Feb 09, 2023
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजादी ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान से भ्रष्टाचार हो रहा है क्योंकि लोग यह सुनिश्चित करने के लिए राजस्व अधिकारियों को रिश्वत दे रहे हैं कि उनके नाम उन लोगों की सूची में नहीं आये जिन्होंने सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया है।
जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्या शुरू हुई, गुपकार गैंग के नेताओं और जम्मू-कश्मीर को बरसों तक अंधेरे में रखने वाले नेताओं को अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल गया है। गुपकार गैंग के फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला हों या महबूबा मुफ्ती या फिर अपनी नई पार्टी बना कर जम्मू-कश्मीर में उसकी सियासी जड़ें जमाने में जुटे गुलाम नबी आजाद जैसे नेता, यह सभी जनता को भ्रमित करने और प्रशासन की ओर से चलाई जा रही मुहिम के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। बुलडोजर चलता देख महबूबा मुफ्ती को लग रहा है कि कश्मीर अफगानिस्तान बनता जा रहा है तो उमर अब्दुल्ला कथित रूप से अपने करीबी लोगों के खिलाफ कार्रवाई से भड़क गये हैं। वहीं डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद भी जम्मू कश्मीर प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं और जनता को भड़का रहे हैं। भड़काते भड़काते वह यहां तक कह गये कि यदि मकान और छोटी दुकानें गिरायी गयीं तो हड़ताल एवं पथराव की संस्कृति की वापसी हो सकती है।
हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजादी ने कहा है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान से भ्रष्टाचार हो रहा है क्योंकि लोग यह सुनिश्चित करने के लिए राजस्व अधिकारियों को रिश्वत दे रहे हैं कि उनके नाम उन लोगों की सूची में नहीं आये जिन्होंने सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया है। गुलाम नबी आजाद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को गरीब लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने देने का आश्वासन देने को लेकर धन्यवाद दिया, लेकिन मांग की है कि त्रस्त लोगों को राहत देने के लिए सरकारी आदेश जारी किया जाना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, महबूबा मुफ्ती दिल्ली पहुँची हुई हैं जहां एक दिन पहले वह राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर उतरीं। महबूबा मुफ्ती संसद तक मार्च करने के इरादे से बोट क्लब इलाके में पहुंचीं थीं जहां उनके दर्जनों समर्थक एकत्र हुए थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था, ”डराना-धमकाना बंद करो, ‘स्टॉप बुलडोजिंग’ (इमारतें ध्वस्त करना बंद करो)।’’ पीडीपी प्रमुख जम्मू-कश्मीर में चलायी जा रही ‘‘बुलडोजर नीति’’ से विपक्षी दलों को अवगत कराना चाहती थीं। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया तथा उन्हें और उनके समर्थकों को जंतर मंतर पर ले गयी। इसके बाद, प्रदर्शनकारी वहां से चले गये।
उधर, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि किसी भी गरीब का घर नहीं उजाड़ा जायेगा और जिन लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है सिर्फ उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह आश्वासन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया है।
उधर, प्रशासन की इस मुहिम को जनसमर्थन भी बढ़ता जा रहा है। प्रवासी कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने सरकारी जमीन को वापस लेने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान का स्वागत किया है तथा इस केंद्रशासित प्रदेश में अलगाववाद को प्रोत्साहित करने में नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की भूमिका की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है। दूसरी ओर, श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस के समर्थकों ने प्रेस इंक्लेव इलाके में प्रदर्शन कर बुलडोजर कार्रवाई को रोकने की मांग की। प्रभासाक्षी संवाददाता ने जब इन लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले प्रशासन की ओर से नोटिस नहीं दिया जा रहा है जोकि गलत है।