(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में धान खरीद हेतु विभिन्न क्रय एजेंसियों द्वारा कुल 81 क्रय केन्द्र बनाये गये थे, इन क्रय केन्द्रों द्वारा 3a9083 कृषकों से 28 फरवरी 2023 तक निर्धारित लक्ष्य 185000 मी0टन का 89.17 प्रतिशत धान क्रय किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कृषकों को धान क्रय का 30971.59 लाख रुपये भुगतान भी किया जा चुका है। शेष कृषकों के भुगतान की प्रक्रिया में है।
जिलाधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत कृषकों से चार क्रय एजेंसियों खाद्य विभाग, पीसीएफ, मण्डी परिषद एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा 164957.70 मी0टन धान खरीदा गया जिसका 30971.59 लाख रुपये भुगतान कृषकों को किया गया, जो कि 92.04 प्रतिशत है। खाद्य विभाग द्वारा कुल 65651.85 मी0टन धान खरीद की गई, जिसमें 96.99 प्रतिशत कृषकों को 12989.55 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसी प्रकार पीसीएफ एजेंसी द्वारा कुल 91388.15 मी0टन धान खरीद की गई, जिसमें 87.84 प्रतिशत कृषकों को 16375.83 लाख रुपये का भुगतान किया गया। मण्डी परिषद एजेंसी द्वारा कुल 3573.06 मी0टन धान खरीद की गई, जिसमें 98.77 प्रतिशत कृषकों को 719.90 लाख रुपये का भुगतान किया गया तथा भारतीय खाद्य निगम एजेंसी द्वारा कुल 4344.64 धान खरीद की गई, जिसमें 100 प्रतिशत कृषकों को 886.31 लाख रुपये का भुगतान 48 घंटे के भीतर पी0एफ0एम0एस0 आनलाइन भुगतान प्रणाली के माध्यम से सुनिश्चित कराया गया है जो गत वर्ष 72 घंटे की निर्धारित समय-सीमा से कम समय में हुआ है।
लघु एवं सीमांत कृषकों की तौल प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराये जाने हेतु जनपद में शुक्रवार का दिन निर्धारित कराया गया था। जिसके दृष्टिगत गत वर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष में कुल 3437 अधिक कृषकों को लाभान्वित करते हुये उनका धान क्रय कर उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ दिलाया गया। स्पष्ट है कि मात्र क्रय एजेंसी पी0 सी0एफ0 को छोड़कर अन्य एजेंसियों के स्थिति संतोष जनक है। क्रय एजेंसी पी0 सी0एफ0 का लंबित भुगतान कराये जाने हेतु जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा जिला प्रबन्धक, पी0सी0एफ0, रायबरेली को 03 दिवस के अन्दर कृषकों का लंबित भुगतान शत-प्रतिशत कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। शेष कृषकों का भुगतान यथाशीघ्र उनके खाते में भुगतान सुनिश्चित कराया जायेगा।
जनपद में धान खरीद में 92.04 प्रतिशत कृषकों को भुगतान किया गया, शेष भुगतान की प्रक्रिया जारी
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