सुनिए जी! मौसमी एच3 एन2 इनफ्लुएंजा वायरस के अलर्ट पर सतर्क रहिएगा

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वैश्विक स्तर पर वर्ष 2020 से मानवीय जीवन पर महामारी का घातक प्रहार हुआ जिसने लाखों जीवन लील लिए और जब मानव ने रिसर्च कर उसकी काट वैक्सीन के रूप में इजाद कर उसपर नियंत्रण करना शुरू करीब-करीब कर भी दिया है। परंतु लगता है यह महामारी बहरूपिए की तरह रूप बदल बदल कर भिन्न- भिन्न वायरस इनफ्लुएंजा इत्यादि के रूप में प्रहार कर रही है जो अभी तक हमने भिन्न भिन्न कोरोना वायरस देखें थे परंतु मानवीय जीव में इस वायरस रूपी काल का डर इतनी तेजी से समाया है कि अब वायरस का नाम सुनकर ही रूह कांपने लगती है। अभी इसका डर गया नहीं कि कुछ दिनों से एच3 एन2 मौसमी फ्लू इनफ्लुएंजा वायरस की लहर छाई है, जिसका प्रकोप बढ़ते जा रहा है और दिनांक 10 मार्च 2023 को पहली मृत्यु कर्नाटका में हुई और देखते ही देखते हरियाणा सहित मृत्यु का आंकड़ा दो हुआ जिससे आनन-फानन में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की बैठकों का दौर शुरू होकर राज्यों को एडवाइजरी अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस लिए आज हम पीआईबी और मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, सुनिए जी मौसमी एच3 एन2 इनफ्लुएंजा वायरस के अलर्ट पर सतर्क रहिएगा।
साथियों बात अगर हम इस मौसमी इन्फ्लूएंजा की करें तो, यह एक तीव्र श्वसन संक्रमण रोग है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह विश्व के सभी हिस्सों में फैलता है और वैश्विक स्तर पर कुछ महीनों के दौरान इसके मामले बढ़ते हुए देखे गए हैं। भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामले दो बार सबसे अधिक दर्ज होते हैं। पहला, जनवरी से मार्च तक और दूसरा, मॉनसून के बाद के मौसम में। मार्च के अंत से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए राज्य निगरानी अधिकारी इस सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय रियल टाइम के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मौसमी इन्फ्लुएंजा की स्थिति पर गहरी नजर रख रहा है। इसके अलावा मंत्रालय मौसमी इन्फ्लुएंजा के एच3एन2 सबटाइप के कारण रुग्णता और मृत्यु दर की निगरानी करने के साथ उन पर कड़ी नजर रख रहा है। मौसमी इन्फ्लूएंजा के संबंध में सह-रुग्णता वाले युवा बच्चे और वृद्धजन सबसे अधिक प्रभावित होने वाले संभावित समूह हैं। अब तक कर्नाटक और हरियाणा ने एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मृत्यु की पुष्टि की है।
साथियों बात अगर हम इस वायरस की स्थिति संक्रमण और बचाव की करें तो यह इन्फ्यूएंजा का संक्रमण देश में पहले भी फैल चुका है, इस बार भी यह वायरस देश की कई भागों में फैल चुका है। दिल्ली एनसीआर में भी इसका प्रकोप देखा जा रहा है। देश में एच3 एन2 के 90 मामले और एच1 एन1 वायरस के आठ मामले पाए गए हैं एच3 एन2 वायरस अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जो एक दूसरे के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति के मुंह या नाक से निकलने वाले ड्रापलेट्स के माध्यम से फैलता है. साथ ही संक्रमित स्थान और सतह को छूने के बाद उसी हाथ से अपने मुंह या नाक को छूने से यह हमको संक्रमित कर सकता है। इसका प्रभाव बच्चों और बुजुर्गो में तेजी से हो सकता है। रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर के अनुसार, पिग एरिया में भोजन या पेय पदार्थ लेने से बचे। सूअरों के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथों को अक्सर साबुन और बहते पानी से धोएं। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो अल्कोहल आधारित हैंड रब का उपयोग करें अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें जिससे संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं, साथ ही नमक के पानी से गरारे करने से श्वसन संक्रमण को भी रोका जा सकता है। बुखार आने पर आराम करें और डाक्टर से संपर्क करें।
