(अमित कुमार) आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है। मंगलवार (28 फरवरी) को मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. इसी बीच मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें-
सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। जबकि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज मनी लान्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में हैं। दोनों ने मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद आप से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था। ये विभाग मनीष सिसोदिया के पास ही था।
पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी हुई थी। उन्हें ईडी ने मनी लान्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि साल 2014-15 में जब सत्येंद्र जैन मंत्री पद पर थे तब उनके और उनके सहयोगियों के पास कोलकाता की शेल कंपनियों से पैसे आए थे।
मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि हम मौजूदा स्थिति में अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। सिर्फ इसलिए कि घटना दिल्ली में हुई है, सिसोदिया सीधे शीर्ष अदालत में नहीं आ सकते हैं। उनके पास संबंधित निचली अदालत के साथ-साथ दिल्ली हाई कोर्ट के पास जाने के भी उपाय हैं।
मनीष सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील एएम सिंघवी ने कहा कि नीतिगत फैसले अलग-अलग स्तर पर लिए गए और इसके अलावा कोई रकम बरामद नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि उपराज्यपाल भी आबकारी नीति में नीतिगत फैसले का हिस्सा थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मौजूदा स्थिति में याचिका पर विचार नहीं करेगी, सिंघवी ने इसे वापस ले लिया।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगते हुए बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट किया कि केजरीवाल जी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा तो आपका भी बनता है। सुप्रीम कोर्ट की जबरदस्त फटकार से आप की नींद टूटी। आखिररकार मनीष सिसो- दिया और सत्येंद्र जैन को इस्तीफा देना ही पड़ा।
आप नेता और मंत्री गोपाल राय ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन का काम मनीष सिसोदिया देख रहे थे। जिस तरह से राजनीतिक बदले की भावना से सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है। उन सारे कामों को आगे बढ़ाने के लिए ये इस्तीफा हुआ है। आगे जनता का काम आसानी से हो सके। आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार की एक ही एजेंडा है कि दिल्ली में जो काम हो रहे हैं उसको कैसे रोका जाए। राजनीतिक बदले की भावना से काम हो रहा है। इन सब के बीच दिल्ली के लोगों का काम नहीं रुके इसको देखते हुए इस्तीफा हुआ है। सरकार का काम सुचारू रूप से संचालित किया जा सके इसके लिए इस्तीफा हुआ है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि दिल्ली में अभी कोई नया मंत्री नहीं बनेगा। एबीपी के सूत्रों के अनुसार, मनीष सिसोदिया के विभाग कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को दिए जाएंगे।
बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि हमारे 2-3 सवाल हैं। जैन को इस्तीफा देने के लिए 9 महीने से कहा जा रहा था और मनीष सिसोदिया के अंदर नैतिकता होती तो जिस दिन ये गंभीर आरोप लगा उसी दिन इस्तीफा देना चाहिए था। आज उनका इस्तीफा बीजेपी की बहुत बड़ी जीत है। केजरीवाल जी का ईमानदारी का चोला उतर रहा है। 9 महीने बाद जैन का इस्तीफा हुआ है। ये केजरीवाल की राजनीति है।
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का मंत्री पद से क्यों हुआ इस्तीफा
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