भारत सरकार के आने वाले बजट से राज्य कर्मचारियों को उम्मीदें

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(तौहीद अंसारी)। राजेंद्र कुमार त्रिपाठी प्रदेश सचिव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने भारत सरकार से अनुरोध करते हुए कहा है की 2014 में आयकर का जो निर्धारण किया गया था आज भी वही निर्धारण चल रहा है वर्ष 2014 में ढाई लाख रुपए तक आयकर की सीमा शून्य थी तथा 80 सी के तहत छूट की सीमा 150000 दी गई थी तथा स्टैंडर्ड डिडक्शन रू0 50000 निर्धारित किया गया था लेकिन 2014 में जब यह आयकर दायरा निर्धारित किया गया तब सरकार का छठा वेतन आयोग चल रहा था तथा कर्मचारी छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन पा रहे थे और ढाई लाख रुपए तक आयकर सीमा शून्य निर्धारित थी। वर्ष 2014 के बाद सरकार द्वारा 2016 में सातवां वेतन आयोग के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन निर्धारित किया गया। 2016 से 2023 तक सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हुई तथा वर्ष 2014 से 2023 तक 9 वर्ष का समय व्यतीत होने में कर्मचारियों के आय में बढ़ोतरी हुई लेकिन आयकर की सीमा जो विगत 9 वर्षों से निर्धारित होकर चली आ रही है अभी भी वही आयकर सीमा निर्धारित है, जबकि आयकर दाताओं की आय बढ़ने के साथ-साथ समय बढ़ने पर आयकर की सीमा में बढ़ोतरी किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार द्वारा विगत 9 वर्षों से आयकर सीमा बढ़ाने पर कोई विचार नहीं किया गया है। 1 फरवरी 2023 को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 – 2024 का बजट प्रस्तुत किया जाएगा इसलिए सरकार से अनुरोध है कि आने वाले बजट मे आयकर सीमा में बढ़ोतरी करेगी। भारत सरकार से उम्मीदें हैं कि आयकर सीमा जो ढाई लाख रुपए हैं उसे बढ़ाकर रू0 500000 तक शून्य किया जाए तथा 80 सी के तहत जो 150000 की सीमा है छूट है उसे बढ़ाकर ढाई लाख निर्धारित किया जाए तथा स्पेशल कटौती स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50000 से बढ़ाकर एक लाख करते हुए आगामी बजट को प्रस्तुत किया जाए जिससे कर्मचारियों और करदाताओं को राहत मिले। इसके अतिरिक्त सरकार अपने बजट में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की घोषणा करते हुए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन के लिए बजट निर्धारित करें।

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