साथियों बात अगर हम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कहीं गई 10 बातों की करें तो, मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तेज सांस संबंधी संक्रमण है जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है जो दुनिया के सभी हिस्सों को प्रभावित कर रहा है, मौसमी इन्फ्लूएंजा से प्रभावित लोगों की बात करें तो इसमें बीमार बच्चे और बूढ़े लोग सबसे ज्यादा निशाने पर हैं, भारत में इन्फ्लुएंजा ए (एच1एन1पीडीएम09) इन्फ्लु- एंजा ए (एच3एन2) और इन्फ्लुएंजा बी (विक्टोरिया) का पता चला है, इस वर्ष की शुरुआत से ही इन्फ्लूएंजा को लेकर परीक्षण करने वाले नमूनों में एच3 एन2 इन्फ्लुएंजा सर्वाधिक पाया गया है। अन्य इन्फ्लूएंजा सब-टाइप की तुलना में एच3एन2 के कारण मरीजों को अधिक अस्पताल में भर्ती कराया है ओसेल्टा- मिविर डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित दवा है। गंभीर तीव्र श्वसन इन्फ्लुएंजा रोगियों में से 10 फीसदी जिन्हें एच3 एन2 है उन्हें आक्सीजन की आवश्यकता होती है और 7 फीसदी को आईसीयू देखभाल की आवश्यकता होती है। बता दें कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर और जनवरी के बीच, पश्चिम ने इन्फ्लूएंजा ए (एच1एन1) पीडीएम09, ए (एच3 एन2) और बी वायरस का अनुभव कई देशों में किया। हालांकि, इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ने दर्दनाक खांसी से पीड़ित लोगों या रोगियों को बिना डाक्टर की सलाह दवा खाने के लिए मना किया है। डाक्टर लोगों को एंटीबायोटिक्स लेने से बचने की सलाह देते हैं, जो अक्सर अप्रभावी होते हैं।
साथियों बात अगर हम इस वायरस की करें तो, भारत में अब तक केवल एच3 एन2 और एच1 एन1 संक्रमण का पता चला है। इस दोनों ही संक्रमण में कोविड-19 जैसे लक्षण हैं, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया और 6.8 मिलियन लोगों की मौत हुई। कोरोना महामारी के 2 साल बाद बढ़ते फ्लू के मामलों ने लोगों में इस संक्रमण को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इससे संक्रमित मरीजों में लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना सांस फूलना और घरघराहट जैसे प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा मरीजों ने मतली, गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की भी सूचना दी है। ये लक्षण लगभग 7 दिन तक बने रह सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का भी कहना है कि यह वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है। चिकित्सा संघ ने भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, अच्छे हाथ और श्वसन स्वच्छता प्रथाओं के साथ-साथ फ्लू के टीकाकरण की सलाह दी है। एम्स में सेंटर फार कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर ने कहा कि फ्लू वायरस का प्रकोप जलवायु परिस्थितियों के कारण के बढ़ रहा है। दिसंबर 2022 के अंत और जनवरी 2023 की शुरुआत से पूरे भारत में सांस की बीमारी का प्रकोप देखा गया है – जिसमें सर्दी, गले में खराश और बुखार के लक्षण हैं। मार्च तक, दिल्ली जैसे शहरोंमें इस बीमारी के व्यापक मामले सामने आ चुके हैं। 4 मार्च को आईसीएमआर ने पुष्टि की कि इन्फ्लुएंजा सब-टाइप एच3एन2 की वजह से यह बीमारी फैल रही हैआईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 के पहले नौ हफ्तों में एच3एन2 के मामले बढ़ रहे हैं। आई सीएमआर के मुताबिक, 15 दिसंबर से यह वायरस सबसे ज्यादा फैल रहा है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत में एच3 एन2 मौसमी फ्लू की लहर। सुनिए जी! मौसमी एच3 एन2 इनफ्लुएंजा वायरस के अलर्ट पर सतर्क रहिएगा! भारत में मौसमी इनफ्लुएंजा वायरस एच3 एन2 ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू किया – राज्यों को अलर्ट एडवाइजरी जारी करना सराहनीय कदम।

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