Jan 15, 2023
मूल रूप से 1 अप्रैल 1895 को ब्रिटिश शासन के तहत भारतीय सेना का गठन किया गया था और इसे ब्रिटिश भारतीय सेना कहा जाता था। वर्ष 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 15 जनवरी, 1949 को ही देश को अपना पहला भारतीय प्रमुख मिला था।
भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ – जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के.एम. करियप्पा की उपलब्धियों को याद करने के लिए भारत हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाता है। इस दिन 1947 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले करियप्पा ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली और स्वतंत्र भारत के पहले मुखिया भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने। करियप्पा और रक्षा बलों को सम्मानित करने के लिए हर साल सेना दिवस मनाया जाता है।
सेना दिवस का इतिहास और महत्व
मूल रूप से 1 अप्रैल 1895 को ब्रिटिश शासन के तहत भारतीय सेना का गठन किया गया था और इसे ब्रिटिश भारतीय सेना कहा जाता था। वर्ष 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 15 जनवरी, 1949 को ही देश को अपना पहला भारतीय प्रमुख मिला था। लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा ने 1949 में भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ का पद संभाला। अंग्रेजों से भारत में सत्ता का हस्तांतरण भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है और इसे सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जवानों को भी नमन करता है।
भारतीय सेना दिवस राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के साथ-साथ सभी मुख्यालयों में परेड और अन्य सैन्य कार्यक्रमों के रूप में मनाया जाता है। 15 जनवरी 2023 को, भारत ने नई दिल्ली में अपना 75वां भारतीय सेना दिवस मनाया। सेना दिवस देश और इसके नागरिकों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों को सलाम करने का दिन है। समारोह देश भर में होते हैं, मुख्य सेना दिवस परेड दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान में आयोजित की जाती है। इस दिन वीरता पुरस्कार और सेना पदक भी प्रदान किए जाते हैं। 2020 में 15 सैनिकों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। परम वीर चक्र और अशोक चक्र पुरस्कार विजेता हर साल सेना दिवस परेड में भाग लेते हैं। सैन्य हार्डवेयर, कई दल और एक लड़ाकू प्रदर्शन परेड का हिस्सा हैं। 2020 में कैप्टन तानिया शेरगिल सेना दिवस परेड की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।
भारतीय सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक है, जो अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘स्वयं से पहले सेवा’ है और इसका मिशन राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना, बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से देश की रक्षा करना और अपनी सीमाओं के भीतर शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को शत शत नमन। 1965 में भारत के प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी “जय जवान जय किसान” जैसा नारा दिया था।