, भारतीय बौद्ध महासभा के संगठन मंत्री एडवोकेट नरेंद्र कुमार शिक्षक, दिलीप अंबेडकर आदि ने प्रतियोगी छात्र छात्राओं को संबोधित किया। इसके अलावा शिक्षक व समाजसेवी अनिल कांत, विजय कुमार, अर्जुन आदि ने भी महापुरुषों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया।
दीक्षांत इंस्टीट्यूट द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन
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